गीत संग्रह 'आंगन बात नहीं करताÓ पर विचार गोष्ठी संपन्न
जिन प्रतीकों और बिम्बों का प्रयोग किया गया है वे ताजगी और मोलिकता लिये हुए है: प्रमोद भार्गव
शिवपुरी। गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ में गीतकार ने जिन प्रतीकों और बिम्बों का प्रयोग किया है वे न सिर्फ अनूठे है बल्कि ताजगी और मौलिकता लिये हुए है। ऐसा नहीं लगता कि उन्हें जबरन लाया गया है। सारे प्रतीक और बिम्ब हमारे रोजमर्रा की जिंदगी से उठाए गये हैÓÓ उक्त उद्गार प्रसिद्ध लेखक पत्रकार उपन्यासकार प्रमोद भार्गव ने गीतकार गोविन्द अनूज के सद्य प्रकाशित गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ पर विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कही।
प्रसिद्ध सामाजिक संस्था मंगलम शिवपुरी के वरिष्ठ नागरिक डे केयर सेंटर पर आयोजित इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता वयोवृद्व गीतकार हरिशचंद भार्गव ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में मंगलम के सचिव राजेेन्द्र मजेजी उपस्थित थे संचालन साहित्यकार अखलाक खान ने किया। इस अवसर पर हास्य कवि रामपंडित ने गोविन्द अनूज की रचना धर्मिता पर प्रकाश डालते हुए उन्हें प्रेम और प्रकृति के गीतो का कुशल चितेरा बताया गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इन गीतों में ग्राम्य जीवन का जो सहज और सरल तथा वास्तविक चित्रण किया गया है वह अनूठा है।
युवा साहित्यकार अखलाक खान ने कहा कि गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ मैनें पूरा पढ़ा है न सिर्फ भाषा शैली बल्कि गीतों का कथ्य और कहन धारदार और प्रभावी है सामाजिक सारोकार के ये गीत हिन्दी साहित्य में अपनी पहचान स्थापित करेगें ऐसा विश्वास है।
नगर के प्रमुख नवगीतकार विनय प्रकाश जैन 'नीरवÓ ने गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ पर लिखी अपनी प्रभावी समीक्षा का वाचन किया। उन्होंने भाई गोविन्द अनूज के गीतो को संरचनात्मक दृष्टि से तथा नवीन प्रयोगों के आधार पर नवगीत के प्रतिमानों के निकट बताया। उन्होंने कहा कि भाषा की दृष्टि से सरल शब्दों का प्रयोग इन गीतो की सम्प्रेषणीयता को बढाता है तथा शैली का लालित्य पाठकों में आकर्षण पैदा करता है। लय छंद की अनुगामिनी है और इन गीतो के सारे छंद मानको पर खरे है इसलिए सभी गीत गेय है। गीत में गेयता अनिवार्य तत्व होता है जो इन गीतो में विद्यमान हैÓÓ। इससे पूर्व गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ के रचयिता गोविंद अनूज ने सस्वर अपने गीतो का गायन किया यह गोविन्द अनूज की आठवीं पुस्तक है इसके पूर्व इनकी सात पुस्तके और प्रकाशित हो चुकी है। मुख्य अतिथि के रूप में मंगलम के सचिव राजेन्द्र मजेजी ने इस अच्छे गीत संग्रह के लिए गोविन्द अनूज को बधाई दी तथा साहित्य की गतिविधियों में निरंतर सक्रियता बनाय रखने का आव्हान किया।
अध्यक्षीय आंसदी से बोलते हुए वरिष्ठ गीतकार हरिशचंद भार्गव ने गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ के गीतों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि लयात्मकता, गेयता, और नवीन प्रतीकों से परिपूर्ण सारे गीत पठनीय और कंठस्थ करने योग्य बन गये है । पारिवारिक विघटन, ग्राम्य जीवन की दुर्दशा, राजनीतिक पतन, शोषण से मुक्ती, सौंदर्य चित्रण, प्रकृति चित्रण हर विषय पर गीतकार ने अपनी धारदार कलम चलाई है। अध्यक्ष की आसंदी से हरिशचंद भार्गव ने गोविन्द अनूज के गीत संग्रह 'ऑगन बात नहीं करताÓ के गीतो का गायन भी किया। उपस्थित रचनाकारों साहित्यकारों ने गोविन्द अनूज के इस अच्छे गीत संग्रह के लिए साधुवाद ज्ञापित किया गीत संग्रह के लोकप्रिय होने के लिए शुभकामनाएं भी दी अतं में आभार प्रदर्शन गीतकार गोविन्द अनूज ने किया ।
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