बदरवास कॉलेज भवन की बिल्डिंग में हो रहा है खुलेअमा डस्ट का प्रयोग
-3 करोड़ 20 की लागत से बनाई जा रही है बिल्डिंग भवन
- अधिकारियों का नहीं है इस ओर ध्यान
बदरवास नि.प्र.। शासकीय कॉलेज बदरवास की नवीन बिल्डिंग बदरवास की हतनापुर रोड़ खिरिया के पास बनाई जा रही है। बिल्डिंग के निर्माण कार्य का ठेका 3.20 करोड़ रुपए की लागत से लोक निर्माण विभाग द्वारा पीआईयू एजेंसी को दिया गया है। पीआईयू के ठेकेदार ने बिल्डिंग का कार्य एस्टीमेट से नहीं करते हुए मनमर्जी से शुरू किया है। भवन बनाने का कार्य घटिया सामग्री से किया जा रहा है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इस ओर अपना ध्यान आकर्षित नहीं किया है। जिसका तनुष्का इंटर प्राईजेज के माध्यम से कार्य किया जा रहा हैं जिसमें पूर्ण रूप से डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही निर्माण कंपनी के ठेकेदार ने कार्य पूर्ण रूप से घटिया क्वालिटी जिसमें पूर्ण रूप से एम्सेंड का प्रयोग किया जा रहा हैं।
जिसे लोक निर्माण विभाग के पीआईयू विभाग के ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है । जिसमें जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों कि बिना मॉनिटरिंग के करोड़ों रुपए की लागत से निर्माण हो रही बिल्डिंग में अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार की तस्वीरें सामने आने लगी हैं अभी बिल्डिंग वर्क पूरा भी नहीं हुआ है और बिल्डिंग की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं वही नगर के जागरूक जानकारों का कहना है कि उक्त बिल्डिंग कार्य में ठेकेदार द्वारा सेंड की जगह डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है जो शासन की नियम अनुसार शासकीय निर्माण कार्यों में उपयोग करने पर पूर्ण ता: प्रतिबंधित किया गया है इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है । जबकि बिल्डिंग वर्क में उच्च क्वालिटी के (स्टील) लोहे के उपयोग मैं भी कम क्वांटिटी में जंग युक्त लोहे का इस्तेमाल किया गया है एवं सीमेंट भी सस्ते दामो एवं अलग-अलग कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा है और फौंडेशन न्यू में मुरम की जगह मिट्टी से फीलिंग कर वेश बना दिया गया। ज्ञात हो कि उक्त बिल्डिंग कार्य में उच्च स्तरीय जांच होने के बाद ठेकेदार की कई गड़बड़ी एवं भ्रष्टाचार संबंधित लापरवाहीया सामने आ सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा हैं कि श्योपुर और भिड़ में इस तरह के कार्य करने पर अतिरिक्त परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पीआईयू ग्वालियर इंजीनियर पर घटिया कार्य करने एवं 100 प्रतिशत एम्सेंड का प्रयोग करने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया हैं। क्या यह कार्य शिवपुरी में भी की जाएगी क्योंकि इन दोनों भवनों में भी 100 प्रतिशत एम्सेंड का प्रयोग किया जा रहा है।
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