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वृंदावन आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने आरोपित तत्कालीन डीईओ व बाबू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की



वृंदावन आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट ने आरोपित तत्कालीन डीईओ व बाबू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
शिवपुरी ब्यूरो। करीब ढाई माह पहले जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लेखापाल वृंदावन शर्मा ने बांकड़ेे हनुमान मंदिर के पास जंगल में फांसी लगा ली थी। मृतक की जेब से 4 पेज का सुसाइड नोट मिला था। इस मामले में पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर तत्कालीन डीईओ अजय कटियार, बाबू सचिन अग्रवाल, प्रशांत गुप्ता को आत्महत्या के प्रेरण का आरोपित बनाया था। परिजनों के आवेदन पर कार्यालय के एक अन्य बाबू पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी। तत्कालीन डीईओ कटियार व बाबू सचिन ने अग्रिम जमानत के लिए जिला कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन दोनों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका न केवल खारिज कर दी है, बल्कि 13 पेज के खारिज आदेश में शिवपुरी एसपी से एक माह में कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है। साथ ही कोर्ट ने मामले के जांच अधिकारी देहात थाना प्रभारी सुनील खेमरिया की जांच के कार्यशैली पर भी नाराजगी जताते हुए एसपी से जांच अधिकारी पर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में मृतक द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में पुलिस को उपलब्ध कराई गई पेन ड्राइव की अब तक फोरेंसिक रिपोर्ट न आने को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की। ऐसे में हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपितों की मुश्किलें इस आत्महत्या कांड में और बढ़़ गई हैं।
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