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जिला चिकित्सालय में उपलब्ध होने के बाद भी नहीं लगा रहे रेबीज का इंजेक्शन


जिला चिकित्सालय में उपलब्ध होने के बाद भी नहीं लगा रहे रेबीज का इंजेक्शन
-रेबीज  के इंजेक्शन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगाई अस्पताल प्रबंधन को लताड़
शिवपुरी ब्यूरो। बीते बरसों में प्रदेश के नंबर वन पर काबिज  रहे शिवपुरी जिला चिकित्सालय मैं रेबीज के इंजेक्शन को लेकर नया खुलासा सामने आया है बीते सबा महीने से जिला चिकित्सालय में कुत्ते के काटने पर लगाए जाने वाला रेबीज का इंजेक्शन नहीं होने की खबर समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित की जा रही थी जिसे पढ़कर पूर्व पार्षद  वीरेंद्र शिवहरे जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां पर उन्होंने प्रभारी सिविल सर्जन से इस संबंध में बातचीत की प्रभारी सिविल सर्जन बीके खरे ने बताया कि जिला चिकित्सालय में इंजेक्शन ना होने की जानकारी वाला मैटर तो उन्हें पता नहीं है लेकिन यह अवश्य है कि इंजेक्शन की खरीदारी तो हुई है उन्होंने इस संबंध में  चिकित्सालय प्रबंधन से भी बात की  तो उन्होंने बताया कि पिछले सबा महीने से रेबीज के इंजेक्शन का मांग पत्र  लगा हुआ है लेकिन  अभी तक  इंजेक्शन की डिलीवरी नहीं हुई है सिविल सर्जन और प्रबंधन की बात से संतुष्ट ना हो कर श्री  शिवहरे द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय में उक्त पूरे मामले की शिकायत की गई जिस पर मंत्रालय द्वारा जिला चिकित्सा प्रशासन से रेबीज के इंजेक्शन का ब्यौरा मांगा गया जिसमें जिला चिकित्सालय द्वारा चिकित्सालय में रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध होना बताया गया तो फिर सवाल यह उठता है कि जब जिला चिकित्सालय में रेबीज का इंजेक्शन मौजूद  है तो फिर वहां पर आए मरीजों को क्यों लौटा दिया जाता है इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार की साफ-साफ गंध  आती दिखाई दे रही है इस बात का खुलासा  तब हुआ  जब स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी पत्र के माध्यम से उनसे रेबीज के इंजेक्शन का ब्यौरा मांगा गया उसके बाद जिला चिकित्सालय प्रबंधन में इंजेक्शन स्टोर में उपलब्ध होना बताया स्वास्थ्य मंत्रालय के पी एस द्वारा निर्देश देते हुए हॉस्पिटल में हो रहे भ्रष्टाचार पर जमकर लताड़ भी लगाई पूरी घटना की जानकारी देते हुए पूर्व पार्षद वीरेंद्र शिवहरे ने बताया कि मुझे कई दिनों से जिला चिकित्सालय में इस तरह की शिकायतें मिल रही थी जिस पर मैंने स्वयं ने ध्यान आकर्षित करते हुए इस पूरे मामले को गंभीरता से  लिया  और स्वास्थ्य मंत्रालय तक इस समस्या को पहुंचाया तब जाकर कहीं जिला चिकित्सालय में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में पता चला है यह काफी निंदनीय है बात विचारणीय भी है कि यदि जिला चिकित्सालय में रेबीज का इंजेक्शन मौजूद है तो उसे बाजार से लगवाने के लिए क्यों  कहा जाता है आपको बता दें कि रेबीज का इंजेक्शन बाजार में 300 से ?400 कीमत का होता है और जो कुत्ते के काटने के बाद 5 इंजेक्शन लगवाना अति आवश्यक है जिससे वह रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार ना हो जो एक साधारण व्यक्ति के लिए बहुत मुश्किल वाला काम होता है फिलहाल तो इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद जिला चिकित्सालय प्रशासन अब सावधान की स्थिति में है
इनका कहना है
जिला चिकित्सालय में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो गए थे हमारे द्वारा एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए थे हमने 500 इंजेक्शन की और आपूर्ति कर दी है यह किसी की गलतफहमी या स्टाफ द्वारा स्टोर को डिमांड नहीं करने से ऐसी स्थिति पैदा हुई है  मुझे स्वास्थ्य मंत्रालय से कोई लेटर प्राप्त नहीं हुआ है और यदि आता है तो मैं उसका जवाब दूंगा
अर्जुन लाल शर्मा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
जिला शिवपुरी म.प्र.
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