5 करोड़ 31 लाख 51344 का गबन: प्रभारी कैशियर और दो प्रबंधकों पर मामला दर्ज
-सहकारिता घोटाले में राकेश कुमार पाराशर द्वारा अंजाम दिए गए करोड़ों के गड़बड़ झाले में कई फंसे, कई फंसेंगे
शिवपुरी ब्यूरो। सहकारिता का उद्देश्य क्या था और क्या हो गया! अगर यह सच्चाई जाननी हैं तो जिले की सभी सहकारी समिति और बैंकों को जांच के पटल पर ले लिया जाए तो जो खुलासा होगा वह सहकारिता की दम निकाल देगा। सहकारिता को किस तरह से पलीता लगाया गया हैं इसकी नजीर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बना हुआ हैं। इस बैंक की कोलारस शाखा में करोड़ों रूपए के बारे न्यारे मिली भगत से कर लिए गए जब भ्रष्टाचार की परतें खुलना शुरू हुई तो एक के बाद एक कई काले कारनामे उजागर हो गए आज फिर सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. कोलारस के प्रभारी कैशियर राकेश पाराशर और तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधकद्वय ज्ञानेन्द्र शुक्ला और रमेश कुमार राजपूत के विरूद्ध कोलारस थाने में गबन की प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
फरियादी जनार्दन सिंह शाखा प्रबंधक ने पत्र क्रमांक 34 दिनांक 27 अगस्त 2021 मय रामप्रकाश त्यागी प्रबंधक लेखा व राजेन्द्र सिंह चौहान स्थापना प्रभारी के लाकर कोलारस थाने में रिपोर्ट की हैं कि बैंक में तत्कालीन कार्यायरत प्रभारी कैशियर राकेश पाराशर तत्कालीन शाखा प्रबंधक ज्ञानेन्द्र शुक्ला और रमेश कुमार राजपूत के द्वारा अमानतदारों की राशि षड्यंत्र पूर्वक गबन करके हड़प ली हैं। अमानतदारों के खाते से 5 करोड़ 31 लाख 51344 रूपए का गबन क्रमबद्ध रूप से विभिन्न दिनांकों में राशि निकाल कर किया गया हैं। फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने गबन की धारा 409 का प्रकरण आरोपियों के खिलाफ पंजीबद्ध कर लिया हैं।
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मेकर ने चैकर आईडी से उड़ाए करोड़ों
5 करोड़ से अधिक की राशि का गबन करने में कोर बैंकिंग बड़ा माध्यम बनी है। कम्प्यूटर सिस्टम में राशियों के ट्राजेक्सन को दर्ज करने के लिए राकेश पाराशर को मेकर आईडी क्रमांक 473 जिला मुख्यालय से दी गई थी। राकेश ने 9.2.2005 से 19.7.21 तक प्रभारी कैशीयर एवं मेकर का कार्य किया। राकेश के द्वारा दर्ज प्रवृष्टियों को जांचने एवं अर्थोराईजड करने हेतु चैकर आईडी क्रमांक 701 ज्ञानेन्द्र शुक्ला प्रभारी शाखा प्रबंधक को प्रदान की गई। राकेश कुमार राजपूत को भी चैकर आईडी क्रमांक 418 प्रदान की गई थी। यह सारा सिस्टम राकेश पाराशर के हाथ में आरोपित तौर पर था नतीजन मेकर ने चैकर आईडी हाथ में मिली भगत से रखकर करोड़ों रूपए अमानतदारों के हड़प लिए। जब इसका खुलासा हुआ तो पूरे मामले की कलई खुल गई।
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राकेश ने ज्ञानेन्द्र के साथ 1 करोड़ और रमेश राजपूत के साथ 4 करोड 31 लाख से अधिक का किया गबन
सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा कोलारस के भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कोलारस में स्थित चालू खाता क्रमांक 53029551769 में राशि जमा करने हेतु दिनांक 11.6.21 को 45 लाख, दिनांक 11.6.21 को 45 लाख,दिनांक 11.6.21 दस लाख इस प्रकार कुल 100 लाख जमा करने हेतु ले जाया गया। किन्तु उपरोक्त वर्णित नगद जमा राशि को राकेश कुमार पाराशर एवं ज्ञानेन्द्र शुक्ला द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कोलारस में जमा नहीं किया जाकर अपने उपयोग में लिया जाकर गबन किया गया। पाराशर के द्वारा उपरोक्त वर्णित राशियों की सहकारी बैंक शाखा कोलारस के एसबीआई, बीजीएल क्रमांक 93612000539 में मेकर के रूप ेंमें अपनी आईडी क्रमांक 473 से प्रवृष्टि की गई। चैकर के रूप में आईडी क्रमांक 701 से ज्ञानेन्द्र शुक्ला द्वारा इसे अथोरार्ईजड किया गया। इस तरह एक करोड़ रूपए की यह राशि सहकारी बैंक से तो निकाली गई लेकिन स्टेट बैंक में जमा नहीं कराई गई। इस प्रकार राकेश और ज्ञानेन्द्र ने एक करोड़ षड्यंत्र पूर्वक गबन कर लिया। ज्ञानेन्द्र शुक्ला के बाद प्रबंधक रमेश कुमार राजपूत ने भी उपरोक्त गबन का खेल खुलकर खेला राजपूत ने राकेश पाराशर से मिलकर दिनांक 14.6.21 से दिनांक 5.8.21 तक की अवधि के दौरान निम्न अनुसार अमानतदारों की राशि का आपस में षड्यंत्र करके गबन किया। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा कोलारस के भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कोलारस में स्थित चालू खाता क्रमांक 53029551769 में राशि जमा करने हेतु दिनांक 21.6.21 को रूपए 40 लाख, दिनांक 21.6.21 को रूपए 20 लाख, फिर दिनांक 22.6.21 को रूपए 151344 दिनांक 29.6.21 को रूपए 50 लाख दिनांक 8.7.21 को रूपए 50 लाख दिनांक 8.7.21 को रूपए 50 लाख, 8.7.21 को 50 लाख, 15.7.21 को 25 लाख, 15.7.21 को 25 लाख, 15.7.21 को 20 लाख इस प्रकार कुल 4 करोड़ 31 लाख 51344 रूपए जमा करने हेतु ले जाया गया। किन्तु उपरोक्त वर्णित राशि को राकेश कुमार पाराश एवं रमेश कुमार राजपूत द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कोलारस में जमा न करके अपने उपयोग में लेकर गबन किया। इस बड़ी राशि की प्रवृष्टि स्टेट बैंक कोलारस शाखा में दर्ज नहीं हैं। इस प्रकार पाराशर ने प्रभारी प्रबंधक ज्ञानेन्द्र शुक्ला के साथ 1 करोड़ और रमेश कुमार राजपूत के साथ 4 करोड़ 31 लाख 51344 रूपए का कुल मिलाकर 5 करोड़ 31 लाख 51344 रूपए षड्यंत्र पूर्वक गबन किया।
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जल्द होगी आरोपियों की गिरफ्तारी: टीआई
सहकारिता में करोड़ों रूपए के गबन के आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस तेजी से कर रही हैं। कोलारस टीआई संजय मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एफआईआर के साथ ही आरोपियों की धरपकड़ करने के लिए हर संभव प्रयास पुलिस कर रही हैं। किसी भी समय पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर ने में सफल हो जाएगी।
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