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बांग्लादेश हिंसा को लेकर जानकी सेना ने प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को सौपा ज्ञापन

 


बांग्लादेश हिंसा को लेकर जानकी सेना ने प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को सौपा ज्ञापन                                                    

-हिंदू धार्मिक स्थलों और हिंदू परिवारों पर हो रहे हिंसक हमलों के विरोध में भारत सरकार से शांति हेतु कठोर हस्तक्षेप की मांग

शिवपुरी ब्यूरो। बांग्लादेश में लगातार जारी हिंसा के विरोध में अब अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन प्रशासन को सौपा है जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री से कठोर हस्तक्षेप करने की मांग की है। ज्ञापन दोपहर 1 बजे प्रशासन को सौपा गया है ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ सप्ताह से बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों और हिंदू परिवारों पर हिंसक हमले हो रहे हैं जिसमें केवल और केवल हिंदू परिवारों के लोग मारे गए है एवं कई मंदिर क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं जिसे एक वर्ग भेदभाव के तहत किया गया अत्याचार भी कहा जा सकता हैं, जो भारत वासियों के लिए बहुत ही दुखद और चिंतनीय हैं क्योंकि भारत हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम की परंपरा का  निर्वहन करता चला आ रहा हैं।

पूरे अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन ने माननीय प्रधानमंत्री से  ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है कि बांग्लादेश में हिंदू परिवारों और धार्मिक स्थलों पर हो रहे हिंसक हमलों के विरोध में भारत सरकार जल्द से जल्द कठोर हस्तक्षेप कर हिंदू परिवारों को शांति दिलाने के लिए अपना उचित कदम बढ़ाने का कष्ट करें। इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय विस्तारक महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास महाराज, महामंडलेश्वर हनुमान दास महाराज, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत, वरिष्ठ मार्गदर्शक अजय शंकर भार्गव, रघुवीर सिंह रावत जनपद अध्यक्ष, वरिष्ठ सदस्य केदार समाधिया, राजेश जैन (प्रेम स्वीट्स),अरुण शर्मा,महिला जिलाध्यक्ष रंजन पचौरी, महिला नगर उपाध्यक्ष रीना खत्री के अलावा सैकड़ो सदस्यगण मौजूद रहे जो अनुशासनात्मक ढंग से नारेबाजी कर रहे थे। आपको बता दें कि  विश्व शांति हेतु निरंतर कार्यरत शांतिदूत की भूमिका में अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन देश से लेकर विदेश के 5 देशों (अमेरिका न्यू जर्सी, वियतनाम, साउथ ली लंदन, दुबई, नेपाल) में 65 हजार से अधिक सदस्यों के साथ प्रत्येक शनिवार को विश्व शांति हेतु सुंदरकांड का पाठ करता हैं। इसी तारतम्य में विश्व शांति हेतु संगठन के तत्वाधान में दो विश्व रिकॉर्ड सुंदरकांड भी किए जा चुके हैं।


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