नगर पंचायत बैराड़ में हुई अवैध नियुक्तियों का मामला, हाईकोर्ट के समक्ष पहुंचा
-उच्चस्तरीय जांच जल्द शुरू हो जाने की संभावना, कई पर गिरेगी गाज
बैराड़ नि.प्र.। बैराड़ नगर पंचायत में भाई भतीजा वाद भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों का मामला। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है। जल्द ही उच्च स्तरीय जांच शुरू हो जाने की संभावना है। जिसके चलते एक नहीं एक दर्जन अधिकारियों एवं पंचायत सचिव और जनप्रतिनिधियों पर गाज गिरेगी। दर असल नगर परिषद सीएमओ और अध्यक्ष ने पी आई सी समिति के सदस्य को सौंपी गई थी। इसी बीच पी आई सी के मेंबरो पर अवैध नियुक्तियों का बड़ा खेल हुआ। आखिर अवेध नियुक्तियां कर किसके आदेश पर एक-एक कर अवैध नियुक्तियों की संख्या सेंकड़ों में पहुंच गई है। जानकारी के अनुसार इतनी अवैध नियुक्तियां होने की सूचना से वेरोजिगार युवा भी हतप्रभ है। क्योंकि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी तो समितियों में बहुत अधिक अवैध नियुक्तियां हुई थी। तब भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अवैध नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन धरना प्रदर्शन तक किए थे। आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार में घोटाला हुआ है। अब जब अपने ही सरकार में अवैध नियुक्तियों का घोटाला साफ तौर पर सामने आ गया है तो भाजपा नेताओं के साथ ही टेंशन बढ़ना स्वाभाविक है। याचिका के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ ने अवैध नियुक्तियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश जारी कर दिए है अवैध नियुक्तियों की जांच की जाए। ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। नगर पंचायत अध्यक्ष, सी एम ओ और पंचायत सचिवों की विशेष भूमिका रही है। पी आई सी समिति के सदस्य अवैध नियुक्तियों की प्रक्रिया में शामिल हैं। सी एम ओ ने अपने भतीजा एवं रिश्तेदारों को और अध्यक्ष ने बेटा, भाई, भतीजे, रिस्तेदारो और अपने चेहतो को अवैध रूप नियुक्त किया है। जिन पर गाज गिरना तय है। और दलालों के द्वारा अच्छी खासी रकम वसूली गई है। इन अवैध नियुक्तियों में मोटी रकम वसूलने वालों में कई नगर जनप्रतिनिधि भी शामिल होना बताएं जा रहे है। जिस से दावेदारी पर अब खतरा बढ़ना तय है। इन अवैध नियुक्तियों में श्रेत्रीय वरिष्ठ नेताओ का भी हाथ होना बताया जा रहा है। अब राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति पोहरी के ब्लांक अध्यक्ष माखन सिंह धाकड़ पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने के प्रयास में लगे हैं। उनकी हर संभव कोशिश है कि किसी भी स्तर पर कहीं कोई भ्रष्टाचार ना हो। ऐसे में अवैध नियुक्तियां हो जाना बड़ी ही आश्चर्यजनक बात है। इसीलिए राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति भी अवैध नियुक्तियों के मामले में जल्द और सख्त से सख्त कार्रवाई चाहता है। पहले से ही इसी तरह शिकायतो के वाद भी सी एम ओ और अध्यक्ष अवैध नियुक्तियां करते आ रहे हैं जबकि बेरोजगार, योग्य युवाओं को नियुक्तियां मिलनी चाहिए जो कि इसके पात्र है। जबकि अपात्र अपने पुत्र व भाई भतीजा वाद और रिश्तेदारों के साथ ही संपन्न परिवारों के लोगों को मोटी रकम लेकर अवैध नियुक्तियां दे रहे हैं। इसकी जांच ही नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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