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वन मंडल शिवपुरी के कोलारस रेन्ज में कैम्पा के दो वृक्षारोपण फोरेस्ट कर्मचारियों की लापरवाही से हुए खत्म

 


वन मंडल शिवपुरी के कोलारस रेन्ज में कैम्पा के दो वृक्षारोपण फोरेस्ट कर्मचारियों की लापरवाही से हुए खत्म 

शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी वन मंडल की कोलारस रेन्ज की सब रेन्ज कोलारस (अ), वीट -सेसई के कक्ष क्रमाक आरएफ - 83 में हीरापुर वर्ष 2020-21 में 50000 पचास हजार रूपए के पौधे रोपित किए गए थे, वर्ष 2019 में सब रेन्ज कोलारस (ब), वीट -सनबारा के कक्ष क्रमाकं क्र-130 में गुढ़ा में भी 50,000 पौधे रोपित किए गए थे, लेकिन दिनांक 07 फरवरी 2024 को उक्त वृक्षारोपणों में 5 पौधों भी नहीं मिले और पुरे वृक्षारोपण में चरवाहे अपनी मवेशी चराते हुए देखे गए। लगभग 200-250 गाय भैंस बकरी आदि मवेशी चारागाह बना हुआ हैं। चरवाहों से बात की तो उनके द्वारा बताया कि यहां हमें कोई नहीं रोकता ना ही कभी कोई यहां पर आता है, उक्त दोनों वृक्षारोपण कैम्पा के होने के कारण प्रत्येक वृक्षारोपण में दो-दो सुरक्षा श्रमिक भी लगाए गए हैं।

वन मंडल शिवपुरी के कोलारस रेंज में कैंपा के दो वृक्षारोपण फोरेस्ट कर्मचारियों द्वारा फर्जी कागजों में लगे हुए हैं। इस तरह से शासन के करोड़ों रूपया बर्बाद करने में कही न कहीं उच्च अधिकारियों की मिली भगत से ही ये हो रहा है, चर्चाएं तो ये भी है, कि डीएफओ की चहेती रेंजर पोहरी में पदस्थ रेंजर श्रीमति श्रुति राठोर को कोलारस रेन्ज का प्रभार इस तरह के भ्रष्टाचार करवाने के लिए दिया गया है।  नहीं तो शिवपुरी और बदरवास दोनों रेन्जें के बीच में स्थित है और दोनों रेंन्जरों के पास एक ही रेन्ज है, परन्तु पोहरी जो कि कोलारस से लगभग 60-70 कि.मी. दूर होने बाद भी मोटी कमाई के चक्कर में खेल खेला जा रहा है। वन मंडल शिवपुरी में हो रहे भ्रष्टाचार जग जाहिर है, लेकिन जहां का खुलासा होता है वहीं लोगों के सामने आ पाता है, यदि सही तरीके से जांच करवाई जाए तो 80 प्रतिशत कार्य कहीं न कहीं भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ रहे हैं, सभी की उम्मीद पिछले वर्ष वन मंडल शिवपुरी का प्रभार जब एक युवा आई एफ एस अधिकारी सुधान्सु यादव द्वारा पदभार ग्रहण किया था तो सभी को उम्मीद थी, की वन विभाग की हालत सुधरेगी परन्तु एक वर्ष का कार्यकाल विवादों भरा रहा और विभाग के लिए और शिवपुरी वासियों की उम्मीदों पर पानी फेरता नजर आ रहा है, इनकी कार्यशैली के बारे में चर्चाएं है ,कि ये दिखावटी कड़क रवैया रखते है, परन्तु अवैध कार्य करने वालों से साठगाठ करने से नहीं चूकते सिर्फ कर्मचारियों को नाजायज प्रताड़ित करते जिसका नतीजा सभी के सामने है। यदि और ऐसा ही चलता रहा तो शायद इसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होगा।

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