प्रदेश महासचिव बीच बैठक से आखिर क्यों चले हरवीर सिंह रघुवंशी
-कोलारस की हार का मंथन बैठक में उछला सवाल,क्या कांग्रेस में सब पद यादवों को आरक्षित
शिवपुरी ब्यूरो। कोलारस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेन्द्र सिंह 720 वोटो की छोटी सी हार पच नही रही हैं। शनिवार को कोलारस विधानसभा प्रभारी अशोक चौधरी की मौजूदगी में कांग्रेस जिले के नेता और स्थानीय पदाधिकारीयों की बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रदेश महासचिव हरवीर सिंह रघुवंशी बीच बैठक छोड़कर आखिर क्यों चले गए यह पूरी बैठक में चर्चा का विषय बनी रही। जबकि कोलारस में कांग्रेस को हमेशा से एक जुट माना जाता था। इसका परिणाम यह हुआ कि कोलारस में उप चुनाव के समय पूरी सरकार एक तरफ रही और कोलारस विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने एकजुटता का परिचय देकर अपनी जीत दर्ज कराई थी। आखिरकार 10 माह में ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस मात्र 700 वोटों से चुनाव हार गई। इस मंथन बैठक में कांग्रेस प्रत्याशी महेन्द्र सिंह के समर्थित कांग्रेस नेताओ ने कहा कि अब महेन्द्र सिंह के हार जाने बाद हम अपनी समस्याए किसके पास लेकर जाऐंगें। इन कार्यकर्ताओं ने महेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिलाने की मांग विस प्रभारी चौधरी के सामने रखी। यह सुनकर रन्नौद सेक्टर के कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने तर्क रखा कि अध्यक्ष से लेकर अन्य पदाधिकारी यादव ही हैं। यदि सारे पद इन्हीं को मिल जाएंगे तो लंबे समय से काम कर रहे हम जैसे कार्यकर्ताओं का क्या होगा। बैठक में विस प्रभारी के सामने ही कांग्रेस कार्यकर्ता दो गुटों में नजर आए।
कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि मतदान से चार दिन पहले ही विस प्रभारी को बता दिया था कि रन्नौद से कांग्रेस हार रही है। लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। बैठक में कांग्रेस प्रदेश कमेटी के प्रदेश महासचिव हरवीर रघुवंशी पर कार्यकर्ताओं ने अविश्वास जताया। संगठन में अपने चहेतों को पद दिलाने की बात कही। विरोध देख रघुवंशी बैठक से उठकर चले गए। अंत में विधानसभा प्रभारी अशोक चौधरी ने कहा कि दस माह पूर्व उप चुनाव हम भारी मतों से जीते थे और यह चुनाव कम वोट से हार गए। चुनाव में क्या गलतियां रहीं जिससे हम हार गए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं जो सुझाव व सलाह देंगे, उनकी बात 27 दिसंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने रखेंगे। बैठक में जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव, हरवीर रघुवंशी, रविंद्र शिवहरे, रामवीर सिंह यादव, भरत सिंह चौहान, धर्मेंद्र रावत, पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव सहित सेक्टर कार्यकर्ता मौजूद थे।
-कोलारस की हार का मंथन बैठक में उछला सवाल,क्या कांग्रेस में सब पद यादवों को आरक्षित
शिवपुरी ब्यूरो। कोलारस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेन्द्र सिंह 720 वोटो की छोटी सी हार पच नही रही हैं। शनिवार को कोलारस विधानसभा प्रभारी अशोक चौधरी की मौजूदगी में कांग्रेस जिले के नेता और स्थानीय पदाधिकारीयों की बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रदेश महासचिव हरवीर सिंह रघुवंशी बीच बैठक छोड़कर आखिर क्यों चले गए यह पूरी बैठक में चर्चा का विषय बनी रही। जबकि कोलारस में कांग्रेस को हमेशा से एक जुट माना जाता था। इसका परिणाम यह हुआ कि कोलारस में उप चुनाव के समय पूरी सरकार एक तरफ रही और कोलारस विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने एकजुटता का परिचय देकर अपनी जीत दर्ज कराई थी। आखिरकार 10 माह में ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस मात्र 700 वोटों से चुनाव हार गई। इस मंथन बैठक में कांग्रेस प्रत्याशी महेन्द्र सिंह के समर्थित कांग्रेस नेताओ ने कहा कि अब महेन्द्र सिंह के हार जाने बाद हम अपनी समस्याए किसके पास लेकर जाऐंगें। इन कार्यकर्ताओं ने महेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिलाने की मांग विस प्रभारी चौधरी के सामने रखी। यह सुनकर रन्नौद सेक्टर के कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने तर्क रखा कि अध्यक्ष से लेकर अन्य पदाधिकारी यादव ही हैं। यदि सारे पद इन्हीं को मिल जाएंगे तो लंबे समय से काम कर रहे हम जैसे कार्यकर्ताओं का क्या होगा। बैठक में विस प्रभारी के सामने ही कांग्रेस कार्यकर्ता दो गुटों में नजर आए।
कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि मतदान से चार दिन पहले ही विस प्रभारी को बता दिया था कि रन्नौद से कांग्रेस हार रही है। लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। बैठक में कांग्रेस प्रदेश कमेटी के प्रदेश महासचिव हरवीर रघुवंशी पर कार्यकर्ताओं ने अविश्वास जताया। संगठन में अपने चहेतों को पद दिलाने की बात कही। विरोध देख रघुवंशी बैठक से उठकर चले गए। अंत में विधानसभा प्रभारी अशोक चौधरी ने कहा कि दस माह पूर्व उप चुनाव हम भारी मतों से जीते थे और यह चुनाव कम वोट से हार गए। चुनाव में क्या गलतियां रहीं जिससे हम हार गए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं जो सुझाव व सलाह देंगे, उनकी बात 27 दिसंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने रखेंगे। बैठक में जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव, हरवीर रघुवंशी, रविंद्र शिवहरे, रामवीर सिंह यादव, भरत सिंह चौहान, धर्मेंद्र रावत, पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव सहित सेक्टर कार्यकर्ता मौजूद थे।
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