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समावेशी विकास प्रकृति के साथ साथ ही संभव: अर्चना सिंह


 समावेशी विकास प्रकृति के साथ साथ ही संभव: अर्चना सिंह

-जिला जज ने किया पर्यावरण केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ

-बाल गृह में लगी है प्रेरक प्रदर्शनी

शिवपुरी ब्यूरो। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को एवं महिला बाल विकास भोपाल  द्वारा प्रयोजित पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम 2024 के अंतर्गत आज मंगलम बाल गृह में (पर्यावरण के साथ सहजीवन) विषय पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।प्रदर्शनी का शुभारंभ जिला जज श्रीमती अर्चना सिंह ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव एवं पूर्व एडीएम विवेक रघुवंशी भी मौजूद रहे।

इस प्रदर्शनी में प्रकृति के साथ हमारे लोक जीवन मे सह अस्तित्व की भावना को चित्रों पर उकेरा गया है।इस अवसर पर बाल गृह के बच्चों द्वारा बनाई गईं वन्य जीवों की पेंटिंग भी प्रदर्शित की गईं।प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए जिला जज श्रीमती अर्चना सिंह ने कहा कि भारत का अतीत हमेशा से प्रकृति के साथ समन्वय का रहा है हम प्रकृति की पूजा करने वाले समाज हैं इसलिए विकास के नाम पर अगर प्रकृति से छेड़खानी की जा रही है तो यह भारत की समृद्ध जीवन परम्पराओं के साथ अत्याचार भी है।श्रीमती सिंह ने कहा कि विकास और प्रगति प्रकृति के साथ पोषण के साथ भी संभव है।उन्होंने नई पीढ़ी के मध्य पर्यावरणीय जागरूकता के लिए मंगलम के प्रयासों की सराहना की।बाल गृह की कला शिक्षक श्रीमती वन्दना शिवहरे द्वारा बच्चों के साथ बनाये गए इको फ्रेंडली दैनिक जीवन के सामान का प्रदर्शन भी प्रदर्शनी स्थल पर किया गया।इस अवसर पर उपसचिव सामान्य प्रशासन श्री विवेक रघुवंशी ने भी प्रदर्शनी का सूक्ष्मता से अवलोकन किया उन्होंने बाल गृह की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और कचरा पन्नी बीनने वाले बच्चों के पुनर्वास के संबद्ध में विस्तार से जानकारी ली। इस मौके पर जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह चिडार,  बाल कल्याण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा,समाजसेवी रेणु सांखला,सहित बाल गृह एवं मंगलम के पदाधिकारी गण मौजूद रहे।


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