जैन समाज का वार्षिक रथयात्र कार्यक्रम सम्पन्न
-चांदी के रथ में सवार होकर निकले श्री जी
-संयम के द्वारा से ही परमात्म तत्व की प्राप्ति संभव: आचार्य संयम सागर
शिवपुरी ब्यूरो। बसंत पंचमी के अवसर दिगंबर जैन समाज का वार्षिक विमान उत्सव का कार्यक्रम रविवार बसंत पंचमी पर सानंद- हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा जिनेंद्र प्रभु की भव्य शोभायात्रा चांदी के रथ में शहर के प्रमुख मार्गों से गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम में बालचार्य 108 श्री संयमसागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री विगुण सागर जी महाराज का भी मंगल सानिध्य समाज को प्राप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष वसंत पंचमी के अवसर पर दिगंबर जैन समाज द्वारा रथयात्रा का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है, जिसमें पूरे शिवपुरी जिले से जैन समाज के श्रद्धालुगण शामिल होते हैं। कार्यक्रम के प्रारम्भ में पाठशाला के बच्चो ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह पांच पापों के बारे में बताया। साथ ही वीर महिला मंडल ने भी रंगारंग प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर बालचार्य 108 श्री संयमसागर जी महाराज ने समाज को प्रवचनों के माध्यम से उपदेश दिया कि, आत्मा के कल्याण के माध्यम से ही परमात्मा बना जा सकता है। हम वीतरागी प्रभु के गुणों का तो गुणगान करें ही, साथ साथ अपनी आत्मा के कल्याण के लिए उन गुणों को भी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर क्षुल्लक 105 श्री विगुण सागर महाराज ने कहा कि, इस प्रकार के सामाजिक आयोजनों के माध्यम से यदि हमारे मन के विचार एक हो जाएं, तो जैन समाज का शोभायात्रा निकालना सार्थक हो जाएगा। प्रवचनों के उपरांत श्री जी की शोभा यात्रा बैंड-बाजों के साथ श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई। रथयात्रा सदर बाजार होते हुए माधव चौक चौराहे से होकर श्री आदिनाथ जिनालय पहुँची। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे चल रहे थे। महिलाएं मंगलगीत गा रहीं थीं, वहीं समाज के लोग जयकारे लगा रहे थे। रथयात्रा में आगे बच्चे हाथों में पचरंगी धर्म ध्वज लिए चल रहे थे, साथ ही वीर सेवा संघ का दिव्य घोष वातावरण में अपनी दिव्य ध्वनि बिखेर रहा था। जुलूस पर मुख्य बाजार में जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। समाज के व्यक्तियों ने अपने अपने घरों व प्रतिष्ठानों के सामने श्रीजी की आरती उतारी। रथयात्रा समाप्ति के पश्चात श्री जी की बिशेष शांतिधारा की गई। जिसके उपरांत, सकल दिगम्बर जैन समाज का वात्सल्य भोज का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जैन समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों पुलक जन चेतना मंच, विमर्श जाग्रति मंच, मरूदेवी महिला मंडल, राजुल महिला मंडल, पुलक महिला जन जाग्रति मंच, विमर्श महिला जाग्रति मंच, एवं समाज में लगातार अपनी सेवाएं देने वाले व्यक्तियों का सम्मान भी किया गया। अंचल के अन्य जगहों के श्रद्धालु भी शामिल हुए।
-चांदी के रथ में सवार होकर निकले श्री जी
-संयम के द्वारा से ही परमात्म तत्व की प्राप्ति संभव: आचार्य संयम सागर
शिवपुरी ब्यूरो। बसंत पंचमी के अवसर दिगंबर जैन समाज का वार्षिक विमान उत्सव का कार्यक्रम रविवार बसंत पंचमी पर सानंद- हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा जिनेंद्र प्रभु की भव्य शोभायात्रा चांदी के रथ में शहर के प्रमुख मार्गों से गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम में बालचार्य 108 श्री संयमसागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री विगुण सागर जी महाराज का भी मंगल सानिध्य समाज को प्राप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष वसंत पंचमी के अवसर पर दिगंबर जैन समाज द्वारा रथयात्रा का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है, जिसमें पूरे शिवपुरी जिले से जैन समाज के श्रद्धालुगण शामिल होते हैं। कार्यक्रम के प्रारम्भ में पाठशाला के बच्चो ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह पांच पापों के बारे में बताया। साथ ही वीर महिला मंडल ने भी रंगारंग प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर बालचार्य 108 श्री संयमसागर जी महाराज ने समाज को प्रवचनों के माध्यम से उपदेश दिया कि, आत्मा के कल्याण के माध्यम से ही परमात्मा बना जा सकता है। हम वीतरागी प्रभु के गुणों का तो गुणगान करें ही, साथ साथ अपनी आत्मा के कल्याण के लिए उन गुणों को भी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर क्षुल्लक 105 श्री विगुण सागर महाराज ने कहा कि, इस प्रकार के सामाजिक आयोजनों के माध्यम से यदि हमारे मन के विचार एक हो जाएं, तो जैन समाज का शोभायात्रा निकालना सार्थक हो जाएगा। प्रवचनों के उपरांत श्री जी की शोभा यात्रा बैंड-बाजों के साथ श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई। रथयात्रा सदर बाजार होते हुए माधव चौक चौराहे से होकर श्री आदिनाथ जिनालय पहुँची। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे चल रहे थे। महिलाएं मंगलगीत गा रहीं थीं, वहीं समाज के लोग जयकारे लगा रहे थे। रथयात्रा में आगे बच्चे हाथों में पचरंगी धर्म ध्वज लिए चल रहे थे, साथ ही वीर सेवा संघ का दिव्य घोष वातावरण में अपनी दिव्य ध्वनि बिखेर रहा था। जुलूस पर मुख्य बाजार में जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। समाज के व्यक्तियों ने अपने अपने घरों व प्रतिष्ठानों के सामने श्रीजी की आरती उतारी। रथयात्रा समाप्ति के पश्चात श्री जी की बिशेष शांतिधारा की गई। जिसके उपरांत, सकल दिगम्बर जैन समाज का वात्सल्य भोज का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जैन समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों पुलक जन चेतना मंच, विमर्श जाग्रति मंच, मरूदेवी महिला मंडल, राजुल महिला मंडल, पुलक महिला जन जाग्रति मंच, विमर्श महिला जाग्रति मंच, एवं समाज में लगातार अपनी सेवाएं देने वाले व्यक्तियों का सम्मान भी किया गया। अंचल के अन्य जगहों के श्रद्धालु भी शामिल हुए।
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