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भाजपा के दिग्गज नेता को कांग्रेस ने दिया बड़ा ऑफर, पार्टी में मची खलबली

भाजपा के दिग्गज नेता को कांग्रेस ने दिया बड़ा ऑफर, पार्टी में मची खलबली

भाजपा के दिग्गज नेता को कांग्रेस ने दिया बड़ा ऑफर, पार्टी में मची खलबली



भाजपा के दिग्गज नेता को कांग्रेस ने दिया बड़ा ऑफर, पार्टी में मची खलबली

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को कांग्रेसस की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ने का आफर दिया है। इस आफर के बाद मध्यप्रदेश में राजनीति गर्मा गई है। पहले से पार्टी से दरकिनार चल रहे बाबूलाल गौर को मिले आफर के बाद तरह-तरह की अटकलें लगना शुरू हो गई हैं।

 

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार कांग्रेस के आफर मिलने के कारण वे चर्चाओं में हैं।कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बाबूलाल गौर से कहा है कि वे और उनकी पार्टी चाहती है कि भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। गौर ने कांग्रेस के इस ऑफर को नहीं ठुकराया है और यह भी कह दिया है कि इस पर विचार करेंगे।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गौर ने कांग्रेस के आफर की पुष्टि भी कर दी है। गोविंदपुरा क्षेत्र से 9 बार विधायक रहे पूर्व मुख्यमंत्री को यह आफर दिग्विजय ने उनके घर पहुंचकर लंच पार्टी के दौरान दिया है। दरअसल, दिग्विजय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले दिनों गौर के 74 बंगला स्थित आवास पर दोपहर भोजन के लिए गए थे। इसी दौरान दिग्विजय ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए लोकससभा सीट से चुनाव लड़ने का आफर दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गौर ने इस आफर को अब भी नहीं ठुकराया है। यह भी कहा है कि इस पर विचार करेंगे।

35 साल से हार रही है कांग्रेस
दिग्विजय सिंह का यह आफर ऐसे समय में आया है जब एक माह बाद ही देशभर में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी और कांग्रेस एक-एक सीट जीतने की जद्दोजहद करेगी। भोपाल की लोकसभा सीट पिछले 35 सालों से भाजपा के कब्जे में है। यहां हर बार कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ती है।

कांग्रेस के करीब आए बाबूलाल
दिग्विजय सिंह के सीएम रहने के दौरान बाबूलाल गौर नेता प्रतिपक्ष थे। इस दौरान गौर की नजदीकियां कांग्रेस के साथ पहले से रही हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटने और बहू कृष्णा गौर को टिकट देने में संगठन की आनाकानी के कारण गौर नाराज हो गए थे। उनके भाजपा तक छोड़ने की अटकलें लग गई थीं। हालांकि वे कांग्रेस में नहीं गए, लेकिन इस दौरान कांग्रेस के संपर्क में रहने के कारण दिग्गज नेताओं से नजदीकियां भी बढ़ गई थीं।

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