आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में अत्याधिक मात्रा में मिल रहे टीबी क्षय बीमारी के मरीज
-टी.बी. उन्मूलन हेतु जन जागरूकता का चलाया जाएगा अभियान
शिवपुरी ब्यूरो। जिला क्षय केंद्र में टी.बी. मरीजों की सीबीनेट के मशीन के द्वारा 2016 से अब तक 13641 मरीजों की जांच की गई है। जिसमें से 273 एमडीआर टी.बी. को खोज कर नि:शुल्क उपचार पर रखा गया। सीबीनेट के द्वारा 3537 मरीजों को ड्रग सेंसिटिव टी.बी. का उपचार प्रदान किया गया। डॉ. आशीष व्यास द्वारा 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिये समस्त विभागों से सहयोग प्रदान करने की अपील की गई।
प्रेस वर्ता के माध्यम से बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिये कदम बढाते हुये स्वास्थ्य विभाग द्वारा टी.बी. हारेगा, देश जीतेगा में जन आंदोलन अभियान के अंतर्गत मीडिया कार्यशाला का आयोजन शनिवार को जिला क्षय अधिकारी डॉ. आशीष व्यास द्वारा जिला चिकित्सालय के ए.एन.एम. ट्रेनिंग सेंटर में किया गया।
कार्यशाला के माध्यम से डॉ. आशीष व्यास ने बताया की 2025 तक किस प्रकार टी.बी. का उन्मूलन किया जा सकता है। डॉ. आशीष व्यास जिला क्षय अधिकारी ने विस्तार से राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में अब तक हुई प्रगति के बारे में उपस्थित पत्रकार बंधुओं को अवगत कराया डॉ.व्यास ने बताया की किस प्रकार सहरिया जनजाति में टी.बी. उन्मूलन हेतु प्रयास किये जा रहे है जैसे घर-घर जाकर सर्वे, जांच की सुविधा बढ़ाकर, नोटिफिकेशन को बढ़ाया जा रहा है इससे टी.बी. जैसे संक्रामक रोग की रोकथाम में बहुत मदद मिल रही है।
सीबीनेट, और टूनेट मशीन के ज्यादा से ज्यादा उपयोग और माइक्रोस्कोपी के माध्यम से 2018 से निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत दो करोड़ अठहत्तर लाख रुपये की राशि आज दिनांक तक टी.बी. मरीजों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पहचाई गई है। डॉ. व्यास ने जिले में टी.बी. उन्मूलन के लिये अधिकतम प्रयास करने के लिये अन्य विभागों की भागीदारी के लिये भी कहा गया निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत टी.बी. मरीजों को मिलने वाली राशि एवं 99 डॉट्स दवा के बारे में विस्तार से बताया कि किस प्रकार मरीज को दवा खाते समय दवा के साथ दिये गये टॉल फ्री नम्बर पर मिस कॉल के माध्यम से दवा खाने की जानकारी मरीज की निक्षय आईडी पर दर्ज करानी होती है।
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