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Express news mp की विशेष रिपोर्ट।क्या कमलनाथ सरकार टोल बेरियलों पर हो रही अवैध वसूली पर शिकंजा कस पाएगी ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?

Express news mp की विशेष रिपोर्ट।क्या कमलनाथ सरकार टोल बेरियलों पर हो रही अवैध वसूली पर शिकंजा कस पाएगी ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?


 भोपाल, मध्यप्रदेश, शिवपुरी,

शिवपुरीखरई तेंदुआ चेकपोस्ट आतंक  ? ? ? ?
क्या सरकारी खजाने को लगते चुना पर सरकार अपना दम्भ भर पाएगी ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?
खरई बैरियल जैसे बेरियलों से लगता है सरकार के खजाने को करोड़ो का चूना ! !  ! ! ! ! ! ! ! !  !
क्या "वक्त है बदलाव के साथ"सत्ता में आई सरकार इन "कटरों" पर लगाम लगा पाएगी ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? 
मध्यप्रदेश खजाने को होता है करोड़ो का नुकसान,वही भ्र्ष्टाचार की सूची में प्रदेश का नाम होता है कलंकित ! ! ! ! ! ! !  ! ! ! ! ! ! 
क्या सालों से दंश झेल रहे ट्रक और बस वालों को "नाथ" सरकार देगी सहारा ? ? ? ? ? ? ? ? ?
आइए समझते है कैसे होता है इन बेरियलों पर प्राइवेट कटर की वजह से आम नागरिक की जेब पर पड़ता है असर ! ! ! 
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RTO नाकों पर गुंडों की फौज,  अफसरों की मिलीभगत से हो रही है लूट ? ? ? ? ? ?? ?
ऐसे ही बेवजह के जुर्माने और भ्रष्टाचार आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी चीजें महंगी कर देती हैं.
देश में अगर नासिक से जमशेदपुर एक ट्रक 20 टन प्याज लेकर जाता है तो प्याज से भरे उस ट्रक को 1550 किमी में 15 हजार रुपए अवैध उगाही के तौर पर देने होते हैं. ये 15 हजार रुपए की अवैध उगाही माल भाड़े में जोड़ दी जाती है और प्याज का दाम बढ़ जाता है. यानी जो अवैध उगाही आरटीओ के अफसर ने की, उसको आप अपनी जेब से चुकाते हैं! ! ! ! ! ! ! ! !  ! ! !

उगाही के नए ऩए तरीके इन चेक पोस्ट पर भ्रष्टाचार के लिए 
अपनाए जा रहे हैं. कहीं कूपन, कहीं मंथली भ्रष्टाचार वाली लिस्ट, कहि xyz नाम ऐसे ही तरीकों से अवैध उगाही हो रही है  ! ! ! ! ! ! ! ! ! !
22 गैर कम्प्यूटरीकृत और 8 अस्थाई  चेकपोस्ट पर परिवहन अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा वाहनों की मैनुअल चैकिंग पूर्व की स्थिति में मोेटरयान अधिनियम 1988, केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1989, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 व मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 के प्रावधानों के तहत की जाएगी।

गैर कम्प्यूटरीकृत: फूप-मालनपुर-भिंड, मुरैना-मुरैना, चिरुला-दतिया, उमरथाना-धरनावदा-गुना, सिकंदरा शिवपुरी, चांदपुर-अलीराजपुर, लोनी, बुरहानपुर, थांदलाझा बुआ, बोनकट्टा-बालाघाट, सालेटेकरी-बालाघाट, मोतीनाला-मंडला, चांकघाट-रीवा, मझगवांसत् ाना, मोरवा-करोरी-जयंत-सिंगरौली, लोढ़ी-बांसवाड़ा (छतरपुर), अदनानाका (बैतूल), रामनगर तिराहा (अनूपपुर), जमालपुरा (मंदसौर), लेदी चौराहा (मंदसौर), बघाना (नीमच), पिपलोदा (रतलाम), सैलाना (रतलाम), अस्थाई: भूली (छिंदवाड़ा), राजना (छिंदवाड़ा), प्राणपुर (अशोकनगर), बाजना (रतलाम), बीना-खुरई (सागर), सामरसा (श्योपुर), कराहल-नहर (श्योपुर), रानीगंज तिगैला (छतरपुर)।
आप समझ सकते है कैसे सरकार  के कुछ नुमाइंदे इन जगहों का ठेका देकर आम नागरिको पर महंगाई का बोझ डाल रहे है कैसे भृष्टाचार की मार आम जनता खा रही ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?
क्या कमलनाथ सरकार इन गुंडों के आतंक से मुक्ति दिला पाएगी ? ? ? ? ? ? ? ? ?
क्या सुशासन का वातावरण कोंग्रेस सरकार दे पाएगी ? ? ? ? ? ? ? ?
क्या इन टोल बेरियलों  ठेकेदारों के आतंक से ट्रक ,बस,जीप चलाने वाले मजदूरों को मुक्ति मिल पाएगी या वही पुराने दिन देखने पड़ेंगे ? ? ? ? ? ? ?
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