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अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं भू-माफिया, आशियाने की चाहत में फंस रहे लोग

- शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी शहर में इन दिनों कृषि भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनियों के निर्माण का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा हैं। संगठित भू माफिया कृषि भूमि पर बिना अनुमति के बिना ही सड़क बनाकर तथा बिजली के खम्बे लगाकर भूखण्डों के विक्रय का कार्य कर रहे हैं। ऐसा नहीं हैं कि इस ओर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों का ध्यान नहीं हैं। अपितु वह जानकर ही अनजान बने हुए हैं। नगर में इन दिनों राजस्व विभाग के कर्मचारियों और प्रॉपर्टी डीलरों की साठगांठ से खेती की जमीन ओने पौने-दामों पर खरीद कर अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। शहर में अवैध कालोनियों का कारोबार काफी जोरों पर है। लेकिन जिला प्रशासन इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि इन अवैध कॉलोनियों की दर्जनों शिकायतें जिलाधीश के पास आने के बाद भी इन अवैध कारोबारियों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। राजस्व विभाग ने सर्वे के उपरांत लगभग 150 कॉलोनियों की सूची तैयार की है, जिसमें शहर में लगभग 130 अवैध कॉलोनियां सामने आई हैं, जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं 12 शहरी क्षेत्र और 15 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कॉलोनियों के खिलाफ एसडीएम ने थाना प्रभारियों को एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए हैं। कॉलोनाईजरों के द्वारा स्वीकृतियां लिए बिना ही अवैध कॉलोनियों में उनकी लाल मूरम की सड़कों पर हिटैची चलाकर प्रशासन ने इतिश्री कर ली। जबकि अब एक बार फिर अवैध कॉलोनाईजरों द्वारा चूने की लाइन डालकर प्लाट काटना शुरू कर देते हैं। लोग उनकी बातों में आ जाते हैं और फिर अपनी मेहनत की पूंजी को वहां लगा देते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि यह तो अवैध कालोनी है तो फिर वह अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं। जबकि दूसरी ओर जिला प्रशासन छोटी मोटी कार्यवाही करके जैसे रन्नौद शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाकर प्रशासन फूला नहीं समा रहा हैं। 
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 एसडीएम की कार्यवाही के बाद भी इन कॉलोनियों में धड़ल्ले से हो रहा हैं भवनों का निर्माण इन स्थानों पर पूर्व में जिला प्रशासन ने कार्यवाही की थी लेकिन कुछ दिनों बाद ही यह कार्यवाही ठंड़े बस्ते में पढ़ गई और आज इन स्थानों पर खुले रूप से प्रशासन की आंखों में मिर्ची झोंकर अवैध करोवारी अपनी प्लॉटों का विक्रय कर शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। 
* जिलाधीश निवास के सामने स्थित कॉलोनी में * सिंह निवास में स्थित महार्षिमहाविद्यालय के सामने स्थित फोर लाईन पर कॉलोनी में * सर्किट हाउस रोड़ पर स्थित कॉलोनी में * होटल पीएस के पीछे, रेलवे स्टेशन के पास स्थित कॉलोनी में * के.टी.एम कॉलेज के पीछे स्थित नमोगर एवं वृन्दावन धाम कॉलोनी में * गुना वायपास स्थित फतेहपुर रोड़ पर सांवलदास पेट्रोल पंप के पास कॉलोनियों में एसडीएम द्वारा हिटैची के माध्यम से कार्यवाहियां की गर्ई थीं। वॉक्स:- 
नहीं हो रहा नियमों का पालन सरकारी नियमों के तहत फार्म 4 के नियमों का पालन करने वाली कॉलोनी के प्लॉट की कीमत अधिक हो जाती है। लोन जैसी सुविधा का लाभ भी फार्म 4 कॉलोनी के प्लॉटों को मिलता है, लेकिन एक भी कॉलोनी में फार्म 4 के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। अवैध कॉलोनी बनाने का काम खुलेआम किया जा रहा है। राजस्व विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग का अमला भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है। अवैध कॉलोनियों में एक ओर गांव के भोले-भाले लोगों को फंसाया जा रहा है। वहीं शासन को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। वॉक्स:- वैध कालोनी में होना चाहिए मूलभूत सुविधाएं एक वैध कालोनी में लाइट की व्यवस्था होना चाहिए। पूरी कालोनी में स्ट्रीट लाइट सहित अन्य नियमानुसार विद्युत व्यवस्था होना चाहिए। कालोनी के अंदर सड़कें बनी हुई होना चाहिए। ऐसा नहीं हो कि सड़कों के लिए जगह तो छोड़ दी, लेकिन इन्हें बनाया ही नहीं। कालोनी में रहने वाले लोगों की संख्या के अनुपात से पर्याप्त पानी की सुविधा मुहैया कराया जाना चाहिए। इसके अलावा पेयजल सप्लाई लाइन भी डली होना चाहिए। इस समय सबसे अहम सवाल यह है कि लोगों को इस बात का ही ख्याल नहीं रहता है कि शहर में कौन सी वैध और अवैध कॉलोनियां हैं। इनका कहना हैं। जो लोग नियम विरूद्ध कृषि भूमि पर कॉलोनी विकसित कर रहे हैं तथा जिन कॉलोनियों पर पूर्व में कार्यवाही की गई थी उनके खिलाफ फिर से कार्यवाही की जाएगी। अक्षयकुमार सिंह जिलाधीश
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