फांसी पर झूले अकाउण्टेंट का सुसाइड नोट सामने आते ही गायब हुए जिला शिक्षा अधिकारी और लिपिक
-फांसी पर झूले अकाउण्टेंट ने डीईओ सहित 3 पर लगाए प्रताडऩा के आरोप
-सुसाइड नोट में डीईओ कार्यालय में चल रहे संगठित भ्रष्टाचार की पोल खोली
-शनिवार को लिखा सुसाइड नोट और 28 को मिली लाश
शिवपुरी ब्यूरो। गत 28 जून को बांकडे हनुमान मंदिर के समीप पेड़ पर फ ांसी के फ ंदे पर लटके मिले शिक्षा विभाग के अकाउंटेंट वृंदावन शर्मा की मौत का मामला बुरी तरह गहराता दिखाई दे रहा है। वृंदावन शर्मा की जेब से जो सुसाइड नोट पुलिस ने बरामद किया है वह वृंदावन शर्मा द्वारा 27 जून की तिथि का लिखा है जिससे स्पष्टï होता है कि वृन्दावन ने यह आत्मघाती कदम 27 को ही उठा लिया था लाश 28 जून को बरामद हुई है। जो सुसाइड नोट सामने आया है उसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी अजय कटियार और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत लिपिक सहायक ग्रेड 2 सचिन अग्रवाल सहायक ग्रेड 3 प्रशांत गुप्ता को वृंदावन शर्मा ने सीधे.सीधे अपनी आत्म हत्या का जिम्मेदार ठहराया है। गणक ने अपने पत्र में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पनप रहे संगठित भ्रष्टाचार के भी कई मामले उजागर करते हुए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से यह आग्रह किया है कि इस प्रकरण की जांच तथा पत्र में उल्लेखित बिंदुओं की जांच के दौरान इन दोषी व्यक्तियों को यहां से अन्यत्र पदस्थ किया जाए, अन्यथा यह साक्ष्य नष्ट कर देंगे। मृत्यु पूर्व लिखे गए इस 4 पृष्ठीय पत्र में एक.एक बिंदु अलग अलग व्यक्ति के लिए लिखा गया है साथ ही पत्र के अंत में जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार लिपिक सचिन अग्रवाल और प्रशांत गुप्ता को तत्काल गिरफ्तार करने एवं इस सुसाइड नोट को साक्ष्य के तौर पर न्यायालय में प्रस्तुत करने जैसे वाक्यांश भी लिखे गए हैं। पत्र की इबारत से साफ झलकता है कि वृंदावन शर्मा ने इन तीनों लोगों के षड्यंत्र से ही तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया है। पत्र में जिला शिक्षा अधिकारी पर कलेक्टर को गुमराह करने और गलत जानकारी देकर खुद को निलंबित कराने जैसे आरोप भी लगाए हैं अब यह सुसाइड नोट एक बड़ी जांच की आवश्यकता प्रतिपादित करता दिखाई दे रहा है। शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अकाउंटेंट द्वारा आत्महत्या किए जाने और इस मामले में खुद पर उछल रहे प्रताडऩा के आरोपों के दृष्टिगत सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार लिपिक प्रशांत गुप्ता और सचिन अग्रवाल तीनों ही भूमिगत हो गए हैं। ये तीनों कार्यालय भी नहीं पहुंचे। पुलिस ने अभी कोई मामला दर्ज नहीं किया है जिससे भी गुस्सा भड़क रहा है ब्राम्हण समाज ने आज एसपी को ज्ञापन सौंप कर सुसाईड नोट में वर्णित लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है वहीं भाजपा नेता सुरेन्द्र शर्मा ने इस मामले में सीएम को पत्र लिखा है भाजपा नेता धैयवर्धन भी प्रशासन पर निशाना साध रहे हैं। देहात थाना प्रभारी सुनील खेमरिया ने दी जानकारी में बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अकाउंटेंट वृंदावन शर्मा द्वारा की गई आत्महत्या और सामने आए सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि इस सुसाइड नोट में 4 पृष्ठ हैं जिनमें डीईओ अजय कटियार डीईओ कार्यालय के लिपिक सचिन अग्रवाल और प्रशांत गुप्ता के नाम उल्लेखित हैं। कलेक्टर ने दोनो आरोपी लिपिकों को अन्य कार्यालय में अटैच कर दिया है। मृत्यु पूर्व लिखे सुसाइड नोट में उक्त तीनों लोगों को अपनी आत्महत्या के दुष्प्रेरण का दोषी बताते हुए कई संगीन आरोप लगाए हैं जिनकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।
27 जून लिखे सुसाइड नोट में संगीन खुलासे, यह लिखा सुसाइड नोट में
1 श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला शिवपुरी
2 श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय जिला शिवपुरी
विषय- श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी एवं प्रशांत गुप्ता सहायक ग्रेड तीन कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी के द्वारा प्रार्थी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के संबंध में
महोदय
मैं वृंदावन शर्मा पुत्र स्वर्गीय श्री मनीराम शर्मा उम्र 50 वर्ष निवासी शांति नगर लालचंद का बाड़ा शिवपुरी पद गणक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शिवपुरी। श्री अजय कटिहार जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी श्री सचिन अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी एवं प्रशांत गुप्ता सहायक ग्रेड 3 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी के द्वारा निम्न प्रताडऩा के कारण आत्महत्या कर रहा हूं।
1 श्री अजय कटियार द्वारा श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला शिवपुरी को गलत जानकारी देकर प्रार्थी को दिनांक 23 11 2019 को निलंबित कराया गया। जबकि बैरागी अध्यापक की अपील कलेक्टर कार्यालय न्यायालय में लंबित होने की पूर्ण जानकारी स्वयं श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी महोदय शिवपुरी को थी । श्री कटियार द्वारा प्रार्थी को झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रार्थी को संस्था से निलंबन भत्ते का भुगतान माह मार्च 2020 का 20 अप्रैल को दिया गया अप्रैल 2020 के निलंबन भत्ते का भुगतान 15 मई 2020 के बाद किया गया जबकि संबंधित बाबू से समय पर भुगतान हेतु निवेदन किया गया। श्री कटियार से निरंतर बहाली हेतु मौखिक रूप से निवेदन किया गया तो उसके एवज में पांच लाख रुपए की मांग की गई। प्रार्थी द्वारा कहा गया कि वह एक छोटा कर्मचारी होने के कारण पैसे देने में असमर्थ है तो अन्यथा की स्थिति में आपने प्रार्थी के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराने की धमकी दी जाती है।
प्रार्थी से दिनांक 29 मई 2020 को कार्यालय के समस्त स्टाफ के समक्ष प्रार्थी को जलील किया गया तथा एफ आई आर दर्ज कराने की धमकी दी जा कर एक आवेदन पत्र लिखवाया गया। जबकि विधि कक्ष का रिकॉर्ड श्री शिव शंकर पटेल कार्यालय सहायक ग्रेड 1 के पास होना प्रार्थी द्वारा बताया गया, लेकिन श्री कटियार द्वारा एफ आई आर की धमकी देकर उक्त निरीक्षण संबंधी अभिलेख प्रार्थी के पास होना लिखा गया।
श्री कटियार द्वारा शासन के आदेश दिनांक 10 मार्च 2016 के अनुक्रम में अनुदानित संस्थाओं का निरीक्षण कराए बिना करीब 10 करोड़ का अनियमित भुगतान कर दिया गया है, जबकि प्रार्थी को 75 प्रतिशत निलंबन भत्ते का भुगतान भी नहीं किया गया।
2– श्री सचिन अग्रवाल द्वारा प्रार्थी को प्रताडि़त किया जा रहा है। इनके द्वारा कण्टनजेन्सी भृत्यों की फ ाइल प्रार्थी के पास होने हेतु पत्र जारी किया गया जबकि फाइल अग्रवाल के पास है क्योंकि वह आदेश श्री अग्रवाल द्वारा स्थापना कक्ष धारक होने से उनके द्वारा जारी किए गए हैं। अग्रवाल द्वारा वर्ष 2014 में कन्टेजेन्सी भृत्यों को अनियमित रूप से नियमित स्थापना में नियुक्ति किया गया है। इसके द्वारा बिना प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के स्थानांतरण किए गए हैं। अग्रवाल द्वारा अनुदान शालाओं के कर्मचारियों से वेतन निर्धारण एरियर भुगतान के एवज में 7000 से 10000 की रिश्वत ली गई है। अग्रवाल द्वारा प्रार्थी को निलंबन उपरांत मान्यता का प्रभार न दिए जाने का आरोप आरोपपत्र में जानबूझकर प्रार्थी पर लगवाया गया है। जबकि अग्रवाल दिनांक 4 फ रवरी 2019 से 23 नवंबर 2019 तक निरंतर मान्यता कक्ष का कार्य कर रहे हैं। इस अवधि में इनके द्वारा कोई मान्यता का चार्ज देने हेतु कभी किसी भी डीईओ को नही कहा गया।
3- श्री प्रशांत गुप्ता द्वारा हमेशा यह प्रयास किया जाता रहा है कि प्रार्थी किसी भी स्थिति में निलंबन से बहाल ना हो सके श्री प्रशांत गुप्ता द्वारा श्री सचिन अग्रवाल द्वारा एवं श्री अजय कटियार को गुमराह कर प्रार्थी पर निलंबन के गलत आरोप लगवाए गए हैं जबकि निलंबन आदेश में उल्लेखित कारणों के विपरीत आरोप लगाए गए हैं। श्री गुप्ता शिकायत निरीक्षण कक्ष के प्रभारी हैं इनके द्वारा श्री कटियार जी की पदस्थी दिनांक से करीब डेढ़ सौ शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उनसे बहाली के एवज में प्रत्येक से पचास पचास हजार रुपए लिए गए हैं ऐसे शिक्षकों को मनमाफि के जगह पदस्थ किया गया है और कलेक्टर को गुमराह किया जाता है।
श्री अजय कटियार द्वारा जिले के शिक्षकों से जीपीएफ स्वीकृति के एवज में डेढ़ प्रतिशत की राशि रिश्वत में ली जाती है।
अत: निवेदन है कि प्रार्थी के द्वारा आत्महत्या उक्त तीनों लोगों के द्वारा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रताडि़त करने के कारण की जा रही है। जिसके लिए वह तीनों दोषी हैं। प्रार्थी के परिवार के किसी सदस्य को परेशान न किया जाए। श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी श्री सचिन अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी एवं श्री प्रशांत गुप्ता सहायक ग्रेड 3 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी पूर्णता आत्महत्या करने हेतु दोषी हैं। इनको गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद इन्हें कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी से अन्यत्र पदस्थ कर पूर्ण तथ्यों की जांच की जाए अन्यथा यह साक्ष्य समाप्त करेंगे। यह आत्महत्या नोट माननीय न्यायालय में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया जाए।
बेटा सोनू आप परिवार का भार आपके ऊपर छोड़ कर जा रहा हूं मेरी पत्नी श्रीमती सुमन शर्मा मैं तेरा साथ नहीं दे सका बेटी जया आयुषी उनका ख्याल रखना पढ़ाई कराना बेटा सोनू दोषियों को सजा दिलवाना।
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