-शिशु मंदिरों से निकले पूर्व छात्र देश के अलग-अलग क्षेत्र में कर रहे हैं नाम रोशन
-संस्कार पूजन के साथ माँ सरस्वती की प्रतिमा का किया अनावरण
शिवपुरी ब्यूरो। विद्याभारती मध्य भारत प्रांत की योजना अंतर्गत सरस्वती शिशु मंदिर अस्पताल चौराहा शिवपुरी में बसंत पचमी के पावन अवसर पर विद्यारंभ संस्कार पूर्ण वैदिक पद्धति के साथ किया गया। इस अवसर पर माँ सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विद्या भारती के प्रांतीय सचिव शिरोमणी दुबे ने अपने वौद्धिक में कहा कि विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर संस्कार देने का कार्य कर रहा हैं उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख आचार्य दीदी 35 लाख बच्चों को संस्कार के साथ-साथ शिक्षा देने का कार्य करने में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं इन विद्यालयों से संस्कार लेकर निकले 30 लाख पूर्व छात्र एवं छात्रायें देश के अलग-अलग स्थानों पर बैठकर राष्ट्र को ध्यान में रखते हुए कार्य करने में लगे हुए हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला प्रतिनिधि व समिति के अध्यक्ष कुंजबिहारी चतुर्वेदी ने संबोधित किया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में विद्यापीठ के प्रबंधक पवन शर्मा व विभाग समन्वयक चन्द्रहंस पाठक शिशु मंदिर के व्यवस्थापक उमेश भारद्वाज पूर्व जिला संघ चालक पुरूषोत्तम गौतम मंच पर मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन दीदी ज्योति सैन व आचार्य उमेश शर्मा ने किया। अतिथि परिचय आचार्य अखिलेश शर्मा व भूमिका प्रधानाचार्य गोपाल राठौर ने रखी।
श्री दुबे ने आगे कहा कि मनुष्य जन्म से पूर्ण पैदा नहीं होता उसे हर पर संस्कारों की आवश्यकता होती हैं। उन्हें यह बताते हुए बड़ी खुशी हैं कि शिशु मंदिरों में अध्ययनरत छात्र एवं छात्रायें आगे चलकर महापुरूषों की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराते हैं। वहीं उन्हीं में से कुछ छात्र देश की रक्षा हेतु सीमाओं पर दुश्मनों से जमकर लोहा लेते हैं। उन्होंने शिवपुरी के आशीष गौतम का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने पूरे साहस और हिम्मत के साथ अफगानिस्तान पहुंचकर वहां से भारतीयों को सुरक्षित वापस भारत लाने का साहसिक कार्य किया। श्री दुबे ने आगे कहा कि लोग सोचते थे कि महाकाले की शिक्षा पद्धति को कोई बदल नहीं सकता। लेकिन साहसिक कदम रखते हुए इस शिक्षा पद्धति को बदल कर एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में लागू की जा रही हैं।
बसंत पंचमी के अवसर पर प्रांत भर में आज विद्यारंभ संस्कार कार्यक्रम किए गए इसीक्रम में शिवपुरी में भी विद्यारंभ संस्कार के साथ-साथ माँ शारदे की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित व वेदों की पूजा अर्चना की तत्पश्चात कलश यात्रा सरस्वती प्रांगण से प्रारंभ होकर अस्पताल चौराहा से होते हुए माँ राज राजेश्वरी दरबार पहुंची जहां पुजारी द्वारा विधि विधान से वेदों की पूजा की। घोषवादन के साथ कलश यात्रा के पश्चात मुख्य अतिथियों ने विद्यालय में ऑन लाईन कक्ष का लोकार्पण किया। वहीं लगाई गई प्रदर्शियों का अवलोकन किया। सरस्वती प्रतिमा के अनावरण के बाद यज्ञोपवीत व पट्टी पूजन भी पूरे मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में संघ के जिला संघ चालक विपिन शर्मा, विभाग कार्यवाह राजेश भार्गव, सह विभाग कार्यवाही राजेश गोयल, समिति के पूर्व व्यवस्थापक कृष्ण देव गुप्ता, भगवती गुप्ता, विद्यापीठ के प्राचार्य उमाशंकर भार्गव, समिति के सह सचिव दीनकर नीखरा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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पूर्व छात्र और व्यवस्थापक का किया सम्मान
बसंत पचमी के अवसर पर विद्यालय में अध्ययनरत पांच पूर्व छात्र व एक छात्रा का जिसमें संदीप सिंघल, उमेश मित्तल, मस्तराम रावत का शॉल श्रीफल देकर मुख्य अतिथि शिरोमणी दुबे ने सम्मानित किया वहीं विद्यालय के प्रथम व्यवस्थापक गोपालकृष्ण सिंघल व पुरूषोत्तम गौतम का भी सम्मान किया गया। मातृ शक्ति के रूप में उपस्थित श्रीमती रेखा भारद्वाज, श्रीमती पुनीता शर्मा, श्रीमती अर्चना, श्रीमती सरला वर्मा ने शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया।
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