महिलाओं के साथ अभद्रता कर की मारपीट
देहात थाना पुलिस की एसपी से शिकायत
-पीड़ित परिवार ने घर में घुसकर मारपीट
के लगाए आरोप
-पुलिस अधीक्षक ने कहा कि निराधार है आरोप
शिवपुरी ब्यूरो/ राजकुमार शर्मा। शहर के देहात थाना क्षेत्र के जवाहर कॉलोनी के रहने वाले एक परिवार ने शुक्रवार को एसपी से मुलाकात कर देहात थाना पुलिस पर गंभीर लगाए हैं। इस दौरान पीड़ित पक्ष ने बताया कि पुलिस ने महिलाओं के साथ अभद्रता और मारपीट की है। गौरतलब है कि इसी परिवार की शिकायत पर देहात थाना पुलिस की एक जांच एसडीओपी के ओर से की जा रही है। परिवार के लोगों का कहना है देहात थाना पुलिस इसी विवाद के राजीनामे को लेकर ऐसा कर रही है।
शिकायत लेकर पहुंची महिला बीना धनावत ने बताया कि यह मामला दीपावली के आसपास का है। जहां किसी मामले में इसके परिवार अमित धनावत को पुलिस ने राउंड अप किया था। रात थाने में रखने के बाद तीन लाख लेकर छोड़ दिया था। इसकी शिकायत अमित धनावत और परिवार ने मिलकर ग्वालियर में डीआईजी से की थी। डीआईजी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। जिसकी जांच शिवपुरी एसडीओपी संजय चतुर्वेदी की ओर से की जा रही है।
वॉक्स:-
सुलह का दबाव बनाने को लेकर घर में घुसने आरोपी
बीना धनावत ने बताया कि देहात थाना पुलिस भतीजे अमित धनावत से राजीनामा करवाने का दबाव मेरे पति अविनाश धनावत पर बनाना चाहते हैं। इसी बात को लेकर देहात थाना पुलिस 31 दिसंबर की रात घर पहुंची थी। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया था। मेरे पति अविनाश और उनका भाई मोहित घर पर नहीं थे। इसी के चलते मैने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस घर में छत से चढ़कर घर में घुसी और महिलाओं के साथ बदतमीजी की। जब हमारे भांजे अभी धनावत ने इसका विरोध करते हुए वीडियो बनाया तो पुलिस ने मारपीट करते हुए मोबाइल छीना लिया। अभी के साथ मारपीट का एक वीडियो भी उनके ओर से एसपी को सौंपा गया है। वही देहात थाना प्रभारी विकास यादव का कहना है कि दर्ज मामले में आरोपित नोटिस लेने थाने नहीं आ रहा था। इसी के चलते अविनाश के घर गश्ती के दौरान पुलिस पहुंची थी। इस दौरान कोई भी पुलिस कर्मी घर में नहीं घुसा और ना ही किसी महिला के साथ अभद्रता की है।
इनका कहना है
इस मामले में पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया का कहना है कि जांच अलग मामले को लेकर चल रही है। एक अलग मामले में आरोपित के खिलाफ मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज है। इस मामले में 7 आरोपी है। जो नोटिस के बाद भी थाने नहीं आ रहे थे। उन्हीं की तलाश में पुलिस पहुंची थी। परिवार की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं।
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