आजाद हिंद फौज के सेनानी ढिल्लन' की बदौलत 'आज फिर' 'कलकत्त्ता' में 'छा गई' 'शिवपुरी'
शनिवार, 23 जनवरी 2021
शिवपुरी। 'वतन पे जो फ़िदा होगा, अमर वो नौजवाँ होगा, रहेगी जब तलक दुनिया, यह अफ़साना बयाँ होगा'...आजादी के दीवानों के लिये लिखे गए ये गीत वैसे तो भारत भूमि के हर हिस्से के लिये खास मायने रखते हैं लेकिन हमारी शिवपुरी की माटी भी इससे अछूती नहीं है। इतिहास के पन्नों पर अगर वीर तात्याटोपे और चंद्रशेखर आजाद के साथ शिवपुरी का नाम लिया जाता है तो आजाद हिंद फौज के सेनानी कर्नल गुरबख़्श सिंह ढिल्लन को भी हम कभी नहीं भुला सकते। आजादी के लिये नेताजी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे ढिल्लन जी को नगर के महज 6 किमी दूर स्थित ग्राम हातोद में हर साल ससम्मान याद किया जाता है, लेकिन आज 23 जनवरी को फिर एक बार ढिल्लन जी की बदौलत राष्ट्रीय स्तर के एक आयोजन में शिवपुरी का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। भीड़ भरे कलकत्त्ता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल के सभागार में आज फिर तब शिवपुरी का नाम गूंज उठा जब नेताजी सुभाषचंद्र बोस के 125 वें जन्मदिवस के अवसर पर यहां कलकत्ता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में नेताजी के परम सहयोगी रहे शिवपुरी निवासी कर्नल गुरबक्श सिंह ढिल्लन जी के सुपुत्र
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