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संदेश खाली में महिलाओं के शोषण के विरुद्ध मातृशक्ति सहित विभिन्न संगठनों ने किया निंदा प्रस्ताव

 


संदेश खाली में महिलाओं के शोषण के विरुद्ध मातृशक्ति सहित विभिन्न संगठनों ने किया निंदा प्रस्ताव 

-सरस्वती शिशु मंदिर से विरोध स्वरूप रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी ब्यूरो। जिस प्रदेश की मुख्यमंत्री ही महिला हो और उसी प्रदेश में महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार और अत्याचार हो रहा हो तब ऐसी महिला को प्रदेश की मुख्यमंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं जो स्वयं महिला होकर महिला हितों की रक्षा नहीं कर सकती, हम बात क रहे है पश्चित बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जिनके राज्य में संदेशखाली में सरेआम महिलाओं का शोषण और अमानवीय अत्याचार का कहर ढाया जा रहा है, हम समस्त मातृशक्ति और विभिन्न संगठन संदेशखाली में महिला अत्याचारों को लेकर ऐसी प्रदेश सरकार की निंदा करते है और यहां माननीय राज्यपाल व केन्द्र सरकार से महिलाओं के हितों की रक्षा की मांग करते है। यह आह्वान किया मातृशक्ति संगठन की संयोजिका डॉ.श्रीमती सुषमा पाण्डे व सह संयोजिका श्रीमती किरण उप्पल ने जिन्होंने संयुक्त रूप से भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सीमा शिवहरे, एड. रेणु शर्मा, एकल अभियान की संभाग महिला उपाध्यक्ष श्रीमती ज्योति मजेजी, पतंजलि प्रभारी नमिता गोयल, सहित श्रीमती चन्द्रा मेहता, तृप्ति अग्रवाल, नीलम उपाध्याय, सदभाव संगठन के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल की प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और संदेशखाली में महिलाओं की रक्षा को लेकर सरस्वती शिशु मंदिर से पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर केन्द्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान इस प्रदर्शन में श्रीमती ज्योति शर्मा, सुंदरी चौहान, मीरा सिकरवार, पिंकी गोस्वामी, ममता चौहान, रितु चानना, सुरेखा बख्शी, उमा सिंह, निर्मला शर्मा, वैष्णवी पाराशर, श्रीमती सविता जैन, भाजपा महिला मोर्चा की सुरेखा बख्शी, सोमवती यादव प्रदेश समिति सदस्य भाजपा, कार्यालय मंत्री मुनि शर्मा, रुक्मणी ओझा, सुश्री रमा, श्रीमती रचना, नीलम उपाध्याय, ज्योति शर्मा, एड.मीना दुबे, ज्योति सेन, ममता शर्मा, शोभा वाजपेयी, रूबी शर्मा, अंजू शर्मा, सोनम वाजपेयी, अंजली राठौर, ऊषा बघेल, नम्रता सेंगर, नंदनी परिहार, शशिप्रभा शर्मा, करिश्मा गौर, रामदुलारी आदि सहित करीब डेढ़ सैकड़ा महिलाऐं इस प्रदर्शन में शामिल रही। 

इस घटना का जताया विरोध

मातृशक्ति के द्वारा किए गए इस प्रदर्शन में सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि पश्चिम बंगाल के संदेश खाली में महिलाओं के शोषण और अमानवीय अत्याचारों के विरुद्ध कड़ी निंदा करते हैं एवं आक्रोश प्रकट करते हैं, शासन से इसके विरुद्ध कड़े कदम उठाने की मांग करते हैं ताकि महिलाओं की अस्मिता सुरक्षित रह सके। पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीडऩ की बिडम्बना अत्यंत खेदजनक एवं मानवता को शर्मसार करदेने वाली है, यह गंभीर विषय है, दुर्भाग्य से बंगाल की महिला मुख्य मंत्री महिला होने के बाद भी दुर्भाग्य से महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जननी जन्मभूमि और जगत जननी ऐसी त्रिधाराओं की विशाव मे प्रतिस्थापना करने वाले शोनार बांग्ला में निरीह निरपराध महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीडऩ सर्वथा निंदनीय है, पिछले कुछ वर्षों से 24 परगना जिले के इस सीमावर्ती क्षेत्र में सामाजिक तानाबाना छिनंभिन्न होता दिखाई दे रहा है, अराजकता का माहौल , आसमाजिक तत्वों की सक्रियता अवैध घुसपैठ जनसंख्या को असुन्तलन का प्रयास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अतीव धोखादायक है, उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ,राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, इन सभी कानून व्यवस्था को वाहल करने वाली संस्थाओं द्वारा कडे शब्दों में लताड़े जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होना और अपराधियों को पकडऩे का प्रयास भी न करना बल्कि पूरे मामले को संप्रयदायिकता का रंग चढ़ाना राज्य सरकार की पक्षपातपूर्ण हीन मानसिकता को दर्शाता है। राज्य प्रशासन महिलों की रक्षा करने और उन्हे न्याय दिलाने मे असफल रहा है, महिलाओं का बर्बर बलात्कार और उनका निकृषट यौन शोषण करने का अरोपी शाहजहाँ शेखजैसे अपराधियों को राज्य सरकार का प्राश्रय मिल रहा प्रतीत होता है। सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देने वाली ऐसी स्थिति का समस्त महिला समाज पश्चिम बंगाल सरकार की आक्रोशपूर्वक कड़ी निंदा करता है, उन पीड़ित महिलाओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पुलिस एवं जांच ऐजेंसियों से निवेदन करता है कि अपराधियों को कठोर दंड दिया जाए, साथ ही पीड़ित महिलाओं की शारीरिक मानसिक उपचार के साथ उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, अमानवीय अत्याचार की भोग बनी अपनी पीड़ित भगनियों के कष्टों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सकल हिन्दू समाज की बहने उन्हे आश्वासन देना चाहते हैं हम आपके साथ हैं, अन्याय के प्रति निडर होकर आवाज उठाने के आपके साहस पर हमें आप पर अभिमान है। हम आपकी यथा संभव सहायता करने को तत्पर हैं।


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