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सिंध में आये पानी के तेज बहाव के चलते एक दर्जन गांव से लेकर अशोकनगर

सिंध में आये पानी के तेज बहाव के चलते एक दर्जन गांव से लेकर अशोकनगर मा


 कोलारस-सिंध नदी के उदगम जिले विदिशा, अशोकनगर, गुना में बीते कई दिनो से जारी तेज वारिस के चलते सिंध नदी में रक्षा बंधन यानि कि गुरूवार की दोपहर एका-एक पानी का वहाब इतना बड गया कि सिंध नदी के सभी रपटे सिंध के आगोश में आ गये और देखते ही देखते कोलारस से अशोक नगर जाने बाले मार्ग पर पचावली में गुरूवार की दोपहर सिंध नदी पुल के ऊपर से वहना प्रारंभ हो गई। जिसके चलते गुरूवार की दोपहर से शुक्रवार यानि कि भुजरिया पर्व पर अशोक नगर मार्ग से लेकर खतौरा बदरवास मार्ग भी घुरवार में सिंध का नाला रपटे के ऊपर हो जाने के कारण खतौरा बदरवास मार्ग भी शुक्रवार को पूर्णता: बंद रहा। गुरूवार को एजवारा मार्ग से वाहनो का आवागमन चालू था जो कि शुक्रवार को बंद रहा। सिंध नदी में आये पानी के तेज वहाव के चलतें सिंध किनारे के गांवो में निवास करने बाले लोग घरो में ही बंद रह कर त्यौहार मनाने के लिए मजबूर रहे। सिंध किनारे आने बाले करीब एक दर्जन गांवो का सम्पर्क पानी के वहाव के कारण गुरूवार से लेकर शुक्रवार की शाम तक कटा रहा। इतना ही नही सिंध किनारे वसे गांवो की फसल पानी के तेज वहाव में दो दिन से अधिक समय तक डूबे रहने के कारण फसल के गल जाने का खतरा मडरा रहा है। शुक्रवार को जैसे ही प्रशासन को खबर लगी कि रेंझा घाट में एक सैंकडा से अधिक आदिवासी सिंध नदी के पानी में चारो तरफ से घिरे हुये है जिसके  बाद पुलिस अधीक्षक शिवपुरी, बदरवास थाना प्रभारी सतीश सिंह चौहान एवं बदरवास तहसीलदार श्री शर्मा रेस्क्यू टीम के साथ ग्राम रेंझा घाट तक पहुंचे जहां से कई घंटो की मश्क्कत के बाद शुक्रवार की दोपहर एक सैंकडा से अधिक आदिवासी परिजनो को सिंध नदी के पानी के बीच से बाहर निकाला जा सका। कुुल मिला कर बीते कई दिनो से जारी अशोक नगर विदिशा में वारिश के चलते रक्षा बंधन एवं भुजरिया  पर्व का त्यौहार कई गांव के लोगो के लिए मुसीवत बन कर आया। शनिवार को भांदो मास की दौज को वारिश कम या बंद हो जाने पर अशोक नगर मार्ग से लेकर एक दर्जन गांवो के लोगो का आवागमन शनिवार को प्रारंभ हो जाने की संभावना है। 

ें सिंध नदी उफान पर, कई घरों में पानी भरा
 बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं।  आसपास के इलाकों में ज्यादा बारिश होने के बाद सिंध नदी में पानी का बहाव बडने के बाद कोलारस क्षेत्र में पचावली गांव व इसके आसपास का कई क्षेत्र पानी में डूब गए हैं। सिंध नदी में पानी का बहाव बडने के बाद पचावली पुल पूरी तरह से डूब चुका है। पचावली का पुल डूब जाने से शिवपुरी-अशोकनगर रास्ते पर आवागमन बंद हो गया। दो दिन से रास्ता बंद होने से हजारों लोग इससे प्रभावित है। पचावली पुल के अलावा बदरवास में भी घुरवार घाट का पुल सिंध नदी के पानी के कारण डूब गया। यहां पर भी आवागमन ठप हो गया। शिवपुरी-अशोकनगर मार्ग पर तो पचावली पुल सिंध नदी के पानी में डूब जाने के बाद नए निर्माणधीन पुल पर लोग नशेनी से पुल पर चड अपनी जान जोखिम में डाल निकल रहे हैं। 


 रेस्क्यू ऑपरेशन कर फंसे हुए 30 से ज्यादा ग्रामीणों लोगों को निकाला गया
 सिंध नदी में पानी बडने के बाद कोलारस और बदरवास ब्लॉक के कई गांवों में पानी भर गया। बदरवास से 14 किलो मीटर दूर रेझा घाट गांव बीती रात सिंध नदी का पानी बडने के बाद यहां पर कई लोग पानी के बीच फंस गए। रेेझा गांव में निचली बस्ती में पानी भर जाने के बाद आज सुबह 30 से ज्यादा लोगों को एनडीआरएफ की टीम के मदद से नौका के जरिए इन्हें बाहर निकाला गया। यह गांव सिंध का पानी भर जाने से टापू में तब्दील हो गया है। इस गांव में लोगों के पानी के बीच फंस जाने के बाद जिला प्रशासन ने ग्वालियर की एनडीआरएफ टीम बुलाया और शुक्रवार की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन कर यहां पर फंसे हुए लोगों को निकाला गया। इन लोगों में कई महिलाएं व बच्चे भी हैं। पानी से बाहर निकाले जाने के बाद इन लोगों को अशोकनगर इलाके के रावसर ग्राम के एक सुरक्षित स्कूल में पहुंचाया गया है। इसके अलावा कोलारस के पचावली भडोता, लालपुर, संगेश्वर, पचवली, साखनोर, टामकी गांव में भी सिंध के पानी के कारण लोग परेशान हैं और इन गांवों का संपर्क भी ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है।


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