पुराने तालाब पर ही बना दिया, पुष्कर तालाब
-मामला खनियांधाना जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत मसूरी का
खनियांधाना नि.प्र.। खनियांधाना जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत मसूरी में वर्ष 2000-19 में नवीन तालाब निर्माण आदिवासी बस्ती के पास स्वीकृत हुआ था जिसकी राशि 14 लाख 81 थी, जिस पर लगभग 13 लाख 56 रूपए की राशि खर्च कर दी गई इसके बाद तालाब फूट गया था, ग्रामीणों का कहना है कि तालाब पर इतनी राशि खर्च करने के बाद आज तक तालाब की पिचिंक का निर्माण आखिर क्यों नहीं हुआ हैं। जबकि पिचिंग के नाम पर तालाब का निर्माण करने वाले कर्ताधर्ताओं द्वारा पिचिंग के बिल डालकर राशि का आहरण कर लिया गया। सवाल यह उठता है कि यहीं तक बात शांत नहीं हुई इस तालाब के ऊपर पंचायत के कर्तार्धर्ताओं द्वारा अमृत सरोवर तालाब के नाम पर लाखों रूपए की राशि पुन: तालाब स्वीकृत कर दिया गया अब देखना यह है कि इस बात की जानकारी स्थानीय अधिकारियों को होने के बाद भी आज तक किसी अधिकारी जांच करने तक की जहमत नहीं उठाई। जबकि कहने के लिए इंजीनियर से लेकर जनपद सीईओ तक अमृत सरोवर तालाब का भ्रमण कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मसूरी में नवीन तालाब निर्माण कोल वाला नाला आदिवासी वस्ती के मसूरी स्वीकृत वर्ष 2018-19 लागत 14.81 हजार रूपए में बनाना था, लेकिन 13 लाख 56 हजार रूपए खर्च करने के बाद यहीं इंजीनियरों ने इस तालाब के कार्य को पूर्णता दर्शा दिया गया। इसी तालाब के ऊपर पुन: अमृत सरोवर तालाब आदिवासी बस्ती के पास मसूरी स्वीकृत वर्ष 2022-23 में जिस की लागत 36.94 लाख जिस पर खर्च कर दिए गए लेकिन तालाब पुराना ही बना हुआ हैं, सवाल यह उठता है कि जब तालाब पुराना बना हुआ था तो उस पर 36 लाख रूपए की राशि कैसे स्वीकृत कर दी और राशि खर्च करना भी दर्शा रहे हैं और दोनों तालाबों में पिचिंग का निर्माण करना भी दर्शाया गया हैं, लेकिन धरातल पर कोई भी पिचिंग नहीं है आखिर पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के साथ-साथ इंजीनियरों द्वारा इस पिचिंग के निर्माण कार्य का मूल्यांकन कैसे कर दिया गया यह बड़ा सवाल है?
वॉक्स:-
ग्राम पंचायत के सरपंच ने कहा कि पिचिंग पानी में डूबी हुई है
खनियांधाना की जनपद पंचायत मसूरी के सरपंच धनपाल सिंह यादव का कहना है कि पिचिंग पानी में डूबी हुई है, लेकिन इंजीनियरों ने यह पिचिंग इतनी छोटी क्यों बनाई की वह पानी में डूब गई लेकिन पिचिंग हमेशा पानी से ऊपर बनाई जाती हैं, सवाल यह उठता है कि पुनरिक्षित तालाब के नाम पर इस तालाब पर पुष्कर तालाब की राशि निकाली जा रही है। जब इंजीनियर से इस संबंध में चर्चा की तो उनका कहना था कि पुराने तालाब की निकाली गई राशि को कम कर दिया जाएगा।
इनका कहना है।
मैं इस तालाब के मामले को दिखवाता हूं मुझे पुराने तालाब की जानकारी नहीं हैं पुराने इंजीनियर द्वारा कार्य कराया था लेकिन इस पुष्कर तालाब में पुनिरिच्छत के माध्यम से कार्य कराया जा रहा हैं,
राजकुमार धाकड़
इंजीनियर
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