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6969 सिरीज वाले दर्जनों लग्जरी वाहनों का बाॅस राॅयल यदुवंशी आरोपी पवन यादव 17 तक पुलिस रिमांड में

6969 सिरीज वाले दर्जनों लग्जरी वाहनों का बाॅस राॅयल यदुवंशी आरोपी पवन यादव 17 तक पुलिस रिमांड में
आरोपी पिंकी यादव और राकेश पाराशर द्वारा हडपी अकूत संपदा पर राजा-रजवाडों जैसा जीवन-यापन करता था पवन
सोने के आभूषणों से लदा रहता था आरोपी पवन का दाहिना हाथ व गला
कोलारस। कोलारस की जनता को रामेश्वरधाम परिवार द्वारा हडपी गई सहकारी बैंक की अकूत संपदा को लेकर कई तरह के सवाल मन में उठ रहे थे। कोलारस के बडे-बडे धन्नासेठों का तक यह कहना था कि आखिर राकेश पाराशर घोटाले के 80.52 करोड रूपयों को कैसे खर्च करेगा। किंतु कोलारस की जनता को राकेश पाराशर की पर्दे के पीछे जारी अैयाशी और राजा-रजवाडों जैसी विलासिता के जीवन की बिल्कुल जानकारी नहीं थी। मंदिर और मठाधीश की पदवी धारण कर पूरा रामेश्वरधाम परिवार देखने में तो साधु-संतों जैसा जीवन व्यतीत कर रहा था। किंतु राकेश पाराशर सहित उनके सुपुत्र चंचल पाराशर की अैयाशियों के किस्से जैसे-जैसे निकलकर सामने आ रहे हैं, उससे सभी कोलारसवासी हैरत में हैं। अब तो बडे-बडे धन्नासेठ भी यह कहने लगे हैं कि ऐसा राजाशाही और शौकीन जीवन जीने वालों के लिए 80.52 करोड रूपये तो खर्च करने के लिए छोटी-मोटी राशि है। यदि इनके पास दस-पांच पिंकी जैसी हसीनाऐं और होती तो शाहजहां का खजाना भी कम पड जाता। ऐसा लगता है कि यदि इस समय आरोपी राकेश पाराशर का घोटाला न पकडा जाता तो वर्तमान में निश्चित ही और बडा घोटाला कारित कर राकेश पाराशर एक ताजमहल अपनी महबूबा पिंकी के लिए कोलारस में अवश्य बनवा देता। 
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पवन के पुलिस गिरप्त में आने के बाद बैंक घोटाले का बडा खजाना हो सकता है वरामद,,,
मुख्य आरोपी राकेश और पिंकी के बाद पिंकी का भाई पवन यादव भी बीते रोज कोलारस पुलिस की गिरप्त में आ गया है। घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश और पिंकी की बडी धन संपदा पर ऐसो-आराम का जीवन जीने वाला पवन पूरे शिवपुरी जिले में 6969 सिरीज के लग्जरी स्काॅपिर्यो व एक्सयूवी आदि दर्जनों वाहनों के काफिले के बीच फोटो शैसन के लिए अपने फेसबुक अकाउंट पर छाया रहता था। वहीं दाहिनें हाथ की कलाई में सोने की मोटी-मोटी जंजीरें व सभी उंगलियों में बडी-बडी अंगूठियों और गले में सोने की दर्जनों मोटी-मोटी सांकरों के लिए पूरे शिवपुरी जिले में विख्यात था। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पवन बेरोजगार युवक था, जो अपने गांव कालीपहाडी में आवारा घूमता-रहता था। महज 8वी तक शिक्षित होने के कारण कोई भी इसे रोजगार भी नहीं देता था। जैसे ही पिंकी की किस्मत ने जोर पकडा, वहीं से पवन के भी दिन फिरना शुरू हो गए। फिर क्या था राकेश पाराशर के द्वारा सहकारी बैंक से किए गए एक क्लीक पर पिंकी और पवन करोडों में खेलने लगे। यही नहीं दोनों भाई-बहन के पास कोलारस के सहकारी बैंक घोटाले का पैसा इतनी बडी मात्रा में आने लगा कि पवन के दर्जनों दोस्त भी लखपति हो गए और सभी मौज मस्ती व अपने शौक पूरा करने उत्तर प्रदेश व दिल्ली आदि अन्य राज्यों में बडे-बडे पवों व होटलों में जाने लगे। पवन पर जैसे ही बडी धन राशियां हाथ आने लगीं तो उसने झांसी से 6969 सिरीज के आधा दर्जन लग्जरी स्काॅपिर्यो, एक्सक्यूवी, सफारी, बुलट, पल्सर, अपाचे और राइफलें रखना शुरू कर दिया। दिन रात दोनों हाथों से पैसा लूटाने के लिए करैरा क्षेत्र में राॅयल यदुवंशी के रूप में आरोपी पवन की पहचान बन गई। सोने से लदे हुए गले व हाथों और अपने चमकीले लग्जरी वाहनों के साथ फोटो शैसन होने और फेसबुक पर प्रचारित होने से आरोपी पिंकी और पवन का जलवा देखते ही बनने लगा। शिवपुरी शहर के छत्री एरिया में किराए की एक खोली में रहकर सैकडों कुंओ में बांस डालने वाली गरीब पिंकी जब राकेश पाराशर के संपर्क में आई तो दिन-दूगनी और रात-चैगनी उन्नति कर संपूर्ण जिले में अपने चमकीले हुस्न का जल-जला बिखरने लगी।
यहां बताना गौरतलब होगा कि कोलारस के सुराप्रेमियों के दिलों से पिंकी पहले ही कई बार खेल चुकि थी। यहीं से राकेश पाराशर के संपर्क में आकर उसने कोलारस के छुट-मुट सेठों में लात मारकर शाहजहां राकेश पाराशर की हुकूमत कबूल करते हुए जीवनभर साथ निभाने के सपने सजोने शुरू कर दिए। बस यहीं से कोलारस के पुराने आशिक राकेश पाराशर में बाती देने के लिए पीछे लग गए। उन्होनें भी काफी हद तक पिंकी और राकेश के बीच की मधुर कहानियों को मीडिया के साथ साझा किया। उन्हीं से इन दोनों उत्तेजित प्रेमियों की प्रेमकथाएंे सुनने को मिलीं। चुकि अब आरोपी पवन कोलारस पुलिस के रिमांड पर है और मामला इतना बढा हो गया है कि इनसे जुडा प्रत्येक व्यक्ति कोलारस पुलिस की नजर में है। तो आरोपी पवन से कई महत्वपूर्ण सूचनाऐं पुलिस को मिल सकती हैं। वहीं घोटाले का बहुत बडा धन का भण्डार भी पवन के माध्यम से वसूला जा सकता है।
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