शिशु वाटिका में कन्या पूजन के साथ किया गया मातृ सम्मेलन
शिवपुरी ब्यूरो। सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में संचालित सरस्वती शिशु वाटिका में नवरात्रि के पावन पर्व पर कन्या पूजन के साथ भंडारे का आयोजन किया गया। कन्या पूजन के साथ ही मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती ज्योति मजेजी वरिष्ठ समाजसेविका एवं अध्यक्षता श्री ज्ञानसिंह कौरव विभाग समन्वयक शिवपुरी विद्या भारती मध्यभारत प्रान्त द्वारा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों का परिचय कु. अर्पिता गुप्ता द्वारा तथा शॉल एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत कु. मानसी श्रीवास्तव एवं श्रीमती रश्मि खरे द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि की आसंदी से श्रीमती ज्योति मजेजी ने कहा कि बेटियाँ तो भगवान वरदान होती हैं क्योंकि कन्या के विना कोई धन नहीं होता है कन्या रहित पिता निर्धन ही होता है , मातृ शक्ति भारतीय संस्कृति में सदैव पूजनीय रही है मातृ शक्ति जो कन्या के रूप में वंदनीय है उसी वंदनीय शक्ति के पूजन के साथ साथ माताओं को अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखना चाहिए उन्हें अपने भीतर जीजाबाई का स्वरूप समझना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ज्ञानसिंह कौरव ने कहा कि वर्तमान में सभी को जागरूक हो सबल होना चाहिए परन्तु हमें अपनी दृष्टि सम्यक रखनी होगी क्योंकि जैसी दृष्टि होगी वैसी ही सृष्टि होगी, सृष्टि निर्मात्री मातृ शक्ति को समाज में पुन: पूर्वत स्थान प्राप्त हो इसी उद्देश्य से मातृ सम्मेलन का आयोजन शिशु मंदिर योजना का एक अभिन्न अंग है। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित माताओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया जिसमें सभी ने बढ़ चल कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन कु.करिश्मा भार्गव द्वारा किया गया सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु आभार प्रदर्शन शिशु वाटिका प्रधानाचार्य श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय के प्राचार्य श्री पवन शर्मा सहित समस्त आचार्य, दीदी, भैया , बहिन एवं बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।
शिवपुरी ब्यूरो। सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में संचालित सरस्वती शिशु वाटिका में नवरात्रि के पावन पर्व पर कन्या पूजन के साथ भंडारे का आयोजन किया गया। कन्या पूजन के साथ ही मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती ज्योति मजेजी वरिष्ठ समाजसेविका एवं अध्यक्षता श्री ज्ञानसिंह कौरव विभाग समन्वयक शिवपुरी विद्या भारती मध्यभारत प्रान्त द्वारा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों का परिचय कु. अर्पिता गुप्ता द्वारा तथा शॉल एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत कु. मानसी श्रीवास्तव एवं श्रीमती रश्मि खरे द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि की आसंदी से श्रीमती ज्योति मजेजी ने कहा कि बेटियाँ तो भगवान वरदान होती हैं क्योंकि कन्या के विना कोई धन नहीं होता है कन्या रहित पिता निर्धन ही होता है , मातृ शक्ति भारतीय संस्कृति में सदैव पूजनीय रही है मातृ शक्ति जो कन्या के रूप में वंदनीय है उसी वंदनीय शक्ति के पूजन के साथ साथ माताओं को अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखना चाहिए उन्हें अपने भीतर जीजाबाई का स्वरूप समझना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ज्ञानसिंह कौरव ने कहा कि वर्तमान में सभी को जागरूक हो सबल होना चाहिए परन्तु हमें अपनी दृष्टि सम्यक रखनी होगी क्योंकि जैसी दृष्टि होगी वैसी ही सृष्टि होगी, सृष्टि निर्मात्री मातृ शक्ति को समाज में पुन: पूर्वत स्थान प्राप्त हो इसी उद्देश्य से मातृ सम्मेलन का आयोजन शिशु मंदिर योजना का एक अभिन्न अंग है। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित माताओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया जिसमें सभी ने बढ़ चल कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन कु.करिश्मा भार्गव द्वारा किया गया सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु आभार प्रदर्शन शिशु वाटिका प्रधानाचार्य श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय के प्राचार्य श्री पवन शर्मा सहित समस्त आचार्य, दीदी, भैया , बहिन एवं बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।
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