भारत के इस राज्य में शादी की पहली रात महिला को देना पड़ता है कौमार्य का सबूत, सरकार मानेगी अपराध
मुम्बई। हर देश, हर समुदाय में कुछ ऐसी रीतियां होती हैं जो अजीब सी होती हैं, कई तो ऐसी भी जिनसे किसी को मानसिक या शारीरिक कष्ट या अपमान भी सहन करना पड़ता है। ऐसा ज्यादातर महिलाओं के साथ ही होता है। भारत के महाराष्ट्र प्रांत में भी एक ऐसी ही प्रथा है। यहां एक समुदाय में शादी के नववधु को सुहागरात से पहले अपने कुंवारे होने का सबूत देना पड़ता है, उसे कौमार्य परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। अब महाराष्ट्र सरकार जल्द ही कौमार्य परीक्षण को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल करने जा रही है, अब इस प्रक्रिया को यौन उत्पीड़न माना जावेगा। अब महिला को कौमार्य परीक्षण के लिए मजबूर करने वालों को दंडनीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इसकी जानकारी दी गई। बताया जाता है कि, राज्य में कुछ समुदाय एक प्रथा का पालन करते हैं, जिसके तहत नवविवाहित महिला को यह साबित करना होता है कि वह शादी से पहले कुंवारी थी। गृह राज्य मंत्री रणजीत पाटिल ने बुधवार को इस मुद्दे पर कुछ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोर्हे भी एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं। मंत्री पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि, ‘कानून और न्यायपालिका विभाग के साथ विचार-विमर्श के बाद, वर्जिनिटी टेस्ट को यौन उत्पीड़न का एक रूप माना जाएगा। जल्दी ही सरकार इसे दंडनीय अपराध घोषित करेगी। चित्र सांकेतिक है।
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