बैंक में चोरी का मामला पर्दाफाश
-पीथमपुर से हायर किया था गैस कटर का माहिर,कर्जे को चुकता करने बनाया था गिरोह
शिवपुरी ब्यूरो। खनियाधाना क्षेत्र के गुडर गांव के पंजाब नेशनल बैंक में हुई चोरी के मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। बता दें कि चोर चोरी करने में असफल हुए थे लेकिन चोर भागने में कामयाब हो गए थे। पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बुधवार को चोरी के मामले का खुलासा प्रेसवार्ता कर किया है। बता दें कि 16 जनवरी की रात खनियाधाना थाना क्षेत्र के गुडर गांव में पंजाब नेशनल के करीब 7 से 8 तालों को तोड़कर बैंक के लॉकर को गैस कटर से काट दिया गया था। लेकिन चोर बैंक के लॉकर में रखे करीब आठ लाख रुपए ले जाने में नाकामयाब हो गए थे। उस वक्त चोरी की विफल साजिश को पुलिस गश्ती को माना गया था। इस मामले में आज खनियाधाना थाना पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की हैं वहीं अभी इस मामले में दो आरोपी फरार चल रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि खनियाधाना कस्बे का रहने वाला धीरज साहू इस मामले का मास्टर माइंड है जो एक कियोस्क संचालक भी है। धीरज द्वारा मकान बनवाया गया था साथ दुकान में सामान भी भरा गया था। इससे धीरज पर करीब 15 लाख रूपए का कर्जा हो चुका था। चूंकि धीरज कियोस्क संचालक है उसे बैंक के बारे में भी जानकारी थी। इसी के चलते बैंक और एटीएम में लूट की वारदात को धीरज द्वारा प्लान किया गया था। लूट के लिए धीरज ने एक कार भी फायनेंस करा ली थी।
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यूट्यूब से सीखा था तरिका
धीरज ने लूट की वारदात को अंजाम देने गिरोह में सदस्यों को जोड़ना शुरू किया। धीरज ने अपनी टीम में पीपलखेड़ा गांव के रहने वाले धर्मेंद्र विश्वकर्मा, धर्मेंद्र जाटव, ब्रजेश प्रजापति और मायापुर थाना क्षेत्र के दुर्गापुर गांव के रहने वाले अरविन्द पाल व पिछोर थाना क्षेत्र के नवल जाटव को अपने गिरोह में शामिल कर लिया था। इस टीम में धीरज के अलावा धर्मेद्र और ब्रजेश भी कर्जे में डूबे हुए थे। प्लानिंग के तहत वारदात को अंजाम देने के लिए गिरोह के सभी सदस्यों ने यूट्यूब पर गैस कटर और लूट के तरीकों के कई वीडियो देखी और समझी। बता दें कि इस गिरोह के किसी भी सदस्य को गैस कटर चलाना नहीं आता था। इसके लिए धीरज के पीपलखेड़ा गांव के रहने वाले सदस्यों ने अपने ही गांव के रहने वाले अनिल झा से संपर्क किया। अनिल झा इंदौर के पीथमपुर के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में गैस कटर का काम करता था। अनिल की रजामंदी के बाद पूरी टीम बन गई थी। इसके बाद टीम झांसी से गैस कटर और वारदात में इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदकर लाये थे। इसके बाद गिरोह ने आस पास के बैंक और एटीएम की रेकी करना शुरू कर दिया था।
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बैंक को बनाया निशाना
गिरोह ने खनियाधाना कस्बे के एक एटीएम को निशाना बनाने का भी प्रयास किया था लेकिन प्रयास असफल रहा। इसके बाद गिरोह ने क्षेत्र में ऐसी जगह को चिंनित किया जहां पुलिस चौकी न हो साथ ही गश्ती कम होती हो। रेकी के बाद गिरोह ने खनियाधाना क्षेत्र के गुडर गांव को अपना निशाना बनाया। 16 जनवरी की रात गिरोह के सभी सदस्य कार और बाइक पर सवार होकर गुडर गांव के पंजाब नेशनल बैंक पहुंचे। जहां उन्होंने दो लोगों को बाइक पर बैठा कर गांव के बाहर गश्ती पर लगा दिया था। इसके बाद बैंक के पास के घरों को के बाहर से कुंदी लगा दी थी। इसके बाद अनिल झा ने मिनटों में बैंक के ताले और बैंक में रखे लॉकर के दरवाजे को गैस कटर से काट दिया था। लेकिन इसी दौरान खनियाधाना थाना प्रभारी गश्ती को पॉइंट चेक कर गुडर गांव से सायरन बजाते हुए निकले थे। यही वजह रही कि गिरोह के सभी सदस्य गैस कटर सहित सामान छोड़कर मौके से भाग गए थे। इस घटना के बाद पुलिस लगातार चोरों की तलाश में जुटी हुई थी। आखिरकार साइबर सेल की मदद से पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन गैस कटर में माहिर पीथमपुर से बुलाया गया अनिल झा और ब्रजेश प्रजापति अभी फरार चल रहे हैं। जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
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