फौती नामांतरण के एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ाया पटवारी
- रिश्वत मांगने और रुपये लेने के लिए पटवारी ने रखा हुआ था असिस्टेंट
बदरवास।
लोकायुक्त ने बदरवास में कार्रवाई करते हुए एक पटवारी को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। पटवारी ने फौती नामांतरण के बदले 8 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पटवारी रन्नौद से 5 हजार रुपये लेने के लिए बदरवास आया था तब लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रन्नौद में पदस्थ पटवारी जगदीश अहिरवार ने लगदा निवासी जगभान सिंह लोधी से फौती नामांतरण के बदले 8 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पिछले मंगलवार को जगभान ने जगदीश को 2 हजार रुपये दे भी दिए थे। इसके बाद जगभान ने इसकी शिकायत लोकायुक्त ग्वालियर में की। यहां से लोकायुक्त ने अपनी निगरानी में पटवारी और फरियादी की बात कराई। जब सोमवार को रुपये देने की डील फाइनल हो गई तो टीम ने फरियादी को रुपये लेकर भेजा। पटवारी जगदीश अहिरवार रुपये लेने के लिए रन्नौद से अपने साथी बहादुर जाटव के साथ बदरवास आया। यहां उसने फरियादी को ठाठी हल्के पर पदस्थ पटवारी सुभाष मालवीय के कमरे पर बुलाया। तब सुभाष वहां पर मौजूद नहीं था। जैसे ही फरियादी जगभान ने पटवारी को 5 हजार रुपये दिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया। पुलिस ने बहादुर को भी पकड़ा है क्योंकि पटवारी ने उसी के जरिए रिश्वत मांगी थी। कार्रवाई में लोकायुक्त निरीक्षक ब्रजमोहन सिंह नरवरिया, निरी. राघवेंद्र सिंह तोमर, निरी. सुरेंद्र सिंह यादव, निरी. अंजलि शर्मा, प्र.आर. हेमंत शर्मा के साथ आरक्षक नेतराम राजौरिया, देवेंद्र पवैया, विनोद शाक्य, अमर सिंह, बिशंभर आदि की भूमिका रही।
रिश्वत लेने रखा था असिस्टेंट, वही करता था पूरी डील
पटवारी जगदीश ने रिश्वत लेने की डील करने के लिए एक असिस्टेंट बहादुर जाटव रखा हुआ था। जो लोग काम लेकर जगदीश के पास आते थे उन्हें बहादुर कॉल करता था और रुपयों की मांग करता था। पटवारी सीधे बहुत कम डील करता था। यह डील भी उसने बहादुर के जरिए ही की थी। यही िस्थति कई अन्य पटवारियों की भी है।
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