होटल-ढावों में फल-फूल रहा है देह व नशे का कारोवार
-शाम होते हैं सज जाती हैं इन ढ़ावों की दुकानें
शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी एक ऐसा जिला है, जहां से एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन हाईवे गुजरते हैं। यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 25 और उदयपुर-कानुपर हाईवे पर बसा हुआ है। इसलिए यहां से गुजरने वाले ट्रक-बस व अन्य वाहनों की तादात हजारों नहीं बल्कि लाखों में है। जिसके चलते शहर के बाहर चारों ओर ढावों व होटलों की बाढ़ सी आ गई है। यह वाहन चालक उन्ही ढावों में ठहरना पसंद करते हैं, जहां उन्हे शराब से लेकर शबाव तक सब कुछ मिल जाता है, अत: ग्राहकों की पंसद के चलते इन ढावा संचालकों की मजबूरी है कि इन्हे यहां कुछ मुहैया
करना पड़ता है। इतना ही नहीं इन ढ़ावों पर स्मैक और गांजे का अवैध करोबार भी जमकर चल रहा हैं। इसकी जानकारी पुलिस महकमे को होने के बाद भी इन ढ़ावों जाने क्यों छापामार कार्यवाही नहीं करते हैं। शासन तथा प्रशासन की अनदेखी के चलते इन ढावों पर देह व्यापार सहित नशा खोरी का धंधा दिन दूना रात चौगुना फल-फूला रहा है। इस धंधे के पैर पसारने का एक कारण यह भी है कि यह ट्रक चालक केवल अच्छी ढावों, होटलों पर ठहरते हैं, यहां इन्हे नशा के साथ गर्म गोस्त भी मिले, इसलिए मजबूरी वश ढावा चलाने के लिए संचालकों को इस व्यापार में लिप्त होना पड़ता है। इतना ही नहीं इन सब ट्रक चालकों के माध्यम से गुना एवं राजस्थान सीमा क्षेत्र से अवैध नशे की सामिग्री भी लाई जाती हैं और इन होटल संचालकों के माध्यम से यह सामिग्री शहर में उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसकी जानकारी देहात पुलिस को होने के बाद भी इन होटल संचालकों के खिलाफ आज तक कोई भी न तो छापामार कार्यवाही की जा रही हैं।
वॉक्स:-
आबकारी की अनदेखी क्यों..?
अगर आप शहर के बाहर स्थित ढावों और होटलों पर नजर दौड़ाऐं तो आपके लगभग हर ढावे-होटल पर अवैध देशी व अंग्रेजी शराब मुहैया हो जाऐगी। इतना ही नहीं कई युवा नशेढ़ियों को घर से दूर जाकर नशा करने की आदत से बन गई हैं और इन होटल ढ़ावों पर सारे तरह की नशे की सामिग्री भी उपलब्ध हैं। जिसके चलते शासन को लाखों रूपये के शासकीय राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है, बावजूद इसके आवकारी महकमे द्वारा इस बात की अनदेखी करना समझ से परे हैं।
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बढ़ रहा है देह व्यापार
शिवपुरी एक ऐसा शहर है जिसका नाम देह व्यापार की मण्डियों के मामले में हजारों किलोमीटर तक जाना जाता है, शिवपुरी के माथे से इस दाग को मिटाने के लिए शासन द्वारा प्रचार-प्रयास कर कई नगर बधुओं के विवाह कर उन्हे समाज की मुख्य धारा स भी जोड़ा गा। बावजूद इसके वेजरोजगारी के चलते यह व्यापार एक क्षेत्र मात्र से बाहर निकलकर अब न सिर्फ पॉश कॉलोनियों, बल्कि इन होटल और ढावों तक भी पहुंच गया है, जिसकी वजह से शिवपुरी के दहे व्यापार दिन व दिन अपने पैर पसारता जा रहा है।
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हर नशा है उपलब्ध
ऐसा नहीं है कि इन ढावों पर सिर्फ शराब ही मुहैया होती हो, इसके अलावा भी गांजा, भांग, अफीम, चरस हर नशा यहां जरूरत के मुताबिक मुहैया हो जाता है। इसीलिए अक्सर ढावों पर ट्रक ड्रायवरों के साथ-साथ शहर के नशाप्रेमियों का भी जमाबड़ा लगा रहता है। इन ढावा संचालकों द्वारा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर लेने की वजह से इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
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एड्स रोगियों में बढ़ोत्तरी
इन ढावों और होटलों पर न जाने कितने राज्यों के ड्राईवर-क्लीनर आकर शिवपुरी की महिलाओं से असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करते हैं। इन ड्राईवर-क्लीनरों में कइ तो एड्स पीढ़ित भी होते हैं, जो अपना संक्रमण यहां छोड़ जाते हैं। इन महिलाओं के संपर्क में कई क्षेत्रीय लोग भी आते हैं। जिससे यहंा एड्स रोगियों में दिन व दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसकी हकीकत शासकीय आंकड़े भी वयां करते हैं।
-शाम होते हैं सज जाती हैं इन ढ़ावों की दुकानें
शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी एक ऐसा जिला है, जहां से एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन हाईवे गुजरते हैं। यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 25 और उदयपुर-कानुपर हाईवे पर बसा हुआ है। इसलिए यहां से गुजरने वाले ट्रक-बस व अन्य वाहनों की तादात हजारों नहीं बल्कि लाखों में है। जिसके चलते शहर के बाहर चारों ओर ढावों व होटलों की बाढ़ सी आ गई है। यह वाहन चालक उन्ही ढावों में ठहरना पसंद करते हैं, जहां उन्हे शराब से लेकर शबाव तक सब कुछ मिल जाता है, अत: ग्राहकों की पंसद के चलते इन ढावा संचालकों की मजबूरी है कि इन्हे यहां कुछ मुहैया
करना पड़ता है। इतना ही नहीं इन ढ़ावों पर स्मैक और गांजे का अवैध करोबार भी जमकर चल रहा हैं। इसकी जानकारी पुलिस महकमे को होने के बाद भी इन ढ़ावों जाने क्यों छापामार कार्यवाही नहीं करते हैं। शासन तथा प्रशासन की अनदेखी के चलते इन ढावों पर देह व्यापार सहित नशा खोरी का धंधा दिन दूना रात चौगुना फल-फूला रहा है। इस धंधे के पैर पसारने का एक कारण यह भी है कि यह ट्रक चालक केवल अच्छी ढावों, होटलों पर ठहरते हैं, यहां इन्हे नशा के साथ गर्म गोस्त भी मिले, इसलिए मजबूरी वश ढावा चलाने के लिए संचालकों को इस व्यापार में लिप्त होना पड़ता है। इतना ही नहीं इन सब ट्रक चालकों के माध्यम से गुना एवं राजस्थान सीमा क्षेत्र से अवैध नशे की सामिग्री भी लाई जाती हैं और इन होटल संचालकों के माध्यम से यह सामिग्री शहर में उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसकी जानकारी देहात पुलिस को होने के बाद भी इन होटल संचालकों के खिलाफ आज तक कोई भी न तो छापामार कार्यवाही की जा रही हैं।
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आबकारी की अनदेखी क्यों..?
अगर आप शहर के बाहर स्थित ढावों और होटलों पर नजर दौड़ाऐं तो आपके लगभग हर ढावे-होटल पर अवैध देशी व अंग्रेजी शराब मुहैया हो जाऐगी। इतना ही नहीं कई युवा नशेढ़ियों को घर से दूर जाकर नशा करने की आदत से बन गई हैं और इन होटल ढ़ावों पर सारे तरह की नशे की सामिग्री भी उपलब्ध हैं। जिसके चलते शासन को लाखों रूपये के शासकीय राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है, बावजूद इसके आवकारी महकमे द्वारा इस बात की अनदेखी करना समझ से परे हैं।
वॉक्स:-
बढ़ रहा है देह व्यापार
शिवपुरी एक ऐसा शहर है जिसका नाम देह व्यापार की मण्डियों के मामले में हजारों किलोमीटर तक जाना जाता है, शिवपुरी के माथे से इस दाग को मिटाने के लिए शासन द्वारा प्रचार-प्रयास कर कई नगर बधुओं के विवाह कर उन्हे समाज की मुख्य धारा स भी जोड़ा गा। बावजूद इसके वेजरोजगारी के चलते यह व्यापार एक क्षेत्र मात्र से बाहर निकलकर अब न सिर्फ पॉश कॉलोनियों, बल्कि इन होटल और ढावों तक भी पहुंच गया है, जिसकी वजह से शिवपुरी के दहे व्यापार दिन व दिन अपने पैर पसारता जा रहा है।
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हर नशा है उपलब्ध
ऐसा नहीं है कि इन ढावों पर सिर्फ शराब ही मुहैया होती हो, इसके अलावा भी गांजा, भांग, अफीम, चरस हर नशा यहां जरूरत के मुताबिक मुहैया हो जाता है। इसीलिए अक्सर ढावों पर ट्रक ड्रायवरों के साथ-साथ शहर के नशाप्रेमियों का भी जमाबड़ा लगा रहता है। इन ढावा संचालकों द्वारा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर लेने की वजह से इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
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एड्स रोगियों में बढ़ोत्तरी
इन ढावों और होटलों पर न जाने कितने राज्यों के ड्राईवर-क्लीनर आकर शिवपुरी की महिलाओं से असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करते हैं। इन ड्राईवर-क्लीनरों में कइ तो एड्स पीढ़ित भी होते हैं, जो अपना संक्रमण यहां छोड़ जाते हैं। इन महिलाओं के संपर्क में कई क्षेत्रीय लोग भी आते हैं। जिससे यहंा एड्स रोगियों में दिन व दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसकी हकीकत शासकीय आंकड़े भी वयां करते हैं।
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