मां के दूध से बच्चे का होता है बौद्धिक विकास: अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस
-मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्र छात्राओं द्वारा स्तनपान जागरूकता नुक्कड़ नाटक का किया आयोजन
शिवपुरी ब्यूरो। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी में शिशुरोग विभाग द्वारा अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस के मार्गदर्शन में डॉक्टर प्रियंका गर्ग के नेतृत्व में एमबीबीएस छात्र छात्राओं द्वारा मेडिकल कॉलेज में विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्तनपान के महत्व को बताया और जागरूक किया। इस दौरान अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि, विभागाध्यक्ष डॉक्टर ईला गुजारिया, विभागाध्यक्ष कम्यूनिटी मेडिसिन डॉक्टर राजेश अहिरवार, सहायक पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित कॉलेज के समस्त वरिष्ठ सीनीयर, जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एमबीबीएस छात्र - छात्राऐं उपस्थित हुए। विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रियंका गर्ग ने स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम के दौरान लोगों को बेस्ट फीडिंग के बारे में जानकारी दी। मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जो कि बच्चे को भविष्य में कई प्रकार के संक्रमणों से भी बचाता है। अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस ने एमबीबीएस छात्र - छात्राओं द्वारा स्तनपान जागरूकता नुक्कड नाटक की सराहना करते हुए कहा कि मां के दूध से बच्चे का बौद्धिक विकास होता है। साथ ही डॉक्टर ईला गुजरिया ने कहा कि स्तनपान कराने से ना सिर्फ शिशुओं को मां के दूध के जरिए सभी पौष्टिक तत्व मिलते हैं, बल्कि एक ब्रेस्टफीड कराना मां की सेहत पर भी पॉजिटिव असर डालता है। बचपन से यदि बच्चे को मां का दूध मुख्य आहार के रूप में ना मिले तो उसके फिजिकल और मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकता है। इससे विकास सही से नहीं होता है. इससे मां और बच्चा दोनों के सेहत पर भी असर पड़ता है।
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