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अवैध रेत का केन्द्र बने करैरा की चितारी, मछावली में और दवरा साहनी गांव

 अवैध रेत का केन्द्र बने करैरा की चितारी, मछाव

ली में और दवरा साहनी गांव, रेत माफियाओं का बोल-बाला

-जिला कलेक्टर के द्वारा खनिज विभाग के माध्यम से कराई जाएगी निगरानी व निरीक्षण, अवैध उत्खनन नहीं होगा बर्दाश्त

शिवपुरी ब्यूरो। करैरा क्षेत्र में इन दिनों जैसे ठेका परिवर्तन हुआ और रेत की एक निजी कंपनी द्वारा कार्य को लिए हैं उसी समय से लगातार अवैध रूप से इस कारोबार में खुले पण्डुबी के सहारे 6-6 घाटों से लगातार अवैध रेत का कारोबार खुलेआम संचालित किया जा रहा है। रेत माफियाओं की दबंगाई का दौर लगातार क्षेत्र में जारी है। शिवपुरी जिले के करैरा क्षेत्र में नवीन ठेकेदारों ने भी अपना दबदबा दिखाना शुरू कर दिया है। मुख्य रूप से करैरा के चितारी में पनडुब्बीयों के सहारे खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन होकर परिवहन जारी है। जिला प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं बल्कि कहीं ना कहीं शासन-प्रशासन की मिलीभगत और खुले संरक्षण से संबंधित खदान ठेेकेदारों को अभयदान दिया जा रहा है।

सूत्र बताते है कि शिवा और मलोहत्रा कम्पनी के कर्ताधर्ताओं द्वारा खुलेआम 10-10 पण्डुबी डालकर इस अवैध करोबार को खुलेआम संचालित किए हुए हैं। अवैध रेत खनन को लेकर करैरा क्षेत्र में मछावली अरोनिजा, बिजौरा,अंदोरा, दबरा साहनी ऐसे क्षेत्र है जहां आए दिन रेत माफिया अपने बुलंद हौंसलों से रेत का कारोबार कर रहे है यहां नियम निर्देशों को ताक पर रखकर उत्खनन और परिवहन का कार्य बदस्तूर जारी है। सूत्र बताते हैं कि शिवपुरी जिले में संचालित खदान क्षेत्रों में आए दिन अवैध खनन माफियाओं की मनमानी और हौसलों की बुलंदी चरम सीमा पर है। यहां शिवपुरी जिले से के करैरा अनुविभाग में नवीन ठेकेदारों के द्वारा इस समय नए-नए रेत माफियाओं के रूप में डेरा डालकर रखा हुआ है। इन माफियाओं की यहां के ग्रामीणों से लगातार तनातनी चल रही है। सूत्र बताते हैं कि करैरा के नजदीक पड़ने वाली मछावली रेत खदान में इस समय हालात बेहद खराब हैं। यहां रेत माफियाओं में पीला सोना जिसे रेत कहा जाता है, को लेकर आमने-सामने कभी भी कोई अप्रिय घटना घटने की स्थिति बन सकती है। 

सूत्र बताते है कि कुछ रेत माफियाओं के गुर्गे फोन पर ग्रामीणों को धमका कर डर और दहशत का माहौल पैदा कर अपनी दबंगाई का प्रभाव दिखाने में भी संकोच नहीं करते, जबकि आसपास पुलिस थाना क्षेत्र होने के बाबजूद भी ग्रामीणों में इन रेत माफियाओं के भय का आतंक आसानी से देखा जा सकता है। यहां प्रशासनिक और राजनैतिक रसूख के कारण इन माफियाओं की कोई शिकायत तक नहीं कर पा रहा है। यदि हालात यही रहे तो वह दिन भी दूर नहीं जब खदानों के संचालन और उत्खनन-परिवहन को लेकर इन खदान क्षेत्रों में गोलीबारी भी हो जाए और कोई अप्रिय घटना घटी तो इसके लिए जबाबदेह और जिम्मेदार कौन होगा? हालांकि जिला प्रशासन को इस बारे में जानकारी और संबंधित मामले से अवगत भी करा दिया गया है और संभावना जताई गई है कि खदानों के इस अवैध गोरखधंधों को लेकर जिल प्रशासन भी उचित कदम उठाकर कार्यवाही करेगा ताकि खदान क्षेत्र के रहवासी अपने जीवन का गुजर-बसर आसानी से कर सके।

इनका कहना है-

खदान क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का अवैध उत्खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, हम खनिज विभाग को निर्देशित करेंगें कि वह समय-समय पर औचक निरीक्षण कर मौके पर पहुंचकर निरीक्षण व निगरानी करें ताकि नियम निर्देशों के मुताबिक ही खदानों का संचालन हो।

रविन्द्र चौधरी

कलेक्टर, शिवपुरी

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