-छात्र छात्राओं को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने नि:शुल्क बस उपलब्ध कराई
-जंगली जानवरों के साथ-साथ प्रवासी पक्षी और एलीगेटर भी दिखाई दिए
शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित संख्या सागर झील जो कि रामसर साइट में शामिल की गई है, इस जैव विविधता से भरे क्षेत्र में शिवपुरी के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल आदर्श नगर के 60 सदस्यीय छात्र-छात्राओं के दल ने विद्यालय स्टाफ के साथ शैक्षिक भ्रमण कर माधव राष्ट्रीय उद्यान और संख्या सागर झील की जैव विविधता का अध्ययन किया।
आदर्श नगर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के इस दल को भ्रमण के लिए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष लाइन अशोक ठाकुर ने एसोसिएशन की ओर से निशुल्क स्कूल बस उपलब्ध कराई। जिसे एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों प्रिंस उपाध्याय विनोद शर्मा महिपाल अरोरा आदि ने हरी झंडी देकर रवाना किया। छात्र छात्राओं के इस दल ने माधव राष्ट्रीय उद्यान संख्या सागर झील के अलावा ऐतिहासिक सुरवाया गढ़ी का भी भ्रमण किया और इन स्थानों की विशेषताओं को अपने यात्रा संस्मरण में स्थान दिया। यूं तो माधव राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश के लिए डेढ़ हजार शुल्क निर्धारित है लेकिन वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह के चलते सीसीएफ़ ने स्कूली बच्चों के इस शैक्षिक भ्रमण को शुल्क मुक्त कर उन्हें नजदीक से वन्य जीवन से रूबरू होने का अवसर दिया। स्कूली बच्चों ने अपने यात्रा अनुभव शेयर करते हुए बताया कि माधव राष्ट्रीय उद्यान में जहां उन्हें नीलगाय चीतल सांभर हिरण दिखाई दिए लेकिन लेपर्ड यानी तेंदुआ उन्हें दिखाई नहीं दिया उसके पग मार्क जरूर दिखाई दिए उधर झील किनारे का जो दृश्य अवलोकन छात्र-छात्राओं ने किया वहां उन्हें एलीगेटर और क्रोकोडाइल झील किनारे दिखाई दिए और तो और संख्या सागर झील में कुछ प्रवासी पक्षी भी इस दौरान डेरा डाल चुके थे जिन्हें भी इन बच्चों ने भ्रमण के दौरान निहारा। सरकारी स्कूल के भ्रमण दल ने माधव राष्ट्रीय उद्यान के चट्टानी एरिया में पाई जाने वाली वनस्पतियों को भी अपने अध्ययन में समाहित किया। जॉर्ज कैसल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को भी बड़े गौर से लिपिबद्ध किया जब यह दल सुरवाया गढ़ी पहुंचा तो वहां स्थित मठ और अन्य संरचनाओं की निर्माण कला को भी जाना तथा वहां लगे शिलालेख को भी अपने अध्ययन का विषय बनाया। भ्रमण दल के साथ विद्यालय के शैक्षिक स्टाफ में कैलाश भार्गव भगवत शर्मा हरी राम मिश्रा मनोज पुरोहित श्रीमती ज्योति भार्गव श्रीमती अर्चना राठौर आदि ने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया।
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