-6 साल पहले विद्यालय भवन शिक्षक को किया सुपुर्द, लेकिन आज तक भवन में नहीं लगी कोई भी क्लास
बदरवास नि.प्र.। बदरवास जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत झूलना के बेरखेड़ी में सर्व शिक्षा अभियान द्वारा लगभग 12 लाख रूपए की लागत से नवनिर्मित भवन का निर्माण कराया था, लेकिन आज तक इस भवन शुभारंभ होने से पहले ही अपना अस्तित्व खोता नजर आ रहा है। यहां भवन के चारों तरफ एक ग्रामीण द्वारा विद्यालय भवन की बागढ़ करके विद्यालय के खेल मैदान पर फसल उगा रखी हैं। स्थिति यहां इस भवन में शिक्षक तक प्रवेश नहीं कर पा रहा हैं वहां एक ग्रामीण द्वारा खुला कब्जा करके अपने जानवरों को बांध रखा है।
शिक्षक रामवीर धाकड़ से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन निर्माण के समय से ही छत से पानी आता हैं, और खिड़कियों में आज तक जाली नहीं लगी हैं और शेफ्टी टेंकर तो खुदवा दिया गया और उसे आज तक नहीं डका गया। जबकि सब इंजीनियर द्वारा पूरे भवन की सीसी जारी कर दी आखिर यह कैसे? जबकि इस भवन में अभी से गायों की गौ शाला के रूप में उपयोग किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त कक्ष में भूसा भरा हुआ हैं। इससे साफ जाहिर होता हैं आज भी बेरखेड़ी में पुराने भवन में स्कूल संचालित हैं। वह भवन भी दुर्दशा का शिकार बना हुआ हैं इस बात की डीपीसी कार्यालय में भी दी गई इसके बाद भी आज तक कोईर् कार्यवाही नहीं हो सकी है। अब देखना यह है कि नवीन भवन की बिल्डिंग आखिर ठेकेदार द्वार सुपुर्द भी कर दी गई इसके बाद भी आज तक बच्चे में शिक्षा नहीं बैठ सके हैं। शिक्षक रामवीर धाकड़ का कहना है कि जब ठेकेदार को मैने कुछ काम अधूरे बताए थे और उन्होंने मुझे बिल्डिग सुपुर्दगी लिखवाली थी लेकिन अधूरी बिल्डिंग को आखिर मैं कैसे ले लू।
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वर्ष 2014 से आज तक मीडिल स्कूल में नहीं आया कोई भी स्टाफ
ग्राम पंचायत झूलना के बेरखेड़ी में प्राईमरी एवं मीडियल स्कूल संचालित हैं जबकि यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं उप चुनाव के समय अच्छे मत प्राप्त होने की स्थिति में धन्यवाद सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्वयं घोषणा की थी कि यहां मीडिल स्कूल संचालित हैं इसके बाद यहां हाईस्कूल जल्द ही घोषित किया जाएगा। लेकिन वर्ष 2014 से आज तक यहां मीडिल स्कूल कोई शिक्षक तक पदस्थ नहीं हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षा स्तर क्या होगा यह आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं।
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छात्र एवं छात्राओं को शौंचालय का अभाव
बेरखेड़ी में एक ही जगह प्राईमरी एवं मीडिल स्कूल संचालित होते हैं इसके बाद भी यहां बच्चों को खुले में लघुशंका और शौचालय के लिए जाना पड़ता हैं। पंचायत द्वारा वर्ष 2012 में बनाया गया था। बरसात में क्षतिग्रस्त हो गया हैं। जबकि मरम्मत दो बार कराई गई हैं। उप चुनाव में मरम्मत कराई जिसमें साढे सात हजार रूपए खर्च भी किए गए इसके बाद भी आज शौचालयों की दुर्दशा के शिकार बने हुए हैं इसलिए बच्चे आज भी खुले में लघुंशंका के लिए जाते हैं।
इनका कहना है।
मैने बेरखेड़ी विद्यालय की बिल्डिंग वर्ष 2016 में ही शिक्षक रामवीर धाकड़ को सुपुर्द कर थी, लेकिन यदि रामवीर धाकड़ द्वारा आज तक कक्षायें उसमें क्यों नहीं लगाई गईर् यह तो वहीं बता सकते हैं, जब रामवीर धाकड़ से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन आज भी अधूरा हैं मैने जो कमी आवेदन में लगाई थी वह पूरी कर दें तब भवन को अपने सुपुर्द लूंगा।
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