पर्यटक स्थलों की हालत खराब, कैसे बनेगी पर्यटन नगरी शिवपुरी
-देशी विदेशी सैलानियों को लाने के क्रम में बीते साल कैबिनेट मंत्री राजे ने की थी कवायद शुरू
-भदैया कुंड सहित अन्य पर्यटक स्थलों को दिया जाना था नया लुक, योजना ठंडे बस्ते में
शिवपुरी । टूरिस्ट विलेज के बगल में बने पर्यटक स्थल भदैया कुंड पर बने पार्क में डीटीपीसी के सहयोग से एक कैफेटेरिया शुरु हो गया है। इस कैफेटेरिया के शुरु हो जाने से यहां आने वाले पर्यटकों को मजेदार फास्टफूड का जायका मिलने लगा है। इस कैफेटेरिया में सुबह १० बजे से रात १० बजे तक पर्यटकों को आने- जाने की अनुमति दी गई। इस कैफेटेरिया के खुल जाने से एक बड़ा लाभ ये हुआ कि जो भदैया कुंड रात ७ बजे बंद हो जाता था वो अब रात १० बजे तक पर्यटकों का स्वागत के साथ व्यक्तियों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं लेकिन शहर सहित जिले में अनेक पर्यटन स्थल मौजूद हैं। इन पर्यटक स्थलों को आगे लाने की पहल तत्कालीन कैबिनेट एवं पर्यटन मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने पहल शुरू की थी और माधव राष्ट्रीय उद्यान से लेकर भदैया कुंड, संगमरमरी छतरी, सैलिंग क्लब, टुंडा भरका खो, अटल सागर डेम, नरवर का किला, सुरवाया गढ़ी जैसे प्रमुख धरोहरों से लवरेज शिवपुरी जिले को पर्यटन के नक्शे पर उभारने और खजुराहो, ओरछा व अन्य पर्यटक स्थलों की तरह यहां देशी विदेशी सैलानियों को लाने के क्रम में बीते साल कवायद शुरू की गई थी। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह कवायद फीकी हो गई है। इस क्रम में मड़ीखेड़ा डैम पर पार्क सहित होटल व कैफेटेरिया बनना था लेकिन अभी तक वह तैयार होना तो दूर की बात वहां निर्माण तक शुरू नहीं हो सका है। इसके साथ ही भदैया कुंड सहित अन्य पर्यटक स्थलों को नया लुक दिया जाना था लेकिन यह सब ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं भदैया कुण्ड पर इन दिनों गंदगी का अम्बार भी लगा हुआ हैं। कहने के लिए भदैया कुण्ड पर बारिश के दिनों में यहां मनोहारी झरने बहते हैं। वहीं वन्य प्राणियों के लिए माधव नेशनल पार्क भी है, जिससे पर्यटक यहां आ सकते हैं। इससे शिवपुरी एक पर्यटन हव बन सके लेकिन यह कवायद ठंडे बस्ते में हैं। लेकिन इन सबके लिए जिम्मेदार कौन हैं?
वॉक्स:-
पर्यटन स्थलों की दशा सुधरे तो मिल सकता है रोजगार
शहर के लोगों का कहना है कि शिवपुरी में काम धंधे पूरी तरह से ठप्प हैं ऐसे में यहां पर्यटन को उद्योग बनाया जा सकता है जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिल सकता है, लेकिन पर्यटन स्थलों की दशा सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो रही है, जिससे यहां न तो पर्यटक आ रहे हैं, और न ही पर्यटन उद्योग बन पा रहा है। यदि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए और पर्यटक स्थलों को सुधारा जाए तो यहां पर्यटन उद्योग के जरिए ही लोगों को रोजगार मिल सकता है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए तो यहां के बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया हो सकेगा। बाहर के पर्यटक शहर आने पर उनके भ्रमण और रुकने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को जुटाने में लोगों की आवश्यकता होगी और यही वजह रोजगार के अवसर भी दे सकती है।
वॉक्स:-
भदैया कुंड पर कृत्रिम झरने की कवायद की निकली हवा
भदैया कुंड पर बारिश के दिनों में झरना बहता है इस झरने को कृत्रिम रूप से बहाने के लिए कुंड में मोटर लगाई गई थी पानी को पंप के जरिए लिफ्ट कर पानी ऊपर से झरने की तरह बहाना था, जिससे यहां पर पर्यटकों की आवाजाही हो सके लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के जाते ही यह योजना भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। लाखों के खर्च के बाद पानी में डाली गई नलकूप की मोटर बेकार पड़ी हुई है। इतना ही नहीं इस नलकूप में लगाई गई लेजम का भी पता सिरा नहीं हैं और अब इसकी कोई देख रेख नहीं कर रहा हैं इस के कारण सारी व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई हैं। ऐसे स्थिति में सैलानियों ने भी मुंह मोड़ लिया हैं। इस समय जहां सैलानियों का भदैया कुण्ड पर शाम की समय लोग भ्रमण करने आते थे वह भी आना कम हो गए हैं।
-देशी विदेशी सैलानियों को लाने के क्रम में बीते साल कैबिनेट मंत्री राजे ने की थी कवायद शुरू
-भदैया कुंड सहित अन्य पर्यटक स्थलों को दिया जाना था नया लुक, योजना ठंडे बस्ते में
शिवपुरी । टूरिस्ट विलेज के बगल में बने पर्यटक स्थल भदैया कुंड पर बने पार्क में डीटीपीसी के सहयोग से एक कैफेटेरिया शुरु हो गया है। इस कैफेटेरिया के शुरु हो जाने से यहां आने वाले पर्यटकों को मजेदार फास्टफूड का जायका मिलने लगा है। इस कैफेटेरिया में सुबह १० बजे से रात १० बजे तक पर्यटकों को आने- जाने की अनुमति दी गई। इस कैफेटेरिया के खुल जाने से एक बड़ा लाभ ये हुआ कि जो भदैया कुंड रात ७ बजे बंद हो जाता था वो अब रात १० बजे तक पर्यटकों का स्वागत के साथ व्यक्तियों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं लेकिन शहर सहित जिले में अनेक पर्यटन स्थल मौजूद हैं। इन पर्यटक स्थलों को आगे लाने की पहल तत्कालीन कैबिनेट एवं पर्यटन मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने पहल शुरू की थी और माधव राष्ट्रीय उद्यान से लेकर भदैया कुंड, संगमरमरी छतरी, सैलिंग क्लब, टुंडा भरका खो, अटल सागर डेम, नरवर का किला, सुरवाया गढ़ी जैसे प्रमुख धरोहरों से लवरेज शिवपुरी जिले को पर्यटन के नक्शे पर उभारने और खजुराहो, ओरछा व अन्य पर्यटक स्थलों की तरह यहां देशी विदेशी सैलानियों को लाने के क्रम में बीते साल कवायद शुरू की गई थी। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह कवायद फीकी हो गई है। इस क्रम में मड़ीखेड़ा डैम पर पार्क सहित होटल व कैफेटेरिया बनना था लेकिन अभी तक वह तैयार होना तो दूर की बात वहां निर्माण तक शुरू नहीं हो सका है। इसके साथ ही भदैया कुंड सहित अन्य पर्यटक स्थलों को नया लुक दिया जाना था लेकिन यह सब ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं भदैया कुण्ड पर इन दिनों गंदगी का अम्बार भी लगा हुआ हैं। कहने के लिए भदैया कुण्ड पर बारिश के दिनों में यहां मनोहारी झरने बहते हैं। वहीं वन्य प्राणियों के लिए माधव नेशनल पार्क भी है, जिससे पर्यटक यहां आ सकते हैं। इससे शिवपुरी एक पर्यटन हव बन सके लेकिन यह कवायद ठंडे बस्ते में हैं। लेकिन इन सबके लिए जिम्मेदार कौन हैं?
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पर्यटन स्थलों की दशा सुधरे तो मिल सकता है रोजगार
शहर के लोगों का कहना है कि शिवपुरी में काम धंधे पूरी तरह से ठप्प हैं ऐसे में यहां पर्यटन को उद्योग बनाया जा सकता है जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिल सकता है, लेकिन पर्यटन स्थलों की दशा सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो रही है, जिससे यहां न तो पर्यटक आ रहे हैं, और न ही पर्यटन उद्योग बन पा रहा है। यदि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए और पर्यटक स्थलों को सुधारा जाए तो यहां पर्यटन उद्योग के जरिए ही लोगों को रोजगार मिल सकता है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए तो यहां के बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया हो सकेगा। बाहर के पर्यटक शहर आने पर उनके भ्रमण और रुकने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को जुटाने में लोगों की आवश्यकता होगी और यही वजह रोजगार के अवसर भी दे सकती है।
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भदैया कुंड पर कृत्रिम झरने की कवायद की निकली हवा
भदैया कुंड पर बारिश के दिनों में झरना बहता है इस झरने को कृत्रिम रूप से बहाने के लिए कुंड में मोटर लगाई गई थी पानी को पंप के जरिए लिफ्ट कर पानी ऊपर से झरने की तरह बहाना था, जिससे यहां पर पर्यटकों की आवाजाही हो सके लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के जाते ही यह योजना भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। लाखों के खर्च के बाद पानी में डाली गई नलकूप की मोटर बेकार पड़ी हुई है। इतना ही नहीं इस नलकूप में लगाई गई लेजम का भी पता सिरा नहीं हैं और अब इसकी कोई देख रेख नहीं कर रहा हैं इस के कारण सारी व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई हैं। ऐसे स्थिति में सैलानियों ने भी मुंह मोड़ लिया हैं। इस समय जहां सैलानियों का भदैया कुण्ड पर शाम की समय लोग भ्रमण करने आते थे वह भी आना कम हो गए हैं।
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