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अमृत सरोवर से न केवल पेयजल मिलेगा बल्कि आजीविका के नए साधन भी सृजित होंगे: सीईओ मरावी


 अमृत सरोवर से न केवल पेयजल मिलेगा बल्कि आजीविका के नए साधन भी सृजित होंगे: सीईओ मरावी

- जिले में 122 अमृत सरोवर तालाब का हो रहा निर्माण 

शिवपुरी ब्यूरो। पानी हमारी जमीन का रक्त है और बिना पानी की बंजर जमीन हम आने वाली पीढ़ी को विरासत में नहीं देना चाहते। प्रधानमंत्री ने जल ही जीवन है के मूल मंत्र को समझा है और देशभर के तालाबों को बचाने का आह्वान किया था और अमृत सरोवर योजना शुरू की गई। अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य तालाबों को पुनर्जीवित करना, उन्हें पर्यटन के लिए आकर्षक बनाना, उनका सौंदर्यीकरण करना, तालाब के चारों तरफ रोशनी की व्यवस्था करना, तालाब के चारों तरफ पेड़ पौधे लगाना एवं स्वच्छता कायम रखना है एवं लोगों को तालाबों के महत्व के प्रति जागरूक करना भी है।

शिवपुरी जिले में अमृत सरोवर योजना का भलीभांति क्रियान्वयन हो रहा है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव मरावी द्धारा इस महत्वपूर्ण योजना को अच्छी तरह से पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं तालाब निर्माण में कोई कमी न रह जाए इसके लिए वह खुद सुबह से ही घर से निकल जाते हैं और जहां निर्माण कार्य चल रहा होता है वहां पर पहुंचकर कार्य की मॉनिटरिंग करते हैं। इसी का परिणाम है कि आज शिवपुरी जिले में अच्छे तालाब बने हैं और उनमें आज पर्याप्त मात्रा में जल भराव है। इन तालाबों के माध्यम से किसानों व ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा साथ ही आसपास के क्षेत्र में गर्मी के समय वाटरलेवल नीचे गिर जाता था तालाब निर्माण के कारण अब वह नीचे नहीं गिरेगा। सीईओ उमराव मरावी ने बताया कि जिले में लगभग एक सैकड़ा से अधिक नए तालाबों का निर्माण व पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार अमृत सरोवर योजना के तहत किया जा रहा है। तालाब के निर्माण होने से उस जगह पर सुंदरीकरण और पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा। गर्मी के समय में भूजल स्तर को बनाए रखने में सहायता मिल सकेगी। इससे किसान के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था हमेशा बनी रह पाएगी। अमृतसर व योजना के अंतर्गत तालाबों में जलीय जीव व पशु पक्षियों को पानी की समस्या गर्मी की समय नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्र में अर्थव्यवस्था मजबूत बन सकेगी। मछली पालन एवं सिंचाई की व्यवस्था हेतु किसानों को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।

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जिले में 122 अमृत सरोवर तालाब बनेंगे

जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी ने बताया कि जिले में 122 अमृत सरोवर तालाब बनाए जा रहे हैं। इन तालाबों की कुल भंडारण क्षमता 37 लाख 65 हजार 106 घन मीटर होगी। 941 हैक्टेयर में सिंचाई सहित 5 हजार 860 क्विंटल मछली उत्पादन कुल 27 सरोवर से होगा। इन तालाबों से 279 ग्राम लाभांवित होंगे। सीईओ ने कहा कि तालाब निर्माण न होने के पूर्व क्षेत्र के समस्त जल स्त्रोत माह मई जून जल स्तर में गिरावट हो जाती थी अब जल स्त्रोतों का जल स्तर अच्छी स्थिति में रहेगा। निर्मित सरोवरों से ग्रामीण क्षेत्र में न केवल पेयजल की उपलब्धता होगी बल्कि लोगो में आजीविका के नए साधन भी सृजित होंगे कालंतर में यह सरोवर जनमानस को आजादी के 75 वे वर्ष की यादे कराती रहेंगी। 

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जाने तालाबों के बनने से क्या बदली स्थिति

— कोलारस क्षेत्र के तहत आने वाले ग्राम टीला में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब का निर्माण करवाया गया। इस तालाब की क्षमता 1 लाख 21 हजार 950 घन मीटर है। वर्तमान में यह तालाब 50 हजार घन मीटर से अधिक भरा हुआ है। तालाब निर्माण न होने से पूर्व क्षेत्र के सभी जलस्त्रोत माह मई—जून में 200 से 250 फीट तक जल स्तर में गिरावट हो जाती थी। अब जल स्त्रोतों का जल स्तर 100 से 150 मीटर पर उपलब्ध है। तालाब निर्माण से 31 हैक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी, 150 क्विंटल मछली का उत्पादन हो सकेगा व 72 परिवार सहित 3 ग्राम लाभांवित होंगे। 

—खनियांधाना के ग्राम मसूरी में बनाए गए तालाब की भराव क्षमता 1 लाख 27 हजार घन मीटर है। इससे 32 हैक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी तथा 200 क्विंटल मछली का उत्पादन होगा इस तालाब से 4 ग्रामों के लोग लाभांवित होंगे। 

—खनियांधाना के ही टाला पहाड़ी में अमृत सरोवर बनाया गया है। इसकी भराव क्षमता 58 हजार 50 घन मीटर है। इस तालाब से 15 हैक्टेयर में सिंचाई व 134 क्विंटल मछली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि इस तालाब के निर्माण से पहले मई व जून माह में जल स्तर 500 से 600 फीट तक गिर जाता था  लेकिन तालाब निर्माण के बाद जल स्तर 250 से 300 फीट तक आ गया है। इसी प्रकार इसी क्षेत्र के गताझलकुई सहित अन्य कई तालाब ऐसे हैं जिससे हजारों किसानों को फायदा होगा व रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे।

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