शिवराज और सिंधिया पर टिकी राठखेड़ा की उम्मीद
-चुनाव प्रचार में सक्रिय भाजपा को उम्मीदवार पर लगे आरोपों का करना पड़ेगा सामना
-कांग्रेस अभी भी नहीं कर सकी अपने उम्मीदवार की घोषणा
शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट पर सिंधिया परिवार का बर्चस्व अभी भी कायम हैं। स्वतंत्र मध्य प्रदेश के बाद इस सीट पर हुए 13 आम चुनावों में से अधिकांश उम्मीदवार वे चुनाव जीते हैं जो सिंधिया परिवार के नजदीक थे। इसका प्रमाण यह कि भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दलों में सिंधिया परिवार के अलावा अन्य गुट के नेता अपना बर्चस्व बनाने में सफल नहीं हो सके। प्रस्तावित उप चुनाव में भाजपा की ओर से उम्मीदवार कांग्रेस छोड़कर भाजपा परिवार में शामिल हुए मध्य प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सुरेश राठखेड़ा को फाईनल माना जा रहा हैं। जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार, अखड्शैली सहित अन्य आरोप चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के संभावित उम्मीदवार राठखेड़ा की मुश्किलें खड़ी करेंगे। इन हालातों में चुनावी वेतरणी पार करने के लिए श्री राठखेड़ा की आशा की किरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य सभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पर टिकी हैं। बसपा ने अपना उम्मीदवार इस सीट से पूर्व में चुनाव लड़ चुके कैलाश कुशवाह को पुन: घोषित किया हैं। वहीं माना जा रहा हैं कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार इस सीट से दो बार अलग-अलग दलों से विधायक रह चुके राजनीति के अनुभवी नेता हरिवल्लभ शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारेगी। पोहरी का उप चुनाव किस करवट वैठेगा यह तो आने वाला समय ही तय करेगा। फिलहाल जन मानस की चर्चा के मुताबिक भाजपा के लिए प्रत्याशी के कारण मुश्किलें अवश्य खड़ी होंगी।
जिले की पोहरी विधानसभा सीट जातिगत आंकड़ों के हिसाब से ब्राह्मण और धाकड़ समाज के बीच झूलती रही हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस अपना उम्मीदवार इन दो समाज के नेताओं को ही अपना उम्मीदवार चुनती आई हैं। पहली बार 2018 के चुनाव में दोनों ही प्रमुख दलों ने महल के समर्थित धाकड़ समाज से उम्मीदवार चुन कर चुनाव में उतारा जिसमें कांग्रेस के सिंधिया समर्थक उम्मीदवार सुरेश राठखेड़ा ने भाजपा के उम्मीदवार दो बार के विधायक प्रहलाद भारती से सीट हथिया ली थी। बसपा उम्मीदवार ने भी इस चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया था।
बदली परिस्थिति के चलते कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केन्द्र्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अपनी विधायकी से त्याग पत्र देकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा को उपकार स्वरूप भाजपा ने अपनी सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री बनाया हैं। इसके साथ ही उप चुनाव में भाजपा की ओर से श्री राठखेड़ा की उम्मीदवारी फाईनल मानी जा रही हैं। कांग्रेसी सरकार में विधायक रहते हुए उनके डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में जातिवाद, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, अखड्शैली के आरोप लगते रहे हैं। यह आरोप मंत्री बनने के बाद भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहे। यही आरोप चुनाव में भी उनकी मुश्किलें खड़ी करेंगे। इस संका को भांपते हुए भाजपा ने उप चुनाव की तारीख की घोषणा होने से पूर्व ही चुनावी शंखनाद का श्रीगणेश कर दिया हैं। हरहालत में इस सीठ को अपनी झोली में डालने के लिए भाजपा के केन्द्रीय मंत्री से लेकर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री और संगठन स्तर पर केन्द्रीय पदाधिकारियों से लेकर प्रदेश के तमाम संगठन के नेता बूथ स्तर तक बैठकों में शामिल हो रहे हैं। उधर भाजपा से अपनी उम्मीदवारी फाईनल मानते हुए राज्य मंत्री सुरेश राठखेड़ा भी क्षेत्र में भ्रमण कर चुनावी प्रचार करने में जुटे हुए हैं। लेकिन श्री राठखेड़ा पर भाजपाईयों का आरोप हैं कि यह अभी भी उनके साथ सामंजस्य बिठाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे और न ही अपने दौरे के समय उन्हें अपने साथ ले जाते हैं। स्थानीय भाजपाईयों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया हैं कि श्री राठखेड़ा क्षेत्र में अपने दौरे के दौरान अपने पुराने कुछ कांग्रेसी जो अभी भाजपा में शामिल हुए हैं उन्हीं को साथ रखते हैं। इतना ही नहीं भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं द्वारा किसी समस्या से अवगत कराया जाता हैं तो वह उसे गंभीरता से नहीं लेते। जिसका परिणाम हैं कि स्थानीय मूल भाजपा नेताओं में असंतोष का वातावरण निर्मित हो रहा हैं। उधर कांग्रेस की चर्चा करें तो यहां पर अभी कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां दूर अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा भी नहीं की। बसपा ने अवश्य अपना कुशवाह समाज से आने वाले कैलाश कुशवाह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया हैं। विधानसभा के आम चुनाव में इस उम्मीदवार कैलाश कुशवाह ने चुनावी मुकावले को त्रिकोर्णीय बना दिया था और भाजपा को तीसरे नम्बर पर पहुंचाने में सफल भी रहा था।
वॉक्स:-
पोहरी विधानसभा के वर्ष 2018 के चुनावी परिणाम
कांग्रेस से सुरेश राठखेड़ा 60654
बसपा से कैलाश कुशवाह 52736
भाजपा से प्रहलाद भारती 37268
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