शिक्षक और आर्मी के मेजर और तहसील के पटवारी के नाम शासन ने स्वीकृत किया पट्टा
-मामला करैरा तहसील का, जहां कुम्हार समाज के लोगों मिट्टी खोदने के लिए शासकीय जमीन को घोषित किया था पट्टा
शिवपुरी ब्यूरो। प्रदेश सरकार लगातार गरीबों को आवास के साथ उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें शासकीय जमीनों के पट्टे मुहैया कराए गए हैं दिए उनमें भी उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने अपने लोगों के नाम जोड़ दिए जिसमें वह शासकीय कर्मचारी हैं जो आज भी शासकीय सेवक के रूप में अपनी सेवाए दे रहे हैं। जबकि गरीब व्यक्ति आज भी रोजी रोटी के लिए मोहताज बना हुआ हैं ऐसे में मुख्यमंत्री जी की मंशा आखिर कार कैसे पूरी होगी जब उनके ही शासकीय सेवा ऐसा काम करेंगे।
करेरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिरसौद में शिक्षक गौरी शंकर पांडे और पटवारी अतुल पांडे पुत्र वासुदेव पांडे निवासी ग्राम सिरसोद तहसील करैरा शासकीय सेवा में रहने के बाद भी करैरा तहसील के आला अधिकारियों द्वारा इन्हें पट्टा दिया गया जबकि इनके पास पहले से ही स्वयं की भूमि सर्वे नंबर 1305,1306, 321, 1323,1324,1325,1326,1327,1329 आदि सर्वे नंबर के पहले से ही भूमिस्वामी है फिर भी इन्हें पट्टा दिया गया, जिस सर्वे नंबर का पट्टा इन्हें दिया गया वह है जमीन आज भी मिट्टी की खदान के नाम से आरक्षित है, जोकि कुम्हार समाज के लोग मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए वहां से मिट्टी भरकर लाते थे जिससे वह अपना जीवन यापन करते थे और आज कुम्हार समाज के व्यक्तियों को मिट्टी नहीं मिलने से समस्या उत्पन्न हो रही है मिट्टी के बर्तन नहीं बना पा रहे हैं,जिससे वह बेरोजगारी की कगार पर खड़े हो चुके हैं। वह जमीन जो मिट्टी की खदान के नाम से आवंटित थी और शासकीय थी जिस भूमि का सर्वे नंबर 1307 ,1328 ,1330, का रकबा 0.67 हेक्टेयर यह भूमि शासकीय थी और इसका पट्टा शासकीय कर्मचारी को दिया गया। जिसमें गौरी शंकर पांडे शिक्षक हैं और इनका बड़ा पुत्र आर्मी में मेजर है और इनका छोटा लड़का इंजीनियर है और इनका छोटा भाई अतुल पांडे पटवारी और इन्हें पट्टा दिया गया जिस शासकीय जमीन का पट्टा इन्हें दिया गया वह जमीन मिट्टी की खदान के नाम से है, जहां से कुम्हार समाज के व्यक्ति मिट्टी खोदकर लाते थे और मिट्टी के बर्तन बनाते थे।
वॉक्स:-
कुम्हार समाज के लोगों ने इस जमीन पर लगाए थे पौधे
स्थानीय प्रजापति समाज के प्रजापति समाज के व्यक्तियों द्वारा फलदार वृक्ष भी लगाए गए थे उन्हें इन दोनों भाइयों के द्वारा नष्ट कर दिया गया है और यह खेती उस जमीन पर करवा रहे हैं गौरी शंकर पांडे और अतुल पांडे पुत्र बासुदेव पांडे के नाम से पहले से ही 35 बीघा जमीन इन दोनों के नाम से है और इनके पुत्र भी अच्छी पोस्टो पर होने के बाद भी इन्हें शासकीय भूमि जो मिट्टी की खदान सर्वे नंबर 1307 ,1328,1330, का रकवा 0.67 हेक्टेयर भूमि जिसका पट्टा इन्हें दिया गया! यह कहीं न कहीं तहसील की घोर लापरवाही को सिद्ध करता हैं। स्थानीय कुम्हार समाज के लोगों ने दोषी लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की बात कहीं है।
0 Comments