बाल आयोग सदस्य निवेदिता ने दिए ह्यूमन ट्रेफिंकिग का मामला दर्ज करने के दिए निर्देश
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अवैध रूप संचालित मिला हॉस्टल तो बदरवास में बंद कराया मदरसा
-आठवे की मान्यता पर हायर सेकेण्ड्री विद्यालय चला रहे थे संचालक
शिवपुरी ब्यूरो। मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा आज शिवपुरी जिले के प्रवास पहुंची जहां उन्होंने सबसे पहले बदरवास में स्थित एक मदरसा का निरीक्षण किया जो पूर्ण रूप से अवैध संचालित पाया जिस पर तत्काल वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए। इसके बाद टीम शिवपुरी स्थित मनियर रोड़ पर संचालित एसएनव्ही स्कूल में पहुंची जहां पर अवैध रूप से, धर्मशालाओं की तरह हॉस्टल संचालित मिला। जिस पर तत्काल सील करने की बात कही, इतना ही नहीं वहां पर बच्चे गायब होने के मामले में भी ह्मूमन टे्रेफिंकिग का मामला दर्ज कराने के भी निर्देश पुलिस विभाग को दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बताया कि मीडियल स्कूल की मान्यता पर हायर सेकेण्ड्री विद्यालय चलाया जा रहा है यह तो पूर्ण रूप से गलत है। इस अवसर पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा के साथ जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर, डीपीसी विवेक श्रीवास्तव, महिला बाल विकास के राघवेन्द्र शर्मा सहित अन्य विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा को सूचना मिली कि मनियर रोड़ पर स्थित एसएनव्ही विद्यालय में अवैध रूप से हॉस्टल संचालित है। जिस पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने अपनी टीम के साथ विद्यालय पहुंचकर बारीकी से निरीक्षण किया तो स्कूल संचालक मोहन राठौर द्वारा हॉस्टल के सामान को तत्काल तितर वितर करते हुए मिले। इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों को तत्काल बहा से कहीं हटा दिया गया। इतना ही नहीं स्कूल के कमरों ताले डाल दिए गए और अपना निवास बताया गया। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य को भी गुमराह किया। जब उन्होंने इन कक्षों के ताले खुलवाए तो पता चला कि इन कक्षों को बच्चों हॉस्टल के बच्चों सामन सहित उनके संदूक भी मिले जिन पर उनका नाम भी दर्ज था। सूत्रों ने तो यहां तक बताया है कि इस अवैध हॉस्टल में लगभग एक सैकड़ा से अधिक बच्चों निवास कर रहे थे। जब बाल आयोग की सदस्या द्वारा विद्यालय व हॉस्टल के दस्तावेज मांगे गए तो वह भी स्कूल संचालक द्वारा उपलब्ध नहीं करा पाए। जिससे उन्होंने कड़े शब्दों में जिला शिक्षा अधिकारी को सख्त निर्देश दिए तत्काल स्कूल को सील किया जाए और स्कूल संचालक के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाए।
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नीली तिरपाल लगाकर ओपन खिड़कियों को भी कर रखा था बंद
अवैध रूप से संचालित एसएनव्ही स्कूल की बिल्डिंग में बनी खिड़कियों को भी नीली तिरपाल से बंद कर दिया था जिससे किसी को पता नहीं चल सके की स्कूल में हॉस्टल भी संचालित, इस हॉस्टल बच्चों को खुली हवा भी नहीं मिल पा रही थी। इतना ही नहीं एक ही वॉसरूम की व्यवस्था थी। इससे साफ जाहिर होता है कि किस तरह से हॉस्टल बच्चे निवास कर रहे होंगे। जबकि स्कूल संचालक मोहन राठौर का कहना था कि हम गर्मी के मौसम इस तिरपाल को हटा देते हैं।
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जब खुलवाया कक्षा 9 का रूम तो उसमें मिले बच्चों के रहने खाने का सामान
स्कूल के संचालक मोहन राठौर ने निवास के नाम बंद कमरे को जब बाल आयोग सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने खुलवाया तो पहले तो उनकी पत्नि द्वारा विरोध किया गया, लेकिन काफी विरोध के बाद जब कमरा खोला गया तो उसमें बच्चों के संदूक रखे मिले। जिनमें शाही जैन, रावत एवं अन्य बच्चों के नाम पर वॉक्स और उनका खाने पीने संबंधी सामान जैसे घी के डिब्वे और अन्य सामान भी रखा मिला।
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