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एसडीएम और बीएमओ ने टीला गांव पहुंचकर जानी मरीजों का हाल चाल, कहा दूषित पानी पीने से फैला गांव में हैजा


 एसडीएम और बीएमओ ने टीला गांव पहुंचकर जानी मरीजों का हाल चाल, कहा दूषित पानी पीने से फैला गांव में हैजा

-पीएचई विभाग के एई आनंद शर्मा ने कहा टीला गांव का पानी नहीं है दूषित

-स्वदेश की खबर का हुआ असर, गांव में विद्युत सप्लाई हुई चालू 

शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम टीला में बीते कुछ दिनों से कुएं का दूषित पानी पीने से एक तीन वर्षीय बालिका की मौत हो गई और गांव में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधीश रविन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशन पर कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव एवं बीएमओ चेतन कुशवाह, जनपद सीईओ अरविन्द शर्मा, रन्नौद तहसीलदार अशोक राजपूत एवं स्वच्छता मिशन के ब्लॉक कॉर्डिनेटर अश्वनी दीक्षित एवं अजय धाकड़ एवं स्थानीय आशा कार्यकर्ता मिथलेश राय एवं गोमती आदिवासी पहुंचकर घर-घर जाकर मरीजों से हाल चाल जाना एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर मरीजों को दवायें उपलब्ध कराई साथ ही उनकी बुखार की जांच भी की गई। इतना ही नहीं बीते रोज स्वदेश ने प्रमुखता से उठाया था कि गांव में विद्युत सप्लाई चालू नहीं हैं, जिसको तत्काल आज चालू कराया गया है।

एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि कुएं के दूषित पानी पीने से सभी ग्रामीणों की बीमार हुए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कुएं के चारों तरफ घाट नहीं होने के कारण बारिश का गंदा पानी कुएं में जा रहा हैं। इस कारण कुएं के पानी वैक्ट्रेरिया हो गए हैं, जिससे पानी दूषित हो गया हैं और के नागरिक इस कुएं के पानी का सेवन कर रहे थे इसलिए गांव में हैजा की बीमारी फैली हैं। आज जिला प्रशासन की टीम ने गांव में पहुंचकर बारीकी से नागरिकों से चर्चा की जिस पर ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लाईट न होने के कारण नलकूपों की मोटर भी नहीं चल पा रही थी जिसके कारण कुएं का पानी पीना पड़ रहा हैं। जिस पर एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने तत्काल एमपीईबी के अधिकारियों को सूचना दी और ग्राम टीला लाईट चालू करने के निर्देश दिए और गांव लाईट चालू कराई, इतना ही नहीं उन्होंने ग्रामीणों को भी निर्देशित किया कि आप सभी लोग दूषित पानी की गर्म पानी पीऐं जिससे आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा। लेकिन वहीं दूसरी तरफ पीएचई विभाग इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि कोलारस अनुविभाग के अंतर्ग कोलारस पीएचई विभाग में ग्रामीण क्षेत्र के पानी का परीक्षण करने के लिए लैब बनाई गई हैं, लेकिन यहां के अधिकारी इस लैब में ऑफिस में ही यहां पदस्थ एई आनंद शर्मा द्वारा 9 अगस्त 2024 सेम्पल लिए गए हैं जिसमें पानी का शुद्ध बताया गया था। लेकिन चिकित्सकों ने इस पानी को दूषित बताया जा रहा हैं, अब जिला प्रशासन के दोनों अधिकारी अपनी-अपनी बातों अडिग बने हुए हैं। लेकिन गांव में आखिर हैजा फैला है तो कैसे यह बड़ा सवाल है? 


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