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11 साल से अवैध अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत भृत्य चतुर्वेदी की सेवा समाप्त


शिवपुरी डीईओ की बड़ी कार्यवाही...
11 साल से अवैध अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत भृत्य चतुर्वेदी की सेवा समाप्त
-विभागीय जांच के बाद की गई कार्यवाही, आवेदन के दौरान छुपाई थी जानकारी
शिवपुरी। जिले के करैरा विकासखण्ड अंतर्गत एकीकृत माध्यमिक विद्यालय ढांड संकुल केन्द्र दिनारा में पदस्थ भृत्य विवेक चतुर्वेदी को जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ ने तत्काल प्रभाव से पद से पृथक यानि बर्खास्त कर दिया है। करीब 11 साल पहले 6 जुलाई 2013 में विवेक ने उक्त पद पर अनुकंपा नियुक्ति हासिल की थी, लेकिन उन्हीं के बड़े भाई विशाल चतुर्वेदी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी कि यह नियुक्ति अनुचित तरीके से हुई है। मामले में विभागीय जांच संस्थित की गई थी और जांच रिपोर्ट के आधार पर जब यह साफ हो गया कि विवेक चतुर्वेदी ने अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता न होने के बावजूद यह नियुक्ति हासिल की थी उस पर डीईओ ने तत्काल कार्यवाही करते हुए भृत्य विवेक चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से पद से पृथक कर दिया है। 
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जुलाई 21 में कर दिया था निलंबित
इस पूरे मामले की शिकायत बर्खास्त विवेक के बड़े भाई विशाल ने की थी और प्रारंभिक जांच के बाद 1 जुलाई 2021 को विवेक को निलंबित कर बीईओ कार्यालय करैरा अटैच कर दिया था। इस मामले में निलंबन के बाद जांच में विवेक ने जांच के बयानों में अपनी नियुक्ति को सही बताया था, लेकिन जांच अधिकारी तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य अरविंद त्रिपाठी उमावि कन्या करैरा व प्रभारी बीईओ चंद्रभान सोलंकी शिकायतकर्ता विशाल चतुर्वेदी ने बयान दिए कि उनका छोटा भाई साल 2007 से आबकारी विभाग में कार्यरत है और उसने खुद 2010-11 में अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन डीईओ कार्यालय में प्रस्तुत किया था, लेकिन अपात्र होने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया जबकि 2013 में विवेक को यह नियुक्ति दे दी गई। इस मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि विशाल के एक भाई रामाश्रय चतुर्वेदी शासकीय सेवा में होने से यह नियुक्ति अमान्य है, साथ ही विवेक के द्वारा रामाश्रय की जानकारी छुपाई गई और इस रिपोर्ट के आधार पर कमेटी ने पाया कि उक्त अनुकंपा नियुक्ति अवैध है। इसके अलावा यह भी जांच में सामने आया कि भृत्य के पिता नरेन्द्रचंद्र चतुर्वेदी के द्वारा शासकीय सेवा में कार्यरत पुत्र रामाश्रय चतुर्वेदी को परिवार से पृथक करने का कोई अभिलेख साक्ष्य के रूप में नहीं दिया गया है और यही बिंदु उक्त कर्मचारी की बर्खास्ती का कारण बने हैं। 
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इनका कहना है
उक्त मामले में विभागीय जांच जारी थी और जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि विवेक चतुर्वेदी को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है और इस आधार पर तत्काल प्रभाव से उन्हें पद से पृथक किया गया है। 
समर सिंह राठौड़
जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी
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