बुधनी आए CM डॉ.मोहन यादव:सम्राट विक्रमादित्य सैनिक स्कूल का भूमिपूजन किया, बोले- आज के दौर में विद्या भारती के स्कूलों का महत्व बढ़ा
इस अवसर पर CM डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि मैं उज्जैन से आता हूं, विद्या भारती ने सैनिक स्कूल का नामकरण सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर किया है, मुझे बहुत आनंद आया, हमारे लिए सौभाग्य की बात है। विक्रमादित्य जैसा कोई दूसरा योद्धा नहीं हुआ। सभी क्षेत्रों में उनका दखल रहा है। अगर एक की कल्पना होती कि अगर मैं राजा बनूं तो विक्रमादित्य की तरह।
सीएम ने कहा कि विद्या भारती केवल यहीं नहीं आप प्रदेश में कहीं भी इस तरह के प्रकल्प खोलना चाहेंगे तो मप्र सरकार पलक पावड़े विछाकर सहयोग करने के लिए तैयार रहेगी। विद्या भारती ने देश में नहीं दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। शासन की व्यवस्था में आज मदद मिल रही है। विद्या भारती के स्कूलों का आज के दौर में महत्व ज्यादा बढ़ गया है। नई शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती का अध्ययन अध्यापन और बढ़ना चाहिए।
शिवराज ने सीएम मोहन को आशीर्वाद दिया
पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि डॉक्टर मोहन यादव जी, बुधनी विधानसभा में पहली बार आए हैं, मैं उनका ह्रदय से स्वागत करता हूं। इन शुभकामनाओं के साथ की वे यसश्वी हों और मध्यप्रदेश को और ऊंचाइयों पर ले जाएं। केवल शुभकामनाएं नहीं, मैं बड़ा होने के नाते उनको आशीर्वाद भी देता हूं।
शिवराज ने यह भी कहा कि आज हम सब पुलकित और प्रसन्न हैं। एक अद्भुत प्रकल्प यहां तैयार हो रहा है। विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य कर रही है। मैं विद्या भारती को प्रणाम करता हूं। ये (बुधनी) मेरा क्षेत्र है, जन्मभूमि है, कर्मभूमि है, यहां इतना बड़ा प्रकल्प आ रहा है इसलिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी, महामंडलेश्वर अनंत विभूषित ईश्वरानंद ब्रह्मचारी महर्षि उत्तम स्वामी, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम अरावकर भी मौजूद रहे।
MP में 21 जगह खुलेंगे सैनिक स्कूल
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधनी के बगवाड़ा में नए तरह का सैनिक स्कूल खोलने की मंजूरी दी है। गैर-सरकारी संगठनों (NGO) और निजी स्कूलों के साथ साझेदारी के तहत देश में 100 नए स्कूल खोलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय ने MP के बगवाड़ा, गोविंदनगर बनखेड़ी, मंदसौर सहित 21 सैनिक स्कूलों को स्थापित करने के लिए हरी झंडी दिखाई है। ये सैनिक स्कूल पहले से चल रहे सैनिक स्कूलों से अलग होंगे। इनका संचालन NGO, निजी स्कूलों व राज्य सरकारों की साझेदारी से होगा।
सैनिक स्कूल सशस्त्र बलों के लिए पात्र युवाओं को तैयार करने में मदद करेंगे। ये सैनिक स्कूल संबंधित शिक्षा बोर्डों से सम्बद्धता के साथ ही सैनिक स्कूल सोसाइटी की निगरानी में कार्य करेंगे। अपने नियमित सम्बद्ध बोर्ड पाठ्यक्रम के अलावा वे सैनिक स्कूल अपने पैटर्न में छात्रों को अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम की शिक्षा भी देंगे। रक्षा मंत्रालय ने जिन विद्यालयों को मंजूरी दी है, उनमें गैर सरकारी संगठनों, ट्रस्ट से जुड़े 12 स्कूल, 6 निजी स्कूल और 3 राज्य सरकार के स्वामित्व वाले स्कूल हैं। इनमें 7 नए सैनिक स्कूल डे स्कूल हैं और 14 नए अनुमोदित स्कूलों में आवासीय व्यवस्था है।
परिसर में उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं रहेंगी
सैनिक स्कूल परिसर में आधुनिक शिक्षा की सुविधा, सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इस भवन की नींव नवग्रह विधान, वास्तु पुरुष एवं अन्य सांस्कृतिक मूल्यों पर रखी जा रही है। परिसर में शैक्षणिक खंड, ऑडिटोरियम खंड, रेसिडेंशियल खंड, स्विमिंग पूल, हॉकी मैदान, हॉर्स राइडिंग, शूटिंग रेंज सहित अन्य खेलों एवं साहसिक गतिविधियों के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण की सुविधा रहेगी।
0 Comments