पूर्व सत्र की परीक्षाओं की अंक सूची अभी तक स्कूल संचालकों को नहीं हुई प्राप्त
-अभिभावक और स्कूल संचालक परेशान, मामला शिक्षा विभाग का
खनियांधाना नि.प्र.। शिवपुरी विगत सत्र पूर्व में कक्षा 5 और 8 की परीक्षाएं स्थानीय स्तर पर होती थी पिछले वर्ष राज शिक्षा केंद्र के निर्देश पर पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड की करके परीक्षाएं संपन्न करवाई और जल्दबाजी में पांचवी आठवीं की परीक्षाएं कर ली गई परीक्षा परिणाम भी आ गया, लेकिन दूसरे सत्र की परीक्षाएं आने वाली हैं और पूर्व सत्र की परीक्षाओं की अंक सूची अभी तक स्कूल संचालकों को प्राप्त नहीं हुई, जिसके चलते स्कूल संचालकों को छात्रों और पलकों कोप भाजन बनना पड़ा जबकि इसमें स्कूलों की कोई त्रुटि नहीं थी।
चौथी कक्षा नौवीं में प्रवेश के समय छात्र-छात्राओं को अंक सूची की छाया प्रति की आवश्यकता थी परंतु स्कूल उपलब्ध नहीं करवा पाए अब नए आदेश के अनुसार समस्त स्कूलों को कक्षा पांचवी और आठवीं की अंकसूची प्राप्त करने के लिए राज शिक्षा केंद्र को 50-100 जमा करने के आदेश दिए गए हैं, जल्द बाजी में राशि जमा करने का दबाव शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों पर बनाया जा रहा है। जबकि आरटीई के तहत नि:शुल्क मुफ्त के पढ़ने वाले बच्चों से शुल्क लेने को मना ही रहती है फिर किस तरीके से उन पलकों से और बच्चों से शुल्क ली जावेगी। इसके कोई आदेश पृथक से नहीं दिए गए क्योंकि नि: शुल्क अनिवार्य शिक्षा के अंतर्गत शुल्क लेने की बाध्यता नहीं है, फिर इस प्रकार के तुगलक फरमान क्यों जारी किए जा रहे हैं। जिस करण स्कूल वाले और पालक परेशान है, आगामी परीक्षाओं के लिए भी पूर्व से कोई निर्देश जारी नहीं है, कि जिसके अंतर्गत बच्चों से फार्म भरवाते समय या प्रवेश के समय शुल्क ली जा सके ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी ना हो भाई प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस संदर्भ में ज्ञापन भी दिया है, क्योंकि एक वर्ष व्यतीत होने पर यकायक इतना बड़ा शुल्क का दबाव उचित नहीं है।
वॉक्स:-
आरटीई के बच्चे हैं उनसे तो शुल्क ली नहीं जा सकती है
प्रदेश सरकार एक तरफ तो नि:शुल्क शिक्षा पद्धति की ओर अग्रसर हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर प्राईवेट स्कूलों के में अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं की अंकसूची के नाम पर तुगलकी फरमान जारी कर रही हैं। जिस पर प्राईवेट स्कूल ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसका विरोध किया है। प्रमोद चौधरी जिला अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन शिवपुरी ने कहा कि इस प्रकार का तुगलक की फरमान राज शिक्षा केंद्र का उचित नहीं है परंतु स्कूल चल रहा है तो पालन करना पड़ रहा है इस प्रकार का दबाव ठीक नहीं है क्योंकि नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अंतर्गत जो आरटीई के बच्चे हैं उनसे तो शुल्क ली जा नहीं सकती है ऐसी स्थिति में स्कूलों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा राजकुमार शर्मा प्रदेश सचिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन मध्य प्रदेश।
इनका कहना है।
शासकीय नियमों का हम उल्लंघन नहीं कर सकते हैं तो शर्ते हैं उनका पालन करना होगा। उचित अनुचित हम नहीं बता सकते शुल्क देने के पश्चात ही मार्कशीट दी जावेगी
विवेक श्रीवास्तव
डीपीसी
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