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पूर्व सरपंच द्वारा बिजरौनी मुक्तिधाम पर नहीं करने दिया अंतिम संस्कार

तहसीलदार के पहुंचने के बाद मुक्तिधाम से दूर किया अंतिम संस्कार
शिवपुरी। ग्रामों में शासकीय जमीनों पर कब्जा करने की होड़ इस तरह बढ़ गई कि लोगों ने मुक्तिधाम को भी नहीं छोड़ा। जिले में ऐसे कई गांव हैं जहां अंतिम संस्कार करने के लिए भी स्थान उपलब्ध नहीं हो पा रहा। जिसके आए दिन उदाहरण समाने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला बदरवास थाना क्षेत्र के ग्राम बिजरौनी में उस समय सामने आया जब वहां के पूर्व सरपंच द्वारा शासकीय जमीन पर बने शमशान घाट पर कब्जा कर लिया। कब्जाई गई जमीन पर बने शमशान घाट पर एक हरिजन महिला की मौत हो जाने के बाद उसका अंतिम संस्कार करने से रोक दिया गया। मामला बिगड़ता देख तहसीलदार और पुलिस प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचा तब कहीं जाकर समझाईश के बाद शमशानघाट से चंद कदम की दूरी पर महिला अंतिम संस्कार किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरवास थाना क्षेत्र के ग्राम बिजरौनी में रहने वाली एक हरिजन समाज की वृद्ध महिला की मौत हो गई। जिसका अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन मुक्तिधाम पर पहुंचे जहां पर पूर्व सरपंच कृपान सिंह यादव ने यह कहते हुए अंतिम संस्कार करने से रोक दिया कि यह जमीन उसके कब्जे में हैं मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं । सरंपच द्वारा रंजिशन बस उसके घर और मंदिर के नजदीक आम रास्ते के पास रंजिशन बस शमशानघाट निर्माण करा दिया गया। शमशानघाट के निर्माण होने के बाद आम नागरिकों को समस्या उत्पन्न होने लगी थी। जिसके कारण वह न्यायालय से स्टे लेकर आए हैं। ऐसी स्थिति में यहां अंतिम संस्कार करना उचित नहीं था। मामले की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को लगी तो वह तत्काल तहसीलदार और पुलिस ने गांव में पहुंचे काफी समझाईश के बाद शमशानघाट के चबूतरे पर अंतिम संस्कार तो नहीं हुआ वहां से चंद कदम की दूरी पर अंतिम संस्कार किया गया।

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