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हौसले बुलंद, हाइटेक तरीके से हो रहा सट्टे का अवैध कारोबार

हौसले बुलंद, हाइटेक तरीके से हो रहा सट्टे का अवैध कारोबार
- शिवपुरी आईपीएल सट्टे का कारोबार जिले भर में फैला जाल
-पुलिस के लिए कमाई का साधन बना हाईटेक सट्टा कारोबार
शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी शहर में सट्टे का कारोबार तो पूर्व से खुलेआम चल ही रहा हैं। यहां पुलिस कर्मियों द्वारा छोटे मोटे सटोरियों को एक-दो पर्चियों के साथ पकड़ कर उन पर या तो 151 की या धू्रतकीड़ा अधिनियम की कार्यवाही कर उनसे मोटी रकम बसूलने में लगे हुए हैं, लेकिन पुलिस कर्मी मुख्य खाईबाजों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस कर्मियों को होने के बाद भी इनसे एक मोटी रकम भी बसूल कर इस कारोबार को खुला संरक्षण देने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं अब तो शहर में इन दिनों आईपीएल सट्टे का कारोबार भी खुले रूप से शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायियों द्वारा खुले रूप से संचालित किया जा रहा है। यह कारोबार शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी खुलेआम चल रहा हैं। बीते रोज एक पुलिस कर्मी ने एक व्यक्ति आम रास्ते पर मोबाईल चलाते पकड़ा और उससे आपीएल का सटोरिया बताकर उससे एक लाख रूपए की मोटी रकम बसूल कर छोड़ दिया। इससे पूरे शहर में पुलिस विभाग छवि धूमिल होती दिखाई दे रही हैं। शहर के कई सभ्रांत नागरिकों का कहना है कि इस तरीके के मामले में शहर में आए दिन देखने को मिल रहे हैं। साथ ही खुले रूप में सट्टे का कारोबार संचालित होने से कई परिवार बर्वाद होने की कगार पर आ गए हैं जबकि पूर्व में इस सट्टे के अवैध करोबार में दो लोगों की जान तक चली गई थी। लेकिन पुलिस विभाग इस अवैध सट्टे के कारोबार पर क्यों कार्यवाही नहीं कर रहा हैं यह समझ से परे हैं। जबकि पूर्व के पुलिस अधीक्षक यूसिफ कुर्रेशी ने सट्टे के अवैध करोबार पर कार्यवाही कर शहर की जनता को इस अवैध करोबार से जरूर राहत दिलाई थी। इतना ही नहीं एक खाई बाज को मकान के अंदर बनी भुकाई से निकाल कर उस पर वैधानिक कार्यवाही की थी और छोटे मोटे लाईन लेने वाले सटोरियों चूहे की तरह बिलों में छुप गए थे। लेकिन अब जाने पुलिस विभाग के अधिकारियों को क्या हो गया चाहे वह कोतवाली वाले साहब या फिर फिजीकल बाली मेडम या देहात में कोई दूसरा कार्य  नहीं चल रहा हैं। उन्होंने सटोरियों को पकड़ कर खुले रूप से बसूली का सिलसला अनबरत रूप से जारी हैं। जबकि वहीं पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर अपनी ईमानदार छवि से शहर क्राईम ग्राफ को घटाने में लगे हुए हैं। लेकिन इस सट्टे के कारोबार से निजात दिला पाते हैं या नहीं यह जन चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
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करैरा में भी खुलेआम चल रहा हैं आईपीएल का खेल
बड़ी तहसील करैरा नगर में अनेक जगहों पर लोगों को कोड में बात करते हुए सुने तो आपको हैरानी होने की जरूरत नहीं क्योंकि इस नगर में सट्टे का कारोबार हाईटेक हो चुका है एक तरह से देखा जाए तो यहां पर ओपन-क्लोज का खेल बंद है पर यही काम अब हाईटेक तरीके से मोबाइल फोन से हो रहा है इसे संचालित करने बाकायदा नियत स्थान पर खाईवाल के एजेंट घूम रहे हैं जो लिखा-पढ़ी से नहीं फोन, इंटरनेट से सारा काम कर रहे हैं। यहां के सटोरियों के तार देश के महानगरों से जुड़े हुए हैं जहां करोड़ों का सट्टा रोज लगाया जा रहे है सटोरियों तथा खाईवालों के चक्कर में हजारों घर बर्बाद हो चुके हैं फिर भी लोग सट्टे की लत छोड़ नहीं पा रहे हैं करैरा नगर सहित अंचल भर के हजारों लोग इस धंधे के शिकार हो रहे है लोग तो अपने जरूरतों को भूलकर अपनी गाढ़ी कमाई सट्टे में लगाकर बर्बाद हो रहे हैं लेकिन प्रशासन मौन बैठा है क्योंकि उनके हिसाब से सट्टे का कारोबार पूरी तरह बंद है करैरा नगर में ऐसे हाई प्रोफाइल सटोरिए सक्रिय हैं जिनके तार अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे महानगरों के बड़े बुकी से जुड़े हैं कई सटोरिए लेन-देन का हिसाब करोड़ों में करते हैं
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गांव से संचालित होता है नेटवर्क
सट्टे का नेटवर्क संभालने वाले बड़े खाइवाज अब नगर में नहीं बल्कि गांव में बैठकर काम संचालित कर रहे हैं सट्टे का कारोबार पहले कागजों के माध्यम से फैला हुआ था जिसे पकड़े जाने के डर से इसे चलाने वाले मोबाइल से ही इस कारोबार को संचालित कर रहे हैं नगर के कई ठिकानों में सट्टा लगाए जा रहे हैं रुपयों का लेन-देन करोड़ों में हो रहा है और क्रिकेट के परवान चढ़ते जुनून के साथ क्रिकेट का सट्टा चरम पर है।
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