बेटियों ने निभाया बेटा होने का फर्ज,दिया अर्थी को कंधा और मुखाग्नि
बदरवास नि.प्र.। दिल का दौरा पडऩे ने बीते रोज बदरवास में कपड़ा व्यापारी की मौत हो गई। परिवार में सिर्फ दो बेटियां हैं, जिसमें बड़ी बेटी ने पिता की अर्थी को कांधा दिया और श्मशान घाट जाकर चचेरे भाई के संग मुखाग्नि भी दी।
गोयल साड़ी सेंटर के संचालक अजीत गोयल उम्र 52 साल को रात करीब 12 बजे दिल का दौड़ा पड़ा। परिजन व दोस्त उन्हें सामुदायिक अस्पताल बदरवास लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने परीक्षण किया तो अजीत गोयल की। मौत हो चुकी थी। परिवार में पत्नी व दो बेटियों में 18 साल की राजुल गोयल व 15 साल की करुणा गोयल हैं। शुक्रवार को बड़ी बेटी राजुल ने पिता की अर्थी को कांधा दिया और श्मशान घाट पहुंचकर अपने चचेरे भाई के संग मुखाग्नि देकर बेटी होने का फर्ज निभाया। व्यवसायी रमेशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि अजीत गोयल उनके अजीज मित्र थे। अपनी दुकान के बाहर चारा खरीदकर गायों को खिलाते थे।12 महीने गायों को पीने के पानी की व्यवस्था करते आ रहे थे। शुक्रवार को निधन के बाद एक गाय श्मशान घाट में चबूतरे तक आ पहुंची थी।
बदरवास नि.प्र.। दिल का दौरा पडऩे ने बीते रोज बदरवास में कपड़ा व्यापारी की मौत हो गई। परिवार में सिर्फ दो बेटियां हैं, जिसमें बड़ी बेटी ने पिता की अर्थी को कांधा दिया और श्मशान घाट जाकर चचेरे भाई के संग मुखाग्नि भी दी।
गोयल साड़ी सेंटर के संचालक अजीत गोयल उम्र 52 साल को रात करीब 12 बजे दिल का दौड़ा पड़ा। परिजन व दोस्त उन्हें सामुदायिक अस्पताल बदरवास लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने परीक्षण किया तो अजीत गोयल की। मौत हो चुकी थी। परिवार में पत्नी व दो बेटियों में 18 साल की राजुल गोयल व 15 साल की करुणा गोयल हैं। शुक्रवार को बड़ी बेटी राजुल ने पिता की अर्थी को कांधा दिया और श्मशान घाट पहुंचकर अपने चचेरे भाई के संग मुखाग्नि देकर बेटी होने का फर्ज निभाया। व्यवसायी रमेशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि अजीत गोयल उनके अजीज मित्र थे। अपनी दुकान के बाहर चारा खरीदकर गायों को खिलाते थे।12 महीने गायों को पीने के पानी की व्यवस्था करते आ रहे थे। शुक्रवार को निधन के बाद एक गाय श्मशान घाट में चबूतरे तक आ पहुंची थी।
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