सामाजिक समरसता के साथ-साथ राष्ट्रवाद की भावना जागृत करते हैं विद्यालय के वार्षिकोत्सव सम्मेलन: गायत्री शर्मा
-वर्तमान समय में संस्कारों के साथ शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं सरस्वती शिशु विद्या मंदिर विद्यालय: पुलिस अधीक्षक
-84 हजार विद्यालयों में 90 लाख भैया बहिन शिक्षा ग्रहण कर देश का नाम कर रहे हैं रोशन: विभाग कार्यवाह राजेश भार्गव
शिवपुरी ब्यूरो। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर हाईस्कूल अस्पताल चौराहे का वार्षिक स्नेह सम्मेलन भैया बहिनों के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों में एकता, सामाजिक समरसता के साथ राष्ट्रवाद की भावना जागृत िकरती है। उन्होंने कहा कि कार्यर्क्रम के दौरान सरस्वती शिशु मंदिर के भैया बहिनों ने जो प्रस्तुतियां दी है उनसे हमें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है जो हम सोच नहीं सकते वह सोच बच्चों ने अपने कार्यक्रम के दौरान लोगों के जहन में पहुंचाने का काम किया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि शिक्षा तो हमें कहीं भी प्राप्त हो सकती है, लेकिन संस्कारों के साथ शिक्षा का एक मात्र केन्द्र बिन्दु सरस्वती शिशु मंदिर है उन्होंने कहा कि आज हमें संस्कारों की वेहद आवश्यकता है, क्योंकि पाश्चात सभ्यता एवं आधुनिकता की चकाचौध के कारण हम शिक्षा तो गृहण कर रहे हैं और इससे अच्छे पैकेज पर नौकरियां भी प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन इस सबके कारण कहीं न कहीं हम भारतीय संस्कार और संस्कृति से विमुक होते जा रहे हैं। संस्कारों के अभाव में कई तरह के अपराध देखने और सुनने को मिल रहे हैं। यदि संस्कार युक्त शिक्षा ग्रहण करने से रोजगार के साथ-साथ अच्छी जीवन शैली भी हमें प्राप्त होगी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह राजेश भार्गव ने विद्या भारतीय द्वारा संस्कार युक्त शिक्षा देने वाले सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की जीवन गाथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्या भारती द्वारा प्रथम विद्यालय 1979 में गोरखपुर में एक पौधे के रूप में प्रारंभ किया था आज यह पौधा बट वृक्ष का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि देश भर में 84 हजार विद्यालयों के माध्यम से 90 लाख भैया बहिन प्रतिवर्ष संस्कार युक्त शिक्षा ग्रहण कर अपने-अपने क्षेत्र में देश का नाम विश्व पटल पर रोशन कर रहे हैं। इन विद्यालयों में 90 हजार आचार्य दीदियां शिक्षा देने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दी जाने वाली शिक्षा को विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों ने अभियान के रूप में लेकर इसे लागू करने के लिए संसाधन जुटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय के प्र्रबंधक पवन शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, संस्कारित शिक्षा पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ अतिथियों द्वारा माँ भारती एवं सरस्वती माँ की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेलन, मुख्य वक्ता राजेश भार्गव विभाग कार्यवाह, विशिष्ठ अतिथि पवन शर्मा प्रबंधक विद्यापीठ, तात्याटोपे बालकल्याण समिति के अध्यक्ष कुंजबिहारी चतुर्वेदी का विद्यालय प्राचार्य गोपाल राठौर, दीदी शोभा वाजपेयी, आचार्य उमेश प्रधान ने शॉल श्रीफल व स्मृति चिन्हि भेंट किया। वहीं व्यवस्पाक उमेश भारद्वाज द्वारा विद्यालय की गतिविधि व आगामी योजनाओं के बारे में वाचन किया, मंच का संचालन दीदी ज्योति सैन ने एवं आभार व्यक्त कुंजबिहारी चतुर्वेदी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भैया बहिनों द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों ने उपस्थित अभिभावक, गणमान्य नागरिक, पत्रकारों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
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