दूषित पानी पीने से टीला में फैला डायरिया 66 लोग बीमार, 3 वर्षीय बालिका की मौत
-स्वास्थ्य विभाग ने लगाया स्वास्थ्य परीक्षण कैंप
-राजकुमार शर्मा-
शिवपुरी ब्यूरो। दूषित पानी पीने से शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम टीला गांव में हैजा एवं डायरिया तथा बुखा फैल गया जिसके चलते एक 3 वर्षी की बच्ची सुहानी की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बदरवास लगातार गांव के लोग उल्टी दस्त से बीमार हो रहे हैं यहां कोई भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं आए जब बदरवास अस्पताल में मरीज बढ़ने लगे तब बीएमओ को दी तब आज एक पांच सदस्यी टीम बनाकर गांव पहुंचाई, जिसमें डॉ. अमलेश गौतम, डॉ. राजेश जाटव, प्रतीक्षा लोधी एएनएम, हेमलता लोधी आशा सुपरवाईजर, मिथलेश राय, गोमती आदिवासी आशा कार्यकर्ता के साथ पहुंचे, जहां परीक्षण किया तो पता चला कि पूरा गांव में 66 लोग बुखार, उल्टी, दस्त सहित से पीड़ित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। डायरिया से आक्रांत 6 लोगों को जिला अस्पताल शिवपुरी में भर्ती कराया गया है। जबकि एक 3 वर्ष बच्ची सुहानी की मौत हो गई, सुहानी का नाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डिम्पल चौहान ने अंगूरी पुत्री राजाराम बताया है।
बताना होगा कि बदरवास जनपद पंचायत के गांव में टीला में पीने के पानी कुए से लाया जाता है जहां कुएं का घाट न होने के कारण उसमें पानी खुले में बहने वाली नाली का पानी जाता हैं जिससे कुएं का पानी दूषित हो गया और गांव के लोग इसी कुएं के पानी को पीने रहे थे। इस कारण गांव में लगातार उल्टी, दस्त, और बुखार के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे थे। गांव नागरिक लगातार बदरवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अत्याधिक मरीज एक ही गांव के पहुंचे तो स्वास्थ्य विभाग की टीम तत्काल गांव में डायरिया फैलने का अंदेशा लगा और उन्होंने एक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर टीला गांव में लगाया जहां 66 मरीजों को बुखार, उल्टी दस्त के मरीज परीक्षण में मिले। जिनमें चार मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल शिवपुरी भेजा गया जिनमें महिपाल गुर्जर, नीता आदिवासी उम्र 13 वर्ष, अनीता आदिवासी 15 वर्ष शामिल हैं।
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पीएचई विभाग के अधिकारियों ने नहीं लिए पानी के सेम्पल
यहां बताना होगा कि पीएचई विभाग के अधिकारियों द्वारा गांव के पानी के सेम्पल लेना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इस गांव में पहुंचने तक की जहमत नहीं उठाई, जबकि प्रदेश सरकार द्वारा साफ निर्देश है कि गांव के प्रत्येक व्यक्ति को शुद्धजल उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए गांव में जल जीवन मिशन के माध्यम से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना भी लगातार चल रही है।
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लाईट न होने अंधेरे में जीवन जी रहे हैं गांव के लोग
टीला गांव में पिछले कई दिनों से लाईट नहीं हैं इस कारण गांव में अंधेरा पसरा रहता हैं इतना ही नहीं पंखा नहीं चलने के कारण मच्छर काट रहे हैं। इस बारिश के मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ गई हैं, लेकिन गांव में मच्छर मारने वाली दवा का भी छिड़काव नहीं हुआ है इस कारण मलेरिया और फैलने की संभावना बन गई हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन एक बालिका की मौत और 66 मरीज बीमार होने के बाद भी जिला प्रशासन की नींद खुलती है या नहीं।
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