मनरेगा योजना को सरपंच-सचिव लगा रहे हैं पलीता
-नाबालिक बच्चों से कराया जा रहा हैं कार्य, भरे जा रहे हैं फर्जी मस्टर रॉल
-मामला ग्राम पंचायत झूलना का
बदरवास नि.प्र.। बदरवास कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने मजदूरों को काम देने के लिए मनरेगा योजना को तेज गति दी। योजना के तहत जिले के हर ब्लॉकों में मनरेगा के तहत कार्य कराए जा रहे है ताकि समय पर अन्य राज्यों से वापस आने वाले मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके और उन्हें उनके गांव में ही काम मिल सके। लेकिन स्थानीय पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा शासन की मनरेगा योजना को किस तरह धता बताया जा रहा हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब सरकार की योजना में मस्टर रॉल किसी और के नाम जारी हैं और कार्य नाबालिगों के हाथ में से कराया जा रहा हैं। इससे साफ जाहिर होता हैं कि जिला प्रशासन की कारगुजारियों खुलेे रूप से पोल खोल कर रख दी है।
वॉक्स:-
पढने की उम्र में हाथों में थमाया फावड़ा
शिवपुरी जिले की सभी ग्राम पंचायतों में प्रशासन के निर्देश पर नाले एवं तालाबों की खुदाई कंट्रोल टाइम्स स्टॉप डैम आदि का काम मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड धारियों से कराया जा रहा है, लेकिन ग्राम पंचायत झूलना में सरपंच द्वारा जॉब कार्ड धारकों के साथ 13 से 17 वर्ष के नाबालिग बच्चों को भी मनरेगा के तहत काम कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत झूलना के ग्राम भासोड़ा मैं मनरेगा योजना के तहत मोगिया वाली पठार पर कंटूर टंच मैं गड्ढों की खुदाई का काम कराया जा रहा है जिसमें मास्टररोल में 197 लेबर काम कर रही है। और हकीकत में मौके पर चार नाबालिग बच्चे काम करते हुए मिले जिनमें यशपाल पुत्र रघुवीर आदिवासी कक्षा 10 उम्र 16 वर्ष कुमारी इंदिरा पुत्री रघुवीर आदिवासी कक्षा 9 उम्र 15 वर्ष कुमारी मीना पुत्री फेरन आदिवासी कक्षा 9 उम्र 16 वर्ष मोहन पुत्र फेरन आदिवासी कक्षा 9 उम्र 14 वर्ष पहाड़ पर काम करते हुए मिले जब स्वदेश की टीम ने रोजगार सहायक प्रिया धाकड़ से पूछा तो मुंह फेर कर भागने लगी और संतुष्टि पूर्ण जवाब भी नहीं दे सकी।
वॉक्स:-
सैनिटाइजर और मास्क का नहीं है बंदोबस्त
बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत झूलना की सरपंच द्वारा ग्राम भासोडा मैं मनरेगा योजना के तहत चल रहे कंटूर टंच निर्माण कार्य में कागजों में लेबर 197 लगी हुई है और धरातल पर मात्र चार नाबालिग बच्चे काम करते हुए स्वदेश की टीम को मिले बच्चों के पास ना सैनिटाइजर है और ना ही मास्क का उपयोग कर रहे हैं। नाबालिग बच्चे गड्डे खोदते हुए मिले।
-नाबालिक बच्चों से कराया जा रहा हैं कार्य, भरे जा रहे हैं फर्जी मस्टर रॉल
-मामला ग्राम पंचायत झूलना का
बदरवास नि.प्र.। बदरवास कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने मजदूरों को काम देने के लिए मनरेगा योजना को तेज गति दी। योजना के तहत जिले के हर ब्लॉकों में मनरेगा के तहत कार्य कराए जा रहे है ताकि समय पर अन्य राज्यों से वापस आने वाले मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो सके और उन्हें उनके गांव में ही काम मिल सके। लेकिन स्थानीय पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा शासन की मनरेगा योजना को किस तरह धता बताया जा रहा हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब सरकार की योजना में मस्टर रॉल किसी और के नाम जारी हैं और कार्य नाबालिगों के हाथ में से कराया जा रहा हैं। इससे साफ जाहिर होता हैं कि जिला प्रशासन की कारगुजारियों खुलेे रूप से पोल खोल कर रख दी है।
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पढने की उम्र में हाथों में थमाया फावड़ा
शिवपुरी जिले की सभी ग्राम पंचायतों में प्रशासन के निर्देश पर नाले एवं तालाबों की खुदाई कंट्रोल टाइम्स स्टॉप डैम आदि का काम मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड धारियों से कराया जा रहा है, लेकिन ग्राम पंचायत झूलना में सरपंच द्वारा जॉब कार्ड धारकों के साथ 13 से 17 वर्ष के नाबालिग बच्चों को भी मनरेगा के तहत काम कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत झूलना के ग्राम भासोड़ा मैं मनरेगा योजना के तहत मोगिया वाली पठार पर कंटूर टंच मैं गड्ढों की खुदाई का काम कराया जा रहा है जिसमें मास्टररोल में 197 लेबर काम कर रही है। और हकीकत में मौके पर चार नाबालिग बच्चे काम करते हुए मिले जिनमें यशपाल पुत्र रघुवीर आदिवासी कक्षा 10 उम्र 16 वर्ष कुमारी इंदिरा पुत्री रघुवीर आदिवासी कक्षा 9 उम्र 15 वर्ष कुमारी मीना पुत्री फेरन आदिवासी कक्षा 9 उम्र 16 वर्ष मोहन पुत्र फेरन आदिवासी कक्षा 9 उम्र 14 वर्ष पहाड़ पर काम करते हुए मिले जब स्वदेश की टीम ने रोजगार सहायक प्रिया धाकड़ से पूछा तो मुंह फेर कर भागने लगी और संतुष्टि पूर्ण जवाब भी नहीं दे सकी।
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सैनिटाइजर और मास्क का नहीं है बंदोबस्त
बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत झूलना की सरपंच द्वारा ग्राम भासोडा मैं मनरेगा योजना के तहत चल रहे कंटूर टंच निर्माण कार्य में कागजों में लेबर 197 लगी हुई है और धरातल पर मात्र चार नाबालिग बच्चे काम करते हुए स्वदेश की टीम को मिले बच्चों के पास ना सैनिटाइजर है और ना ही मास्क का उपयोग कर रहे हैं। नाबालिग बच्चे गड्डे खोदते हुए मिले।
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