-शासकीय विद्यालय सिंकदपुरा, दौरानी, परासरी, चक्क स्कूल समय में थे बंद
शिवपुरी ब्यूरो। पोहरी संकुल केंद्र में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से चौपट बनी हुई हैं। संकुल प्राचार्य की मनमानी से जन शिक्षक एवं शिक्षकों द्वारा शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से ठेके पर उठा दिया है। विगत एक वर्ष से संकुल पर एक भी बाबू पदस्थ नहीं है जबकि विकासखंड में चार बाबू बी ओ ऑफिस में पदस्थ है और एक अकाउंटेंट जन शिक्षा केंद्र छर्च में पदस्थ है, दो बाबू भटनावर संकुल में भी पदस्थ हैं । संकुल केंद्र आधा सैकड़ा से अधिक शासकीय शिक्षक होने के बाद भी 231 अतिथि शिक्षक माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित कराने के लिए लगाए गए हैं फिर भी, आज शिक्षा विभाग के अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सिकंदपुरा, दौरानी, परासरी व चक्क के स्कूलों में निरीक्षण के दौरान ताले झूलते मिले, जिसकी विधिवत रूप ग्रामीणों के माध्यम से पंचनामा भी तैयार किया गया। अब देखना यह है कि समय पर स्कूल न पहुंचने वाले शिक्षकों पर आखिर क्या कार्यवाही होती है।
जानकारी के अनुसार पोहरी संकुल क्षेत्र में शिक्षकों द्वारा अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से अपने सगे संबंधियों को अतिथि शिक्षक नियुक्त कराया गया और उसके एवंज में सुविधा शुल्क के रूप में 5,000 से लेकर 10000 तक की राशि से अपनी नियुक्ति कराई है, जिनमें से आधा सैकड़ा अधिक शिक्षक ऐसे हैं जो कि नियमित स्कूल नहीं आते हैं, इसी का एक उदाहरण हैं। कई विद्यालयों में 10 से 15 छात्र-छात्राएं ऐसे विद्यालयों में भी दो-दो अतिथि बिठाल रखे हैं संकुल पर विवादास्पद की स्थिति प्राचार्य से बनती रहती है, परंतु आज तक ठेकेदारों पर कोई भी कार्यवाही वरिष्ठ कार्यालय द्वारा नहीं की गई है। यदि इसकी जांच कराई जाए तो कई लोग कार्यवाही के दायरे में आ सकते हैं, जन शिक्षकों से एवं शिक्षकों से बाबू गिरी का काम करा रहे हैं इनको सर्विस बुक एवं बेहतर बेंडर एवं पासवर्ड एवं ई सर्विस बुक का भी ठेका दे रखा है जरा से काम के लिए शिक्षक जाता है तो उल्टे सीधे पैसे वसूले जा रहे हैं। फिर भी स्कूलों के ताले नहीं खोले जा रहे हैं। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ जिला प्रशासन आखिर क्या कार्यवाही करेंगा।
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विद्यालय बंद होने साथ-साथ स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन भी बंद
पोहरी संकुल के सिंकदपुरा, दौरानी, परासरी, चक्क यदि बारीकी से जांच की जाए तो पता चलता हैं कि जिन विद्यालयों के ताले लटके हैं उनमें आधा सैकड़ा से बच्चे एक-एक विद्यालय में दर्ज और इनके नाम से मध्यान्ह भोजन समूहों द्वारा दिया जाना बताया जा रहा हैं जबकि ग्रामीणों का कहना है कि 15 दिन में एक दिन विद्यालय खुलता हैं तो फिर कैसे मध्यान्ह भोजन का वितरण हो रहा होगा। इसमें भी कहीं न कहीं टीचरों की भी मिली भगत बताई जा रही हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार को भी खुले रूप से अंजाम दिया जा रहा हैं।
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एक शिक्षक विजयपुर तो दूसरा शिवपुरी में, कैसे करें बच्चे शिक्षा ग्रहण
जनशिक्षक स्कूल स्कूल पहुंचकर जब शिक्षकों को फोन लगाकर जानना चाहा तो पता चला एक शिक्षक प्रकाश जाटव विजयपुर होना बताया तो वहीं दूसरे शिक्षक देवेन्द्र भार्गव से पता किया तो उनका कहना था कि में शिवपुरी हूं जब स्कूल समय में दोनों शिक्षक विद्यालय से गायब थे और बच्चे बाहर खेल रहे थे विद्यालय में ताला डला हुआ था। यह स्थिति कहीं और नहीं पोहरी ब्लॉक के दौरानी विद्यालय की थी।
इनका कहना है।
विद्यालय बंद के संबंध में जब आपने सूचना दी हैं यदि स्कूल समय स्कूल बंद हैं तो वहां पदस्थ शिक्षकों की वेतन काट कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
आरके श्रीवास्तव
प्राचार्य
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