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आज से 28 जनवरी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

 


आज से 28 जनवरी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

-जिले की सभी आंगनबाड़ियां केन्द्र रहे बंद, नहीं बटा मध्यान्ह भोजन 

शिवपुरी ब्यूरो। मध्य प्रदेश में आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर समय-समय प्रदर्शन कर अपनी मांगों को मनवाने के लिए ज्ञापन सौंपती रहीं हैं। इसके बावजूद उनकी मांगो को सरकार ने अब तक नजरअंदाज किया था। इसी के चलते शिवपुरी जिले की सैंकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने आज अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर 6 दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। जिससे जिले की सभी आंगनबाड़ीयों का कामकाज ठप हो गया है इसके चलते आज जिले भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं धरने पर चले जाने के कारण मध्यान्ह भोजन का वितरण नहीं हो सका। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने रैली निकाली और कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं छह दिन के लिए धरने पर बैठ गई हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ जिला शिवपुरी की जिला अध्यक्ष साधना पाठक का कहना है कि सरकार से उनके नियमितीकरण की मांग लम्बे समय से लगातार की जा रही है। लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। अगर सरकार जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानेगी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की जाएगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की संघ अध्यक्ष श्रीमती साधना पठाक ने बताया कि पूर्व में सरकार जगाने के लिए हमने एक ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह को सौंपा था। लेकिन उनकी सुनवाई आज दिनांक तक नहीं की गई। इसी के चलते शिवपुरी जिले के सभी आंगनबाडी केंद्रों को 23 जनवरी से 28 जनवरी तक बंद रखे जाएंगे और धरना आंदोलन जिला मुख्यालय पर दिया जाएगा। जिससे उत्पन्न किसी भी विपरीत परिस्थितियों के लिए समस्त जबावदेही शासन और प्रशासन की हैं। श्रीमती पाठक का कहना है कि सवसे पहली मांग आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने आंगनबाड़ी बहिनों को घर से किराया देना पड़ रहा हैं क्योंकि पिछले 6 माह से आंगनबाड़ी भवनों का किराया नहीं आया वहीं तीन-तीन माह तक वेतन नहीं मिल पा रहा है ऐसी विषम परिस्थितियों में महिलायें कैसे कार्य करें। एक तरफ तो महिलाओं को बढ़ाने की बात सरकार कर रही हैं लेकिन आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के साथ यह व्यवहार कहां तक सही वहीं  सरकार द्वारा पंचायतों के मानेदय एवं जनप्रतिनिधियों का मानदेय लगातार बढ़ाया जा रहा हैं, लेकिन हमारी बहिनों को शासन द्वारा लगातार काम तो कराए जाते हैं लेकिन उनके हितों की चिंता आखिर कब की जाएगी। 


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