सार्थक एवं आदर्श जीवन यात्रा का नाम हैं श्री नन्ना जी
-आज जबकि पिछोर जिला शिवपुरी के युगपुरुष को पिछोर की माटी अपने आगोश में समेट लेगी तब बरबस ही याद आती हैं नन्ना जी से जुड़ी कुछ यादें। और श्री लक्ष्मी नारायण जी गुप्ता की संघर्षशील प्रेरणादाई जीवन यात्रा
पिछोर नि.प्र.। लक्ष्मी नारायण गुप्ता का जन्म 6 जून 2918 को ईसागढ़ जिला अशोकनगर नामक स्थान पर हुआ । आपके पिता का नाम पन्नालाल गुप्ता था। पिछोर में आप ने सबसे पहले न्याय विभाग में सेवा की साथ ही साथ अपना शिक्षण भी जारी रखा। युवावस्था में ही आप सावरकर जी के राष्ट्रीय एवं हिंदुत्ववादी विचारों से प्रेरणा लेकर हिंदू महासभा की शिवपुरी जिले की कमान अपने हाथों में ले ली। आप सावरकर जी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के साथ हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। 1948 में गांधी हत्याकांड के समय आप पहली बार गिरफ्तार हुए। उसके बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के आह्वान पर कश्मीर आंदोलन में भाग लेते हुए दिल्ली में सत्याग्रह करते हुए गिरफ्तारी पहले आप तैयार जेल में और बाद में फिरोजाबाद की जेल में बंद रहे ।गोवा आंदोलन में भी आप जेल गए। संघर्ष यात्रा यहीं नहीं रुकी आप विभिन्न सामाजिक आंदोलनों में कुल मिलाकर 6 बार जेल गए ।आपने अपने राजनीतिक कैरियर में सबसे पहले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का चुनाव लड़कर डायरेक्टर बने। 1952 में देश में पहली बार विधानसभा के चुनाव में आप पिछोर दक्षिण विधानसभा से निर्वाचित हुए उसके बाद लगातार आपने 4 चुनाव ऐतिहासिक अंतर से जीते। नन्ना जी की लोकप्रियता का यह आलम था कि 1967 के आम चुनाव में सत्ताधारी दल कांग्रेस के उम्मीदवार को 24000 वोटों से चुनाव हराया था। 1990 के आम चुनाव में भी नन्ना जी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को रिकॉर्ड 22000 मतों से चुनाव हराया था जो मध्य प्रदेश की रिकॉर्ड जीत थे ।जिन चुनाव में चुनाव हारे उनमें हार-जीत का अंतर बहुत ही कम रहा जिससे समझ में आता है कि नन्ना जी की लोकप्रियता और जनता से जुड़ाव कितना गहरा रहा। नन्ना जी ने एक विकास पुरुष की भूमिका निभाते हुए शिवपुरी दतिया जिले की महत्वपूर्ण और नदी परियोजना पर बांध बनाए जाने की पहली बार मांग 1968 में की थी जिसे 2018 में राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी गई । इसी प्रकार शिक्षा का महत्व समझते हुए श्री नन्ना जी ने पिछोर में 50 साल पहले कॉलेज की स्थापना करवाई थी ।उस समय जिला मुख्यालय पर भी कॉलेज नहीं हुआ करते थे ।राजस्व मंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश राजस्व संहिता के निर्माण में और राजस्व विभाग में कई सुधारों के लिए आप को जाना जाता है। नन्ना जी कई बार गंभीर बीमार हुए लेकिन अपने जुझारू पन के दम पर पुन: स्वस्थ हुए। जीवन की आखिरी सांस तक भी वह बिना चश्मे के पढ़ते थे ,बिना लाठी के चलते थे ,अपने पिछोर क्षेत्र की जनता के तत्पर रहते थे कि बताओ मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं। उनके जीवन के जितने सपने थे जिनमें मुख्य रुप से धारा 370 का हटना, राम मंदिर निर्माण यह सारे कार्य उनके सामने संपन्न होते दिख रहे थे।
जून 2021 में मुझसे व्यक्तिगत भेंट में नन्ना जी ने प्रधानमंत्री मोदी जी से भेंट कर उनको राममंदिर निर्माण हेतु बधाई देने की बात की थी।और उनकी वह अंतिम इच्छा भी प्रधानमंत्री ने पूरी कर दी जब भोपाल आने पर प्रधानमंत्री जी ने स्वयं उनसे भेंट कर उनका सम्मान किया। नन्ना जी एक संत दिव्यात्मा थे जिनके सारे सपने उनकी आंखों के सामने पूरे हुए।हम और आने वाली पीढ़ी उनके दिखाए संघर्ष, वैचारिक प्रतिबद्धता ,ईमानदारी और जनकल्याण के मार्ग पर चलें यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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